'मुस्लिम होने के कारण मेरी बेटी के मुँह पर थूका' वाली कहानी वायरल है। लेकिन जिस बच्ची को 'पीड़ित' बताया जा रहा, उसके अम्मी-अब्बू का 'जहर' तो हिंदू घृणा की एक अलग ही कहानी कहती है।
एक शिष्य के पूछने पर कहा था कि उन्हें ठीक करने का संकल्प काम नहीं करेगा, क्योंकि उनका शरीर से अपनापन नहीं रह गया है, उन्होंने अपना सब कुछ अपने आराध्य को सौंप दिया है।