जिसने वोट दिया अपना टॉर्च जलाए, माँग कर जलाए लेकिन हमारे लिबरल और सेकुलर लोगों का क्या? हमारी तो अभी से ही सुलगने लगी है, और पाँच तारीख तक तो हवा का बहाव सही रहा तो आग भी जल जाएगी।
"मरकज के जमातियों का टेस्ट हुआ, उसमें किसी को भी कोरोना वायरस नहीं पाया गया और मीडिया कह रही है कि कोरोना वायरस तबलीगी जमातियों ने फैलाया है। कैसे? समझ रहे हो आप?"
"मैसेज के माध्यम से खाना पकाने की गैस का ऑर्डर स्वीकार नहीं हो रहा है। क्या सिलेंडरों की आपूर्ति प्रभावित हुई है या एजेंसियाँ ठीक से काम नहीं कर रहीं।"
“पूरा देश खतरे में है, सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर रखा है, और तुम फतवे का इंतजार कर रहे हो? देश फतवे से चलेगा या लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार से चलेगा? यही तुम लोगों का असली चेहरा है, पूरी मानवता खतरे में है और तुम लोग फतवे के इंतजार में हो? शर्म आती है तुम जैसे जाहिलों पर।”
प्रोफेसर कौशल किशोर ने रवीश कुमार को सलाह देते हुए कहा कि वो थोड़ी सकारात्मक बातें भी करें। जब प्रधानमंत्री देश की जनता की परेशानी के लिए क्षमा माँग रहे हैं, ऐसे में रवीश क्या कहते हैं कि देश की सारी जनता मर जाए?
आलीम ने NDTV के ट्वीट पर अपनी इच्छा जाहिर करते हुए पूछा - इंडियन FM किधर है? लेकिन, जैसे ही अन्य यूजर्स ने उसे इस पर घेरना शुरू किया और उसके ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल होना शुरू हुआ, उसने फौरन अपना अकॉउंट डिएक्टिवेट कर दिया और मुजरिमों की तरह ट्विटर से फरार हो गया।
पुलिस ने कॉल कर रहे शख्स को समोसे तो दी ही लेकिन इसके बदले में उससे सामाजिक कार्य के तहत नाली साफ़ करवाई गई। ताकि कम से कम उसे आगे से इस बात का ध्यान रहे कि उसे पुलिस कण्ट्रोल रूम में अनावश्यक रूप से कॉल नहीं करना है - कम से कम चार समोसे मँगवाने के लिए तो फोन नहीं ही करना है 🙂
रानीपुर इलाके में पहुँची एक टीम के साथ स्थानीय लोगों ने बदसलूकी की और टीम के सामने ही मुँह में पानी भरकर उनके ऊपर जूठा पानी फेंका गया और थूका गया। यही नहीं, जाँच टीम द्वारा उन्हें समझाने पर उनके साथ गाली-गलौज भी की गई।
जैसे ही रामायण का पहला एपिसोड शुरू हुआ, लोगों ने गूगल पर रामानंद सागर की रामायण सर्च करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से यह गूगल में टॉप सर्च में आ गया। दरअसल लोग यह जानने को काफी उत्सुक थे कि इसका प्रसारण कब शुरू होगा और वो इसे ऑनलाइन कैसे देख पाएँगे।
कुछ लोगों का मानना है कि सरकार ने इस फैसले से कोरोना के कारण छवि को होने वाले नुकसान की भरपाई का जरिया बनाते हुए यह भी साबित करने का प्रयास किया है कि रामानंद सागर द्वारा निर्मित इस धारावाहिक के पीछे आरएसएस के हिंदुत्ववादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार था।