Tuesday, November 19, 2024
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Alt न्यूज का फैक्ट चेक फिर से सवालों के घेरे में, पेट्रोल पंप पर नोट फेंकने वाले इलियास को बताया पैरलाइज़्ड

जब यूसुफ पैसों का लेन देन अपने उल्टे हाथ से कर रहा था तो फिर उसके सीधे हाथ में वो 20 का नोट कैसे आया? क्या उसने पहले से अपने हाथ में वो नोट फँसाया हुआ था? जो उसके हाथ से स्कूटर चलाते वक्त जमीन पर आकर गिर गया और सामने पड़े होने के बावजूद उसकी नजर उसपर नहीं गई, न उसने उसे उठाने की जहमत की।

बीते दिनों देश में कोरोना के कहर के बीच कुछ वीडियोज वायरल हुईं। इन वीडियोज में समुदाय विशेष के लोग आपत्तिजनक हरकतें करते नजर आए। इसके बाद सोशल मीडिया पर इनपर खूब सवाल उठे। मगर स्वघोषित फैक्टचेकर Alt न्यूज इनका लगातार बचाव करता रहा। इस बार भी कहानी बिलकुल इसी क्रम में हैं। सोशल मीडिया पर एक पेट्रोल पंप की वीडियो वायरल हुई। वीडियो में हमने देखा कि एक मुस्लिम युवक अपनी स्कूटी में पेट्रोल भरवाने पेट्रोल पंप पर आया और जब पेट्रोल भर गया तो वहाँ से जाते हुए अपने सीधे हाथ से 20 रुपए का नोट गिरा गया।

गौरतलब है कि ऐसे समय में जब सोशल मीडिया पर 500 रुपए के नोट में थूक लगाकर कोरोना फैलाने की धमकियाँ दी जा रही हैं, उस समय में ऐसी घटना भय व्याप्त कराने के अतिरिक्त कुछ और नहीं समझीं जा सकतीं। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर लोगों ने इस वीडियो के बाद व्यक्ति की मंशा पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। लेकिन, जैसे ही लोग हमलावर हुए और वीडियो सबके संज्ञान में आनी शुरू हुई। Alt न्यूज मसीहा बनकर उस व्यक्ति के कर्म को जस्टिफाई करने के लिए सामने आ गया।

मुस्लिम समुदाय के कुकर्मों को अकसर अपने घटिया तर्कों से छिपाने वाले प्रतीक सिन्हा की वेबसाइट ने इसपर भी अपना ज्ञान दिया। उन्होंने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया और बताया कि इसकी हकीकत जानने के लिए उन्होंने नवसारी पुलिस से संपर्क किया और इसके बारे में पड़ताल की। जहाँ पुलिस ने बताया कि उन्हें पेट्रोल पंप के मालिक ने इस बारे में सूचना दी थी, जिसके बाद जब उन्होंने उस व्यक्ति का पता लगाया तो उसका नाम मो यूसुफ इलियास शेख मालूम हुआ, जो कि वलसाड का रहने वाला है।

ऑल्ट न्यूज ने फैक्ट चेक में ये भी कहा कि पुलिस ने उन्हें यहाँ तक बताया कि उनकी पूछताछ में उन्हें मालूम चला कि आरोपित का हाथ पैरलाइज्ड है। इसलिए उसके हाथ से वो नोट गिर गया। इसके बाद पुलिस ने उसका मेडिकल टेस्ट कराया व होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी।

अब हालाँकि, जो तथ्य ऑल्टन्यूज ने अपने फैक्ट चेक में पेश किए। उससे साबित होता है कि फैक्टचेक वेबसाइट ने पूरी जी जान से इस मामले में इलियास को निर्दोष साबित करने की कोशिश की। लेकिन यदि इस केस में कुछ महत्तवपूर्ण बिंदुओं पर गौर करें तो मालूम चलेगा कि केवल इलियास ही नहीं बल्कि प्रतीक सिन्हा की वेबसाइट भी खुलेआम एक बार फिर झूठ बोल रही है।

सबसे पहले ये गौर करिए कि इस फैक्ट चेक में कहा गया कि मोहम्मद युसूफ इलियास का सीधा हाथ पैरलाइज्ड है। लेकिन वीडियो देखने पर मालूम चलता है कि वे उसी हाथ से स्कूटर चलाकर 30 किमी दूर पेट्रोल पंप तक आया। जी हाँ, गूगल के मुताबिक, जो जगह इलियास ने पूछताछ में पुलिस को बताई उसकी दूरी उसके निवास से 30 किमी की दूरी पर है और जहाँ बिना ट्रैफिक के भी सफर करने में लगभग 40 मिनट लगते हैं।

अगर हाथ वाकई ही पैरलाइज्ड है तो फिर 30 किलोमीटर स्कूटर को कैसे चलाया गया? क्योंकि दुपहिया, जिसे लेकर यूसुफ निकला, उसमें एस्कलेटर तो दाईं तरफ ही होता है। अगर उसे वाकई दिक्कत होती, तो इतनी दूर अकेले सफर करना कैसे संभव होता। लेकिन फिर भी हम वीडियो को थोड़ा ध्यान से देखें तो मालूम चलेगा कि नोट फेंकने के बाद इलियास ने आराम से स्कूटर का दायाँ हैंडल पकड़ा और उसे चलाया।

