NDTV मीडिया गिरोह आए दिन बेबुनियादी मुद्दों को भुनाने में व्यस्त रहता है, जिससे वो देश की जनता को भ्रमित कर सके, उन्हें बरगला सके, उन्हें ग़लत दिशा में ले जा सके और उनके विचारों को अपने मनमाने ढंग के स्वरूप में बदल सके। और अपने इस मंतव्य को सिद्ध करने के लिए वो किसी भी हद तक गुज़रने से कोई परहेज़ नहीं करता।
ऐसी ही एक नाकाम कोशिश में NDTV ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया और उनके एक बयान को ग़लत साबित कर दिया।
विवादस्पद NDTV की पहचान अब अक्सर फ़ेक न्यूज़ को प्रचारित करने की बन चुकी है। NDTV ने अपनी वेबसाइट में एक ऐसी भ्रामक हेडलाइन को प्रमुखता से जगह दी, जिसमें यह दर्शाया गया कि पीएम मोदी ने वंदे भारत ट्रेन-18 का मजाक उड़ाने वाले लोगों के ख़िलाफ़ सज़ा की बात की।
विवादों की खान में तब्दील NDTV गिरोह की प्रधानमंत्री के संदर्भ में छापी यह ख़बर पूरी तरह से बेबुनियाद है, जिसका असलियत से कोई लेना-देना नहीं है। चलिए अब आपको इस ख़बर की असलियत से अवगत करा दें। दरअसल, मंगलवार (19 फ़रवरी 2019) को पीएम मोदी ने वाराणसी में 3,382 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया था।
इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश जाला। इसी बीच उन्होंने कहा, “मैं इंजीनियरों को सलाम करता हूँ, जो भविष्य में भारत में बुलेट ट्रेन बनाएँगे और इसे चलाएँगे। मुझे ऐसे लोगों का पत्र मिल रहा है जो आहत हैं।” पीएम ने जनता से पूछा, “क्या इंजीनियरों और टेकनिशिअंस का अपमान करना सही है? उनका मजाक उड़ाया जा रहा है। क्या उन्हें माफ़ किया जा सकता है? क्या उन्हें सही समय पर सही सज़ा नहीं दी जानी चाहिए?”
रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जो बातें कहीं, उनमें भारत के मेहनती इंजीनियरों और तकनीशियनों का मजाक उड़ाने वालों को सज़ा देना शामिल था, न कि वंदे भारत ट्रेन-18 का मजाक उड़ाने से। साथ ही, NDTV ने अपने हेडलाइन में ‘आम जनता’ (people) को सज़ा देने की बात की है, जबकि किसी भी समझदार व्यक्ति को पता चल जाएगा की मोदी का इशारा अगले चुनावों में देश की इस उपलब्धि का मजाक उड़ाने वाले नेताओं को जनता द्वारा वोट न देकर सज़ा देने से था। लेकिन आँख पर मोदी-घृणा की पट्टी हो तो सही में ‘ये अँधेरा ही हमारे समय की तस्वीर’ बन जाती है।
बता दें कि पीएम मोदी के बयान को तोड़-मरोड़कर लोगों के सामने रखने की NDTV का यह अथक प्रयास पूरी तरह से बेकार हो गया, जब सोशल मीडिया पर NDTV को लोगों ने अपने-अपने शब्दों में सबक सिखाया और सही जानकारी से अवगत कराया।
Modi : People who are mocking engineers and workers of Vande Bharat train should be punished at the right time which means at the time of elections.
— Smoking Skills (@SmokingSkills_) February 19, 2019
NDTV : Modi will punish people who are mocking Vande Bharat
Tumhe gaali dene par to gaaliyan bhi bura maan jaati hai saalo. pic.twitter.com/mnErvTZRBx
Modi was referring to punishing the politicians who mocked it in the upcoming elections. By voting them out! Don’t fall for NDTV’s click bait ?? https://t.co/r7LVSNdJlf
— Chandra R. Srikanth (@chandrarsrikant) February 19, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कई अन्य लोगों ने एनडीए सरकार पर निशाना साधने के लिए ट्रेन-18 के तकनीकी ख़राबी का इस्तेमाल किया था। विपक्ष के नेताओं ने ‘मेक इन इंडिया’ को भी असफल करार दिया और भारत की सबसे तेज़ ट्रेन, ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ के ब्रेकडाउन की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक भी उड़ाया।
इससे पहले, भारत की सबसे तेज़ ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ की सफलता को ग़लत साबित करने के लिए, कॉन्ग्रेस समर्थित वामपंथी चैनल NDTV ने जानबूझकर मवेशी से टकराने के तथ्य को नज़रअंदाज़ किया और अपनी रिपोर्ट पेश की कि ट्रेन-18 तकनीकी ख़राबी की वजह से रुक गई। अपनी इस रिपोर्ट में वो न सिर्फ़ ट्रेन-18 को असफल घोषित करने पर तुले नज़र आए बल्कि एनडीए सरकार को बदनाम करने का भरसक प्रयास करते भी दिखे।
वंदे भारत एक्सप्रेस ने बिना किसी बाधा के अगले ही दिन अपना पहला कमर्शियल रन सफलतापूर्वक पूरा किया था। हालाँकि, जो लोग इतने मुखर रूप से विफलता का मजाक उड़ा रहे थे, वे भारत की सबसे तेज ट्रेन के सफलता की सराहना करते दूर-दूर तक नहीं दिख रहे थे।
अभिनेता से नेता बने दिव्या स्पंदना ने NDTV की इस फ़र्ज़ी रिपोर्ट को रीट्वीट किया, बता दें कि दिव्या स्पंदना कॉन्ग्रेस आईटी सेल की प्रमुख भी हैं। इसके अलावा इन्होंने फ़र्ज़ी ख़बर के माध्यम से पुलवामा आतंकी हमले के संबंध में कुछ असंवेदनशील बयानों को भी पोस्ट किया था।