Saturday, November 16, 2024
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जिसके लिए लॉजिकल इंडियन माँग चुका है माफी, द वायर के सिद्धार्थ वरदाराजन ने फैलाई वही फेक न्यूज: जानें क्या है मामला

ट्वीट में दिखाई देने वाली हेडलाइन से यह पता चलता था कि कुम्भ मेला की यात्रा के समय भाजपा विधायक भराला कोरोना वायरस से संक्रमित थे। हालाँकि यह सही खबर नहीं थी क्योंकि यही झूठी खबर फैलाने के लिए लॉजिकल इंडियन ट्विटर पर माफी माँग चुका है।

हरिद्वार का कुंभ मेला कई लोगों के लिए चिंता का विषय है। ये वही लोग हैं जिन्होंने एक समय में तबलीगी जमात की मस्जिदों में छिपने, जगह-जगह थूकने, पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने जैसी हर हरकत का समर्थन किया था और आज यही लोग हिंदुओं के ख़िलाफॉ प्रोपगेंडा फैलाने के लिए तथ्यों से भी खेल रहे हैं। इसी क्रम में सिद्धार्थ वरदाराजन ने फिर से फेक न्यूज फैलाई है। ये वही फेक न्यूज है जिस पर एक दिन पहले द लॉजिकल इंडियन सार्वजनिक रूप से माफी माँग चुका है। 

सिद्धार्थ वरदाराजन ने ट्विटर पर भाजपा नेता सुनील भराला को निशाने पर लेते हुए द वायर का आर्टिकल ट्वीट करके लिखा, “गोदी मीडिया वॉरियर्स NDMA और महामारी अधिनियम एवं IPC के तहत इसकी (सुनील भराला) गिरफ़्तारी की माँग क्यों नहीं कर रहे थे?”   

सिद्धार्थ वरदाराजन के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

ट्वीट में दिखाई देने वाली हेडलाइन से यह पता चलता था कि कुम्भ मेला की यात्रा के समय भाजपा विधायक भराला कोरोना वायरस से संक्रमित थे। हालाँकि यह सही खबर नहीं थी क्योंकि यही झूठी खबर फैलाने के लिए लॉजिकल इंडियन ट्विटर पर माफी माँग चुका है।

अपने बयान में लॉजिकल इंडियन ने कहा कि उन्होंने खबर दी कि उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक सुनील भराला ने कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद भी कुम्भ की यात्रा की, जबकि एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में भराला ने कहा कि उन्होंने कुम्भ की यात्रा की और फिलहाल वे कोरोनावायरस से संक्रमित हैं। भराला के इस वक्तव्य को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने के लिए लॉजिकल इंडियन ने कल माफी माँगी थी।

हालाँकि लॉजिकल इंडियन के द्वारा माफी माँगने के बाद भी सिद्धार्थ वरदाराजन ने ट्विटर पर इसी मामले पर फेक न्यूज फैलाई और दूसरे मीडिया समूहों से भी यह माँग की कि वो भी फेक न्यूज फैलाएँ। लॉजिकल इंडियन के द्वारा माफी माँगने के बाद द वायर में छपा लेख भी अपडेट किया गया लेकिन वरदाराजन ने अपने ट्वीट को डिलीट भी नहीं किया।

एक ट्विटर यूजर ने उन्हें कहा कि यदि उत्तरप्रदेश सरकार फेक न्यूज फैलाने के लिए केस दर्ज करेगी तब वरदाराजन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का रोना रोएँगे।

एक अन्य यूजर ने लॉजिकल इंडियन का माफीनामा दिखाते हुए कहा कि वरदाराजन के पास इतना IQ होगा कि वह समझ सकें कि वह फेक न्यूज फैला रहे हैं।

एक यूजर ने तो उत्तर प्रदेश पुलिस से वरदाराजन को गिरफ्तार करने की माँग की।

मगर, बावजूद इन सबके लेख लिखे जाने तक वरदाराजन ने ट्वीट डिलीट नहीं किया।

सिद्धार्थ वरदाराजन की फेक न्यूज और उत्तर प्रदेश सरकार

अप्रैल 2020 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने के जुर्म में सिद्धार्थ वरदाराजन के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज की गईं थी। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद भी वरदाराजन ने न तो गलत लेख डिलीट किया और न ही माफी माँगी।

इसके अलावा जनवरी 2021 में भी सिद्धार्थ वरदाराजन के खिलाफ IPC की धारा 153B और धारा 505 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। वरदाराजन ने किसान आंदोलन के समय ट्रैक्टर रैली में ट्रैक्टर के पलटने से नवरीत सिंह नाम के प्रदर्शनकारी की मृत्यु पर फेक न्यूज फैलाने और भीड़ को उकसाने का काम किया था।

द वायर के संस्थापक और संपादक सिद्धार्थ वरदाराजन लगातार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और वहाँ की सरकार के विषय में फेक न्यूज फैलाते रहते हैं। ऐसा नहीं है कि वह यह सब गलती में करते हैं बल्कि फेक न्यूज फैलाने के बाद वह न तो उसे डिलीट करते हैं और न ही उस पर माफी माँगते हैं। लगातार फेक न्यूज फैलाने के बाद सरकार द्वारा कार्रवाई किए जाने पर यही सिद्धार्थ वरदाराजन और उनके स्व-घोषित सत्यवादी पत्रकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का रोना रोते हैं।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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