NDTV ने एक बार फिर अपनी पहचान के मुताबिक सरकार के खिलाफ अपना एजेंडा चलाते हुए एक फोटो से लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की है, जिसमें यूपी सरकार की ओर से कॉन्ग्रेस द्वारा भेजे जाने वाली बसों की खबर को उस फोटो के साथ शेयर किया गया, जिस फोटो को हम सभी ने पिछले वर्ष प्रयागराज में लगे कुंभ मेले में सबसे लंबी बस परेड का विश्व रिकॉर्ड बनने के दौरान देखा था।
बढ़िया ख़बर
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 18, 2020
यूपी सरकार ने कांग्रेस की तरफ़ से भेजी गई बसों को चलाने की इजाज़त दी। pic.twitter.com/uMorE4RkwQ
यह कोई पहला मौका नहीं है, जब NDTV ने सरकार विरोधी एजेंडा चलाने की कोशिश की हो, लेकिन इस बार खास बात यह है कि NDTV ने चाटुकारिता की सारी हदों को पार कर दिया। इस काम को बखूबी अंजाम देने के लिए रवीश कुमार को नहीं बल्कि NDTV के पत्रकार उमाशंकर सिंह को आगे आना पड़ा।
उमाशंकर सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, “बढ़िया खबर” यूपी सरकार ने कॉन्ग्रेस की तरफ़ से भेजी गई बसों को चलाने की इजाज़त दे दी है।”
उमाशंकर द्वारा लोगों को भ्रमित करने वाली शेयर की गई फोटो को देखते ही यूजर्स ने उमाशंकर को निशाने पर ले लिया। @VishwakarmaAjju नाम के यूजर ने लिखा, “ये बसें कुंभ मेले की है वाड्रा की बसें गंठोली में खड़ी है जिनके details अभी तक नहीं दे पाए हो तुम सब लोग”
@indiaunited01 नाम के यूजर ने उमाशंकर की पत्रकारिता पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा, “चाटुकारिता की हद है।”
चाटुकारिता की हद है
— IndiaUnited (@indiaunited01) May 18, 2020
@Heera51059946 नाम के यूजर ने तो उमाशंकर को दरबारी पत्रकार तक कह डाला और लिखा, “जय हो दरबारी पत्रकार पुरानी फोटो डालकर हक अदा कर रहे हो”
जय हो दरबारी पत्रकार पुरानी फोटो डालकर हक अदा कर रहै हो
— Team SCB हीरा (@Heera51059946) May 18, 2020
इसके बाद खुद बदनाम होता देख उमाशंकर सिंह ने एक दूसरा ट्वीट किया और अपने ही पहले ट्वीट पर सफाई देते हुए लिखा, “ये एक सांकेतिक तस्वीर है। कॉन्ग्रेस ने 1000 बसें भेजी हैं। सड़क पर मज़दूरों के कुंभ को कम करने के लिए। इसलिए कुंभ से जुड़ी इस तस्वीर को शुभ चिन्ह के तौर पर लीजिए। गाली गलौज करने वाले तो किसी भी बात पर करते हैं। उनका लोड नहीं लेता। मज़दूरों के साथ जो खड़ा है, हम उनके साथ खड़े हैं।”
ये एक सांकेतिक तस्वीर है। कांग्रेस ने 1000 बसें भेजी है। सड़क पर मज़दूरों के कुंभ को कम करने के लिए। इसलिए कुंभ से जुड़ी इस तस्वीर को शुभ चिन्ह के तौर पर लीजिए।
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 18, 2020
गाली गलौज करने वाले तो किसी भी बात पर करते हैं। उनका लोड नहीं लेता। मज़दूरों के साथ जो खड़ा है, हम उनसे साथ खड़े हैं।
इसके बाद @kumarsanjeev60 नाम के यूजर ने लिखा, “आप तो प्रियंका गाँधी की चमचागिरी कर रहे थे, जब पकड़े गए तो फिर सफाई, अगर आपके खबर में दम है तो भूल सुधारते हुए कॉन्ग्रेस द्वारा चलाए जा रही बस की तस्वीर ही डाल दीजिए।”
आप तो @priyankagandhi की की चमचागिरी कर रहे थे, जब पकड़े गए तो फिर सफाई, अगर आपके खबर में दम है तो भूल सुधारते हुए @INCIndia द्वारा चलाये जा रहे बस की तस्वीर ही डाल दीजिए।
— Sanjeev (@kumarsanjeev60) May 18, 2020
@iambhaskarrai नाम के यूजर ने लिखा, “बहुत बड़के वाले पत्तलकार हो गए हैं सिंह साहब…पिछले कुछ दिनों से गलत-गलत फोटो डाल रहे हैं जब कोई सवाल करता है तब उसपे बड़ी ही चतुराई से पत्तलकारिता कर के निकल जाते हैं…अगर यह फोटो सांकेतिक और शुभ के लिए था तो उस ट्वीट में पर्याप्त जगह थी उसी में लिख देते अलग से ट्वीट क्यूँ।”
बहुत बड़के वाले पत्तलकार हो गए हैं सिंह साहब..पिछले कुछ दिनों से गलत गलत फोटो डाल रहे हैं जब कोई सवाल करता है तब उसपे बड़ी ही चतुराई से पत्तलकारिता कर के निकल जाते हैं..अगर यह फोटो सांकेतिक और शुभ के लिए था तो उस ट्वीट में पर्याप्त जगह थी उसी में लिख देते अलग से ट्वीट ना क्यूँ🤔
— Bhaskar Rai🇮🇳 (@iambhaskarrai) May 18, 2020
दरअसल जिस फोटो को NDTV के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने पोस्ट किया था वह फोटो प्रयागराज में पिछले वर्ष लगे कुंभ मेले में 28 फरवरी, 2019 का है, जहाँ विश्व की सबसे लंबी बस परेड का वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया गया। कुंभ मेले के आयोजन के बीच उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से कुंभ की 503 शटल बसों को शहर के एक 3.2 किमी लंबे रूट पर एक साथ संचालित कराया गया था। बसों के इस लंबे बेड़े को विश्व का सबसे बड़ी बस परेड बताते हुए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था।