हिंदुओं को बदनाम करने का कोई भी मौका लेफ्ट-लिबरल मीडिया और उसके समर्थक हाथ से नहीं जाने देते, फिर चाहे बाद में औंधे मुँह ही क्यों न गिरना पड़े। इस क्रम में सोमवार को कई मीडिया गिरोह के समाचार आउटलेट और कथित पत्रकारों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रभावशाली हिंदू एक्टिविस्ट संगठन श्री राम सेने के प्रमोद मुथालिक का एक वीडियो शेयर कर दावा किया कि उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के गडग में स्थित जामिया मस्जिद को ‘ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए’।
टाइम्स नाउ के लिए काम करने वाले एक ‘पत्रकार’ इमरान खान ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा कि हिंदू कार्यकर्ता प्रमोद मुतालिक ने कथित तौर पर कहा था कि गडग जामिया मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए एक अभियान शुरू होगा।
*A new campaign will start to demolish #Gadag Jamia masjid & build Venkateshwara temple* says#SriRamSene Chief #PramodMuthalik. *This Tippu era masjid will be raised down and a temple will be built*. An awareness campaign was also organised over this issue In Gadag, #Karnataka pic.twitter.com/ZkoncOHzUk
— Imran Khan (@KeypadGuerilla) October 18, 2021
पत्रकार ने यह भी कहा कि प्रमोद मुथालिक ने गडग की जामा मस्जिद को टीपू सुल्तान के युग की मस्जिद बताते हुए उसे गिराकर उसके स्थान पर एक मंदिर बनाने की बात कही है। इमरान खान ने ट्वीट किया कि इसके लिए गडग में जागरूकता अभियान भी चलाया गया है।
इमरान खान द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो को इंटरनेट में जंगल की आग की तरह फैलते देर नहीं लगी। जल्द ही कई अन्य वामपंथी समाचार वेबसाइटों ने इसे कवर किया।
हमेशा से हिंदुत्व को बदनाम करने वाले वामपंथी न्यूज पोर्टल द न्यूज मिनट ने एक ट्वीट किया, जिसमें कहा गया था कि प्रमोद मुथालिक ने कर्नाटक में मस्जिद के ‘बाबरी जैसा’ विध्वंस करने का आह्वान किया था।
न्यूज मिनट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि प्रमोद मुथालिक ने कहा था कि कर्नाटक के गडग में जामिया मस्जिद को ‘ध्वस्त किया जाना चाहिए’ और दावा किया कि उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस की तरह ही इसमें भी करने की बात कही है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुथालिक ने कहा कि मस्जिद के स्थान पर एक पूर्ववर्ती वेंकटेश्वर मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा जो अब मौजूद है।
वहीं टीएनएम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, “हमें अयोध्या में राम मंदिर के लिए 72 साल तक लड़ना पड़ा। 72 साल बाद बाबरी मस्जिद हटाई गई है और वहाँ राम मंदिर बनेगा। उसी तरह गडग में जो जामा मस्जिद है वो वह वेंकटेश्वर मंदिर है और मैं इसे पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूँ कि इसे तोड़ा जाना चाहिए।”
इस वीडियो को कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों और समूहों ने बड़े ही जोरदार तरीके से वायरल किया। ताकि लोगों को इस बात के लिए गुमराह कर सकें कि हिंदू कार्यकर्ता ने कर्नाटक के गडग जिले में स्थित एक मस्जिद को गिराने का आह्वान किया था।
हिंदुओं से घृणा करने वाले कुख्यात ट्विटर अकाउंट हिंदुत्व वॉच ने दावा किया कि मुथालिक ने कर्नाटक के गडग में जुम्मा मस्जिद को उसी तरह से ध्वस्त करने का आह्वान किया था, जिस तरह से 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कथित तौर पर गिरा दिया गया था। .
[English Captions]
— HindutvaWatch (@HindutvaWatchIn) October 19, 2021
Pramod Muthalik, the chief of Hindu extremist group, Sri Ram Sena promoting violence against Muslims.
