Saturday, July 27, 2024
Homeफ़ैक्ट चेककेंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने ‘द प्रिंट’ के भ्रामक लेख का...

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने ‘द प्रिंट’ के भ्रामक लेख का दिया करारा जवाब

राठौड़ ने शेखर गुप्ता पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं सुनती है, तो उनके जैसे लोग इस बारे में शिक़ायत करते हैं और जब ऐसा होता है, तो वे कहते हैं कि सरकार 'जासूसी' कर रही है।

‘द प्रिंट’ की स्थापना के बाद से शेखर गुप्ता को कई झूठ फैलाने के लिए जाना जाने लगा है। इस बार उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के बारे में फ़र्जी ख़बरें फैलाने का फ़ैसला किया है।

अपने नये लेख में, ‘द प्रिंट’ ने ज़ोर देकर यह रिपोर्ट किया है कि मंत्रालय विभिन्न आउटलेट्स पर ‘जासूसी’ करने के लिए निजी एजेंसियों को नियुक्त करने की योजना बना रहा है ताकि भाजपा के 2019 के अभियान को ‘मज़बूत’ किया जा सके।

‘द प्रिंट’ के लेख में यह कहा गया कि PIB (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो) ने पिछले महीने “मीडिया एकत्रीकरण, विश्लेषण और फीडबैक सेवाओं के लिए बाहरी एजेंसियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए”, जो प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, ऑनलाइन और सोशल मीडिया से संबंधित हैं।

लेख में यह भी कहा गया कि PIB निविदा BECIL निविदा के कुछ दिनों बाद आई जिसने निजी एजेंसियों को एक भावनात्मक विश्लेषण रिपोर्ट तैयार करने के लिए आमंत्रित किया। ‘द प्रिंट’ ने अपने ‘सूत्रों के हवाले’ से कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और PIB ने इसी तरह के अस्थायी टेंडर जारी किए हैं, जो एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी को दर्शाता है और इससे काम, प्रयासों और वित्त का दोहराव हो सकता है।”

इसके अलावा लेख के अनुसार, एजेंसी से हर दिन प्रेस क्लिपिंग पर एक फ़ाइल देने की अपेक्षा की जाएगी, विशेष रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े नकारात्मक समाचारों पर। यह सोशल मीडिया पर भावनात्मक रिपोर्ट बनाने से संबंधित होगी। जानकारी के अनुसार, प्रिंट द्वारा इसे ‘कीपिंग टैब’ कहकर नेगेटिव बताने की कोशिश की गई है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ द्वारा ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसमें शेखर गुप्ता की ‘द प्रिंट’ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट को दिखाया गया।

शेखर गुप्ता को संबोधित करते हुए, राठौड़ ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें वो अपनी बात कह रहे हैं, “‘द प्रिंट’ ने 2019 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए लोगों पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ‘जासूसी’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक फ़र्जी कहानी प्रकाशित की है। प्रिंट का लेख ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ के रूप में अपने पोर्टल पर कैसे आया, यह देखते हुए कि यह एक सार्वजनिक निविदा थी जिसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मँगाई गई थी और ऐसी सार्वजनिक निविदाएँ सार्वजनिक जानकारियाँ हैं।”

तब उन्होंने पूछा कि सार्वजनिक जानकारी एकत्र करने को ‘जासूसी’ कैसे कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शेखर गुप्ता को पसंद हो या नहीं, सरकार अपना काम करती रहेगी।

राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि यह समझना सरकार का काम है कि उनकी नीतियाँ काम कर रही हैं या नहीं और लोग सरकार के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने कहा कि यह निविदा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी एकत्र करने के लिए है ताकि सरकार लोगों की आवाज़ सुन सके।

उन्होंने कहा कि ‘सोशल मीडिया’ को जोड़ना मात्र एक पहलू है सोशल मीडिया के महत्व को देखते हुए, यह ज़रूरी है कि सरकार को सार्वजनिक भावनाओं को समझने के लिए सोशल मीडिया पर भी नज़र रखनी होती है। उन्होंने कहा, “जासूसी निजी जानकारी के लिए होती है, यह सारी जानकारी सार्वजनिक डोमेन पर है।”

राठौड़ ने शेखर गुप्ता पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं सुनती है, तो उनके जैसे लोग इस बारे में शिक़ायत करते हैं और जब ऐसा होता है, तो वे कहते हैं कि सरकार ‘जासूसी’ कर रही है।

उन्होंने यह कहते हुए अपने वीडियो को समाप्त कर दिया, “आप सार्वजनिक रूप से ज्ञानवर्धन करने वाले हैं। यह लेख भ्रामक था, आपको इसका ध्यान रखना चाहिए। शुभकामनाएँ!” जब तक यह लेख प्रकाशित हुआ था, तब तक न तो शेखर गुप्ता ने राज्यवर्धन सिंह के वीडियो का जवाब दिया था और न ही ‘द प्रिंट’ ने।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -