लंबे समय से कॉन्ग्रेस इस ताक में है कि कब और कैसे पीएम मोदी पर निशाना साधा जाए और उनकी छवि को धूमिल किया जाए। ऐसी ही कोशिश में कॉन्ग्रेस आईटी-सेल के सदस्य गौरव पांधी ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के कुछ हिस्सों के साथ एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो को संपादित कर लूप के ज़रिए एक ‘अपमानजनक’ शब्द को बार-बार सुनाया गया। इस वीडियो पर यूजर्स ने अपनी आपत्ति दर्ज कर यह दावा किया कि पीएम मोदी के शब्दों को ग़लत रूप से प्रचारित किया जा रहा है। साथ ही उनके (पीएम) गुजराती भाषा में बोले गए शब्दों को सही रूप में भी अवगत कराया।
What kind of language is this Mr. PM? Does it beholds the Prime Minister of the country to use profanity and that too publicly? Shocking beyond belief !! Have some respect for the chair, if nothing else. ? pic.twitter.com/tVrHVbSlek
— Gaurav Pandhi गौरव पांधी (@GauravPandhi) April 21, 2019
इस वीडियो क्लिप में, पीएम मोदी ने गुजराती में कहा, “लोको इम के छे भाव्या मा लदाईयो पानि थावैं छे। आल्हा भाई बुरा कहो पानि न लाडई थावैं छे से पाछि अइयार अउ पनि पेहला पेल केम ना बँधइये?” (लोग कह रहे हैं कि आने वाले समय में दुनिया पानी के लिए लड़ेगी। अगर लोग भविष्य में पानी को लेकर लड़ने वाले हैं, तो इस तरह का संकट आने से पहले हम एक बाँध का निर्माण क्यों नहीं कर लें?”
भाग “थवैन छे” जिसका अर्थ है “होगा (या जगह लेंगे)” यदि लूप पर रखा जाता है तो एक वो एक अपमानजनक शब्द (गाली) की तरह लगेगा। गौरव पांधी को शब्दों के लूप से खेलना बहुत पसंद है, इससे उनकी जो छवि उभर कर सामने आ रही है वो ‘पिद्दी’ की है।
पांधी को कई लोगों ने लताड़ लगाते हुए उसके द्वारा भ्रम फैलाने वाले शब्दों के सही अर्थ से अवगत कराया, इसमें ‘द क्विंट’ भी शामिल था, जिसके द्वारा पीएम मोदी के भाषण को लाइव-स्ट्रीम किया गया था, जिसका कुछ हिस्सा पांधी ने संपादित कर देश के प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व को मैला करने की कुटिल चाल चली।
This has been photoshopped and re- edited to misrepresent. We have reported it. Here’s the link to our original video:https://t.co/t09XnooFhj
— The Quint (@TheQuint) April 21, 2019
(P.S. Don’t be #WebQoof. To get stories fact-checked, write to @QuintFactCheck at 9910181818 or email us at [email protected]) https://t.co/kIIOBe0lxC
सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने पीएम मोदी के शब्दों के सही रूप को बताया, जिससे देश की जनता अपने मन में उनकी ग़लत छवि न बना ले।
Hi @GauravPandhi, that word has not been used by the PM. @TheQuint has live-streamed the PM’s speech. The comment on it has been photoshopped. @narendramodi was speaking in Gujarati. @free_thinker did explain it to you in detail. Better not to spread fake news, right?
— Sohini Guharoy (@sohinigr) April 21, 2019
Altnews के संस्थापक ने भी पांधी के दुष्प्रचार को ग़लत करार देते हुए लिखा कि पीएम मोदी ने ऐसे किसी ग़लत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। साथ ही प्रतीक सिन्हा ने पांधी को कहा कि इसकी पुष्टि के लिए वो किसी गुजराती से पूछ सकते हैं।
He didn’t say anything like that. This is pathetic. Ask anybody who understands Gujarati. https://t.co/HoDrCKbaI2
— Pratik Sinha (@free_thinker) April 21, 2019
इसके जवाब में पांधी ने लिखा कि उसने यह वीडियो गुजरात से ही प्राप्त किया था, जिसे एक से अधिक गुजरातियों ने चेक किया था।
I got it from Gujarat only and before sharinf I got it checked with more than one Gujarati !! Pathetic is what he said!
— Gaurav Pandhi गौरव पांधी (@GauravPandhi) April 21, 2019
हालाँकि, यह ख़बर लिखे जाने तक तो AltNews ने पांधी की ग़लत जानकारी पर किसी तरह का कोई फ़ैक्ट-चेक नहीं किया था।
फ़िलहाल, अन्य कॉन्ग्रेस-हितैषी लोग और पिद्दी भी इस कुटिल चाल का हिस्सा बन गए हैं।
I can confirm that the Prime Minister did use a terrible unparliamentary word today .. he exposed himself
— Sid (@sidmtweets) April 21, 2019
I urge the EC to investigate this
BJP media & party workers like @anjanaomkashyap have got instructions to deny this. Don’t be afraid of these ppl, speak the truth https://t.co/VkU1rroWrw
चूँकि इनमें कुछ ग़ैर-गुजराती शामिल थे और शायद वो बोलचाल की भाषा की बारीकियों से नहीं समझ सके इसलिए ऐसे लोगों को तो दोषी नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन गुजरात कॉन्ग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया, जो ख़ुद एक गुजराती हैं, उन्हें इस झूठ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था।
मोदीजी आप प्रधानमंत्री है।
— Arjun Modhwadia (@arjunmodhwadia) April 21, 2019
ये भाषा आपको शोभा नहीं देती।
आपकी ये गालीप्रदान गुजरात और देशको शर्मिंदा करती है! pic.twitter.com/jiTNY8GTbY
गुजरात में 23 अप्रैल को आम चुनाव के लिए मतदान होना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण और दु:खद है कि गुजरात कॉन्ग्रेस ने ऐसी सस्ती और घटिया रणनीति का सहारा लिया, जिस पर शर्मिंगदगी होनी चाहिए।