In his recent speech, he called for demolition of Jumma Mosque in Karnataka’s Gadag in a similar way Babri Mosque was brought down in Ayodhya in 1992. pic.twitter.com/E5V0MJxV2O
वामपंथी मीडिया आउटलेट एनडीटीवी ने भी इस फेक न्यूज को वायरल किया और घोषणा की कि हिंदुत्व कार्यकर्ता ने गडग में एक मस्जिद को गिराने की धमकी दी थी।
विवादास्पद समाचार एंकर श्रीनिवासन जैन ने दावा किया कि मुथालिक ने मंदिर के लिए रास्ता बनाने के लिए एक मस्जिद को ध्वस्त करने की चेतावनी दी थी।
.@OnReality_Check | As attacks mount on minorities in #Bangladesh and its Prime Minister Sheikh Hasina’s promise to hunt down those responsible, questions over Centre’s silence on attacks on minorities in India. pic.twitter.com/8kwuBBPFIA
— NDTV (@ndtv) October 19, 2021
हालाँकि, हिंदुत्व को बदनाम करने के लिए लेफ्ट-लिबरल पत्रकारों के ये दावे अधिक देर तक टिक नहीं सके।
क्या है सच्चाई
जिस तरह से लेफ्ट-लिबरल मीडिया आउटलेट्स मुथालिक को बदनाम करने के दावे कर रहे हैं, वास्तव में वैसा कोई भी बयान उन्होंने दिया ही नहीं है।
कन्नड़ में दिए गए एक भाषण में भगवा टोपी पहने हिंदू कार्यकर्ता प्रमोद मुथालिक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हमें अयोध्या में राम मंदिर के लिए 72 साल तक लड़ना पड़ा। अंतत: 72 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद बाबरी मस्जिद को हटा दिया गया और हमने अयोध्या में सफलतापूर्वक राम मंदिर का निर्माण किया।”
अपने भाषण में मुथालिक ने आगे कहा, “उसी तरह मैं आपको चुनौती दे सकता हूँ कि गडग में जामा मस्जिद वेंकटेश्वर मंदिर था। दस्तावेज निकालो आपको पता चलेगा कि वहाँ एक मंदिर था। जिस तरह से बाबरी मस्जिद को एक मंदिर पर बनाया गया था. उसी तरह वेंकटेश्वर मंदिर टीपू सुल्तान के शासन के दौरान ध्वस्त किए गए कई मंदिरों में से एक था और जामा मस्जिद को उसी स्थान पर बनाया गया था।”
इंटरनेट पर वायरल हुए 57 सेकेंड के उपरोक्त वीडियो में प्रमोद मुथालिक को कहते हुए सुना जा सकता है, “हमारे पास सबूत हैं और हमें संघर्ष शुरू करना चाहिए।”
दिलचस्प बात यह है कि वामपंथी संगठनों द्वारा साझा किए गए वीडियो में प्रमोद मुथालिक द्वारा वेंकटेश्वर मंदिर के लिए रास्ता बनाने के लिए गडग में जामा मस्जिद को नष्ट करने का आह्वान करने का एक भी संदर्भ नहीं है। उन्होंने केवल वेंकटेश्वर मंदिर के लिए अपना दावा रखा जो कि टीपू सुल्तान की इस्लामी ताकतों द्वारा कथित तौर पर ध्वस्त किए जाने से पहले परिसर में मौजूद था। यही दावा खुद मुथालिक ने भी किया था।
हालाँकि, मीडिया ने ये आरोप लगा दिया कि मुथालिक ने मस्जिद को ध्वस्त करने करने का आह्वान किया, लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं दिया।
हैरानी की बात यह है कि टीएनएम ने प्रमोद मुथालिक को कोट करने की सीमा को ही लाँघ दिया और वो झूठ फैलाया जो उन्होंने पहले कभी नहीं कहा।
टीएनएम ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि प्रमोद मुतालिक ने गडग की जामा मस्जिद को गिराने का आह्वान किया था। जबकि उसके द्वारा अपनी रिपोर्ट में साझा किए गए वीडियो में भी ऐसे किसी भी बयान का ऐसा कोई संदर्भ नहीं है।
उपरोक्त वीडियो साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि प्रमोद मुतालिक ने कभी भी कर्नाटक में एक मस्जिद को ‘बाबरी की तरह’ ध्वस्त करने का आह्वान नहीं किया और लेफ्ट-लिबरल मीडिया आउटलेट्स और पत्रकारों द्वारा किए गए दावे गलत और झूठे हैं।