राजधानी एक्सप्रेस को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स मे फैलाए जा रहे झूठ को भारतीय रेलवे ने खारिज किया है। पिछले दिनों कहा गया था कि झारखंड में इस ट्रेन से दो मजदूरों को यह कहकर निकाल दिया गया कि उनकी औकात नहीं है, जबकि रेलवे ने सीसीटीवी फुटेज जारी करके साबित किया है कि स्टेशन से ट्रेन के छूटने के बाद दोनों यात्री वहाँ पहुँचे और बाद में झूठी शिकायत दर्ज करवा दी।
इन दोनों मजदूरों की शिकायत पर कई हिंदी मीडिया संस्थान ने बुधवार को रिपोर्ट की थी। इनके नाम रामचंद्र यादव और अजय यादव हैं। इनका कहना था कि नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस से टीटीई ने इन्हें कोडरमा जंक्शन पर उतार दिया और कहा कि इसमें बड़े लोग सफर करते हैं, उनकी इतनी औकात नहीं है कि वो इसमें चढ़ें।
इस घटना के बाद दोनों ने टीटीई के ख़िलाफ़ स्टेशन मास्टर के पास शिकायत दर्ज करवाई, जिसे बाद में रेलवे प्रशासन को फॉरवर्ड कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स ने इस दावे की गंभीरता दर्शाने के लिए धनबाद रेल डिविजन के आशीष बंसल को कोट किया और उनके हवाले से कहा कि यदि ये सब सच है तो मजदूरों के साथ गलत हुआ और मामले की जाँच के बाद आरोपित पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इस खबर को ऑल इंडिया महिला कॉन्ग्रेस ने भी ट्वीट किया और सारा ठीकरा रेल मंत्री पर फोड़ दिया। हालाँकि, आज धनबाद के डीआरएम आशीष बंसल ने इस खबर के बाबत सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। अमर उजाला में प्रकाशित संबंधित खबर का लिंक साझा करते हुए उन्होंने कहा,
“आपकी ख़बर तथ्यों पर आधारित नहीं है। भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस सुबह 05:22 पर खुल चुकी थी, जबकि यात्री 05:23 पर उपरिगामी पुल पर दौड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। कृप्या समाचार को संशोधित करें।”
अपने ट्वीट के साथ उन्होंने ओवरब्रिज की फुटेज भी डाली, जिसमें दोनों मजदूर 5:23 पर दौड़ते नजर आ रहे थे। डीआरएम का कहना था कि ये लोग 5:23 पर स्टेशन पर पहुँचे ही हैं, जबकि ट्रेन 5:22 पर स्टेशन से जा चुकी थी।
आपकी ख़बर तथ्यों पर आधारित नहीं है। भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस सुबह 05:22 पर खुल चुकी थी जबकि यात्री 05:23 पर उपरिगामी पुल पर दौड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। कृपया समाचार को संशोधित करें। https://t.co/A5oqSPUbJl pic.twitter.com/wlLY1z7Eak
— DRM/DHANBAD, ASHISH BANSAL (@drmdhnecr) December 31, 2020
बंसल के ट्वीट के बाद अमर उजाला ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और उसी खबर को नई जानकारी डाल कर प्रकाशित कर दिया। वहीं, रेलवे ने भी आधिकारिक बयान जारी कर मीडिया के दावों को खारिज किया और कहा कि इनमें दिए गए तथ्य बिलकुल गलत हैं। यात्रियों की ट्रेन इसलिए छूटी क्योंकि वह देर से पहुँचे, न कि इसलिए क्योंकि उनकी किसी रेलवे स्टाफ से झड़प हुई।
बयान में कहा गया कि ये यात्री ओडिशा की प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। इन्होंने पहले स्टेशन मास्टर के सामने गलत बयान दिया, फिर इसकी कॉपी अपने नियोक्ता को भेजी। आखिर में यह किसी प्रेस रिपोर्टर तक पहुँची और मामला प्रकाशित हुआ। रेलवे का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला आते हुए उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जाँच से सच्चाई पता लगाई। अब धनबाद रेलवे डिवीजन अखबारों में इस मामले पर एक चेतावनी जारी कर रहा है।