पुलिस ने उसे निर्दोष नहीं बताया

अपनी रिपोर्ट में एक जगह ऑल्ट न्यूज ने पुलिस के बयान का उल्लेख करते हुए ये जताने की भी कोशिश की है कि शेख निर्दोष है, फिर भी उसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। जबकि हकीकत ये है कि पुलिस ने कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि वे बेगुनाह है और उसकी ये हरकत कोरोना महामारी के बीच में लोगों में भय व्याप्त करने वाली नहीं है। पुलिस अब भी इस मामले में जाँच कर रही है और पुलिस के किसी बयान से उसकी मंशा साफ नहीं होती है

मोहम्मद युसूफ को क्यों क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई

आल्ट न्यूज की खबर में एक जगह इलियास के कोरोना संक्रमित होने पर भी पुलिस से सवाल किया गया। जहाँ पुलिस ने उसे संक्रमित होने की बात नहीं कही। बल्कि ये कहा कि वे उसे मेडिकल जाँच के लिए लेकर गए थे और उसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। लेकिन फिर भी उसे क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई है। अब किसी भी आम फैक्टचेकर के लिए ये संदेह वाला बिंदु हो सकता है। लेकिन चूँकि ऑल्ट न्यूज को अपना मनचाहा प्वाइंट यहीं से मिलता है इसलिए वे पुलिस से ये भी सवाल पूछना जरूरी नहीं समझते कि आखिर जब लक्षण नहीं थे तो उसे क्वारंटाइन होने को क्यों कहा गया।

लेकिन, जब ऑपइंडिया ने इस तथ्य की पुष्टि के लिए इंस्पेक्टर से बात की। तो उन्होंने ये स्पष्ट कहा कि उन्होंने इसलिए उसे क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी है। क्योंकि उसका सैंपल मेडिकल टेस्ट के लिए गया है। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि आजकल सोशल मीडिया पर बहुत सी वीडियोज घूम रही है, जिनमें कोरोना संक्रमित मरीज नोटों पर थूक लगाकर सड़कों पर फेंक रहे हैं। ताकि कोरोना फैल सके। इसलिए जब तक उसके रिजल्ट सामने नहीं आ जाते तब तक इलियास को क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है।

सीधे हाथ में कैसे आया 20 का नोट?

सबसे दिलचस्प और हास्यास्पद बात जो ऑल्टन्यूज अपने अजेंडे को चलाने के लिए गौर करना और उसपर सफाई देना भूल जाता है, वो ये कि आखिर जब यूसुफ पैसों का लेन देन अपने उल्टे हाथ से कर रहा था तो फिर उसके सीधे हाथ में वो 20 का नोट कैसे आया? क्या उसने पहले से अपने हाथ में वो नोट फँसाया हुआ था? जो उसके हाथ से स्कूटर चलाते वक्त जमीन पर आकर गिर गया और सामने पड़े होने के बावजूद उसकी नजर उसपर नहीं गई, न उसने उसे उठाने की जहमत की।

इतना ही नहीं, जब ऑपइंडिया ने उसी पुलिस इंस्पेक्टर से बात की, जिसकी बात की तर्ज पर ऑल्ट न्यूज ने पूरा फैक्ट चेक किया। तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि दरअसल, आरोपित का एक एक्सिडेंट हो रखा है। इसलिए, ये नहीं कहा जा सकता कि उसके हाथ में वाकई फालिश हुई थी। इंस्पेक्टर ब्रह्मदत्त ने बताया कि एक्सिडेंट के कारण आरोपित की 3 उंगलियाँ काम नहीं कर रही थी। मगर, 2 उंगलियाँ एकदम ठीक थी।

अब खुद सोचिए अगर, शेख के हाथ की दो उंगलियाँ भी काम कर रही हैं, तो इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता कि उसे ये चीज महसूस न हुई हो कि उसके हाथ से 20 का नोट गिरा। क्योंकि उस समय भी उसका हाथ इतना काम कर रहा था कि स्कूटर के एस्कलेटर को संभाल सके।

कोर्ट करेगा फैसला!

इसके बाद अंत में यह स्पष्ट कर दें, कि पुलिस का बयान ऑल्ट न्यूज के फैक्ट चेक का उद्देश्य दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। क्योंकि पुलिस ने ऑपइंडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने उसके ख़िलाफ़ आपदा कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उनका कहना है कि अब कोर्ट इस बात का निर्णय लेगा कि वो निर्दोष या फिर दोषी।

अब हालाँकि, इन सवालों के जवाब आपको प्रतीक सिन्हा के फैक्ट चेक से कहीं भी नहीं मिलते। लेकिन उनके पहले के प्रोपेगैंडों की लिस्ट देखकर ये पुष्टि जरूर होती है कि ये सब लीपापोती फिर से इनके अजेंडे का हिस्सा है। क्योंकि इससे पहले इसी ऑल्ट न्यूज ने जामिया में भड़की हिंसा में पुलिस पर पत्थरबाजी करने वाले छात्र को लेकर ये दावा किया था कि लोग उसे लेकर झूठ फैला रहे हैं क्योंकि उसके हाथ में वॉलेट था। जबकि वीडियो में साफ दिखता है कि उसके हाथ में पत्थर था।

इसी प्रकार फल विक्रेता शेरू मियाँ की हरकत पर भी ऑल्ट न्यूज ने ऐसे तथ्यों से उसकी हरकत को हल्की बात दिखानी चाही थी। साथ ही ये अपने फैक्ट चेक में ये तर्क दिया था कि शेरू ने फलों पर थूक कोरोना महामारी के बीच नहीं लगाया बल्कि ये वीडियो फरवरी की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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