Saturday, November 16, 2024
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फ़ैक्ट चेक: PM मोदी ने ‘बहन’ की गाली दी! कॉन्ग्रेस ने किया वायरल, सोशल मीडिया पर पड़ी लताड़

जो गुजराती नहीं हैं, उनका इस प्रोपेगेंडा में फँसना समझा जा सकता है लेकिन गुजरात कॉन्ग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया, जो ख़ुद एक गुजराती हैं, उन्हें इस झूठ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था।

लंबे समय से कॉन्ग्रेस इस ताक में है कि कब और कैसे पीएम मोदी पर निशाना साधा जाए और उनकी छवि को धूमिल किया जाए। ऐसी ही कोशिश में कॉन्ग्रेस आईटी-सेल के सदस्य गौरव पांधी ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के कुछ हिस्सों के साथ एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो को संपादित कर लूप के ज़रिए एक ‘अपमानजनक’ शब्द को बार-बार सुनाया गया। इस वीडियो पर यूजर्स ने अपनी आपत्ति दर्ज कर यह दावा किया कि पीएम मोदी के शब्दों को ग़लत रूप से प्रचारित किया जा रहा है। साथ ही उनके (पीएम) गुजराती भाषा में बोले गए शब्दों को सही रूप में भी अवगत कराया।

इस वीडियो क्लिप में, पीएम मोदी ने गुजराती में कहा, “लोको इम के छे भाव्या मा लदाईयो पानि थावैं छे। आल्हा भाई बुरा कहो पानि न लाडई थावैं छे से पाछि अइयार अउ पनि पेहला पेल केम ना बँधइये?” (लोग कह रहे हैं कि आने वाले समय में दुनिया पानी के लिए लड़ेगी। अगर लोग भविष्य में पानी को लेकर लड़ने वाले हैं, तो इस तरह का संकट आने से पहले हम एक बाँध का निर्माण क्यों नहीं कर लें?”

भाग “थवैन छे” जिसका अर्थ है “होगा (या जगह लेंगे)” यदि लूप पर रखा जाता है तो एक वो एक अपमानजनक शब्द (गाली) की तरह लगेगा। गौरव पांधी को शब्दों के लूप से खेलना बहुत पसंद है, इससे उनकी जो छवि उभर कर सामने आ रही है वो ‘पिद्दी’ की है।

पांधी को कई लोगों ने लताड़ लगाते हुए उसके द्वारा भ्रम फैलाने वाले शब्दों के सही अर्थ से अवगत कराया, इसमें ‘द क्विंट’ भी शामिल था, जिसके द्वारा पीएम मोदी के भाषण को लाइव-स्ट्रीम किया गया था, जिसका कुछ हिस्सा पांधी ने संपादित कर देश के प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व को मैला करने की कुटिल चाल चली।

सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने पीएम मोदी के शब्दों के सही रूप को बताया, जिससे देश की जनता अपने मन में उनकी ग़लत छवि न बना ले।

Altnews के संस्थापक ने भी पांधी के दुष्प्रचार को ग़लत करार देते हुए लिखा कि पीएम मोदी ने ऐसे किसी ग़लत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। साथ ही प्रतीक सिन्हा ने पांधी को कहा कि इसकी पुष्टि के लिए वो किसी गुजराती से पूछ सकते हैं।

इसके जवाब में पांधी ने लिखा कि उसने यह वीडियो गुजरात से ही प्राप्त किया था, जिसे एक से अधिक गुजरातियों ने चेक किया था।

हालाँकि, यह ख़बर लिखे जाने तक तो AltNews ने पांधी की ग़लत जानकारी पर किसी तरह का कोई फ़ैक्ट-चेक नहीं किया था।

फ़िलहाल, अन्य कॉन्ग्रेस-हितैषी लोग और पिद्दी भी इस कुटिल चाल का हिस्सा बन गए हैं।

चूँकि इनमें कुछ ग़ैर-गुजराती शामिल थे और शायद वो बोलचाल की भाषा की बारीकियों से नहीं समझ सके इसलिए ऐसे लोगों को तो दोषी नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन गुजरात कॉन्ग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया, जो ख़ुद एक गुजराती हैं, उन्हें इस झूठ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था।

गुजरात में 23 अप्रैल को आम चुनाव के लिए मतदान होना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण और दु:खद है कि गुजरात कॉन्ग्रेस ने ऐसी सस्ती और घटिया रणनीति का सहारा लिया, जिस पर शर्मिंगदगी होनी चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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