26 फरवरी की सुबह लोगों को पता चला कि आधी रात भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट कर पुलवामा आतंकवादी हमले का बदला लिया है। इस ऑपरेशन के लिए भारतीय वायुसेना ने 12 मिराज 2000 फाइटर जेट इस्तेमाल किए।
इस एयर स्ट्राइक के बारे में लिखते हुए कई पत्रकारिता के धूर्त गिरोह ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 जेट का निर्माण ‘दसों एविएशन’ (Dassault Aviation) से लाइसेंस के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया गया है। कई मीडिया आउटलेट, जैसे CNN News 18, Wion News, स्क्रॉल, इंडिया टाइम्स आदि ने अपनी रिपोर्ट्स में यही दावा किया है।
Wion के लेख का शीर्षक था, “आप सभी को मिराज-2000 फाइटर जेट्स के बारे में जानना चाहिए, जिन्होंने LOC के पार आतंकी कैंप को नष्ट कर दिया।” इंडिया टाइम्स का लेख था, “मिराज-2000, IAF के प्रमुख फाइटर, जो 20 साल से पाकिस्तान को पछाड़ रहे हैं, के बारे में पूरी जानकारी।” Scroll के लेख का शीर्षक था, IAF के मिराज 2000 की झलक, आतंकी शिविरों पर हवाई हमले में इस्तेमाल किया गया विमान।”
ये लेख ऑपरेशन में भारत द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले फाइटर जेट्स के बारे में विस्तृत जानकारी देने का दावा कर रहे थे, लेकिन इन सभी ने एक गलत जानकारी दी कि फ़्रांस में ‘दसों’ (Dassault) से लाइसेंस के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा
भारत में ये जेट्स बनाए गए हैं।
जबकि, हक़ीक़त यह है कि HAL कम्पनी मूल निर्माताओं से लाइसेंस के तहत कुछ लड़ाकू जेट तो बनाती है, लेकिन मिराज 2000 उनमें से एक नहीं है। भारत के पास मिराज 2000 के 3 स्क्वाड्रन हैं, जिसका अर्थ है 54 विमान, और ये सभी फ़्रांस में Dassault द्वारा बनाए गए थे। जब भारत ने पहली बार 40 मिराज 2000 विमानों, 36 सिंगल सीटर फाइटर जेट्स और 4 ट्विन-सीट ट्रेनर जेट्स को खरीदा था, तो 110 अतिरिक्त जेट्स खरीदने की योजना थी, और उन्हें HAL द्वारा लाइसेंस के तहत बनाया जाना था। लेकिन उस योजना को कभी अमल में नहीं लाया गया और इसलिए HAL ने कभी भी मिराज 2000 को नहीं बनाया। इसके बाद, भारत ने 10 और मिराज 2000 जेट विमानों को Dassault से मँगवाए।
हालाँकि, HAL मिराज 2000 को नहीं बनाता है, लेकिन वह भारतीय वायु सेना के लिए जेट को अपग्रेड करने का काम कर रही है, और जो विमान इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, वह हाल ही में HAL द्वारा अपग्रेड किया गया मिराज-2000 ही था। इस हादसे में 2 IAF ट्रेनर पायलटों द्वारा स्वीकृति परीक्षण के दौरान विमान ‘टेक-ऑफ’ से ठीक पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी।
वर्तमान में, HAL रूस से लाइसेंस के तहत सुखोई Su-30 MKI लड़ाकू विमान का निर्माण करता है। HAL द्वारा बनाए गए जेट की लागत रूसी निर्माता कम्पनी द्वारा चार्ज किए जाने वाले खर्च के मुकाबले लगभग ₹150 करोड़ अधिक है। HAL यूनाइटेड किंगडम में BAE सिस्टम्स से लाइसेंस के तहत ‘हॉक ट्रेनर’ भी बनाता है।
CNN न्यूज 18 की इस रिपोर्ट को ठीक कर लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि मिराज 2000 को Dassault द्वारा बनाया गया है, लेकिन ऊपर दिए गए स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि रिपोर्ट पहले कुछ और ही कह रही थी। अन्य मीडिया हाउस अभी भी HAL को जेट बनाने के बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं।
यह दावा, कि वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में की गई इस सर्जिकल स्ट्राइक में इस्तेमाल किए जाने वाले जेट विमानों को HAL ने बनाया है, यह केवल मीडिया घरानों द्वारा की गई एक सामान्य त्रुटि नहीं है, बल्कि यह राहुल गाँधी द्वारा प्रचारित राफेल सौदे की मनगढंत कहानी का भी हिस्सा है।
So now pseudo-nationalists are attacking HAL so that the Ambanis get all future defence contracts instead of the Indian public sector company which has played a crucial role in India’s defence over the years .
— Pankhuri Pathak پنکھڑی (@pankhuripathak) February 26, 2019
For those claiming that HAL has nothing to do with #Mirage2000 pic.twitter.com/TcGblI6ex1
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष दावा करते रहे हैं कि राफेल सौदा HAL से छीन लिया गया था और अनिल अंबानी को दिया गया था। साथ ही, समय पर जेट पहुँचाने में HAL के खराब रिकॉर्ड के बावजूद यह भी साबित करने की लगातार कोशिश की गई कि HAL कम्पनी जेट बनाने में पूरी तरह से सक्षम है। कुछ पत्रकारों ने भी राहुल गाँधी द्वारा की जा रही इस बात को सही साबित करने के लिए इस झूठे दावे का इस्तेमाल किया।