आज तक ग्रुप का यूट्यूब चैनल ‘UP तक’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में खुलेआम फेक न्यूज़ फैलाता पकड़ा गया है। उत्तर प्रदेश के देवबंद में मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों के इस इंटरव्यू का शीर्षक है, ‘मोदी ने काम तो बहुत किया पर वोट नहीं दे सकते!, क्यों ऐसा बोल रहीं हैं देवबंद की मुस्लिम महिलाएँ?: UP Tak’
वीडियो का यह शीर्षक वीडियो की सामग्री के लिहाज से पूरी तरह झूठ है। वीडियो के अन्दर मुस्लिम महिलाएँ न केवल मोदी के द्वारा कराए गए विकास कार्यों की तारीफ़ करतीं हैं और कई योजनाओं का लाभार्थी खुद होने की बात स्वीकारतीं हैं, बल्कि उनमें से एक महिला साफ-साफ कहतीं हैं कि अगर मोदी से उन्हें फायदा हो रहा है तो बिलकुल उन्हें ही वोट देंगी। उनके खुद के शब्दों में, ‘देखो… हम तो बाहर निकलते नहीं हैं… हमें कोई मालूम नहीं है… जहाँ जैसा कोई कहेगा कर देंगे… भाई, जहाँ से हमें कोई फायदा होगा (परिप्रेक्ष्य में यह विकास कार्यों के फायदे की ओर इंगित करता है), वहाँ अपना लगा देंगे (निशान, मत चिह्न), (अस्पष्ट) भेज देंगे।’ इस कथन को वीडियो में 1:51 के आस-पास से सुना जा सकता है।
चार से की बात, एक ने भी नहीं की मोदी की बुराई
यूपी तक के वीडियो में चार मुस्लिम समुदाय की महिलाओं से बात की गई है, जिनमें से तीन से मोदी को वोट देने को लेकर सवाल ही नहीं पूछा गया है। एक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने उपरोक्त उत्तर दिया। बाकी तीनों का भी मोदी को लेकर नजरिया सकारात्मक ही रहा। यही नहीं, एक मुस्लिम महिला ने तो मोदी ही नहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी बात अपनी तरफ से जोड़ कर उनकी तारीफ़ कर दी।
अब जबकि तीन महिलाओं से पूछा ही नहीं कि आप मोदी को वोट देंगी या नहीं, वे मोदी के काम से खुश हैं, और जिस एक से पूछा उसने भी मोदी को वोट देने से इंकार नहीं किया, तो किस आधार पर आज तक ग्रुप के इस चैनल ने लिख दिया कि विकास कार्य होने के बावजूद देवबंद की मुस्लिम महिलाएँ मोदी को वोट नहीं देंगी?
फेक न्यूज़ फ़ैलाने के खुद में गंभीर कृत्य के साथ ही जगह का चुनाव भी महत्वपूर्ण है। देवबंद का इस्लामी जगत में बहुत प्रभाव है। यहाँ के रुढ़िवादी-से-रुढ़िवादी फतवे तक अंतरराष्ट्रीय धमक रखते हैं। ऐसे में यदि यह सन्देश देवबंद के मुस्लिमों ‘की ओर से’ प्रसारित हो कि मोदी चाहे जो विकास कर ले, उसे वोट नहीं देना है तो देश का कोई ऐसा हिस्सा नहीं, जहाँ का मुस्लिम वोट नहीं प्रभावित होगा। और वीडियो देख कर यह साफ़ पता चलता है कि यह सन्देश फर्जी होगा।
क्या यह फ़ेक न्यूज़ फ़ैलाने के साथ-साथ धारा 171[G] के अंतर्गत चुनावों को अवैध रूप से (चुनावों के सम्बन्ध में झूठ बोलकर) प्रभावित करने का अपराध नहीं है ?