अजीत अंजुम नाम के एक पत्रकार हुआ करते थे। मीडिया कंपनियों में कभी जलवा-जलाल था। अब YouTube पर वीडियो बनाते हैं। इसी को वो पत्रकारिता का नाम देते हैं। वामपंथी लोग उनकी इस YouTube पत्रकारिता पर हुआँ-हुआँ भी करते पाए जाते हैं। इन्हीं अजीत अंजुम के नाम से अब एक ट्वीट वायरल हो रहा है। पढ़िए वो ट्वीट:
“अगर 2022 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में योगी फिर से जीत गए तो मैं पत्रकारिता छोड़ कर दिल्ली की बिल्लिमरान में चिकन पकौड़े की दुकान खोल लूँगा।”
वामपंथियों के हरदिल अजीज अजीत अंजुम को चिकन पकौड़े की दुकान खोलनी पड़े, यह लाल सलाम के कामरेडों पर एक धब्बा है। वामपंथी इकोसिस्टम क्या इतना कमजोर पड़ गया है? इसी कारण से हमने इस ट्वीट की पड़ताल करनी चाही।
सबसे पहले अजीत अंजुम के ट्विटर पर गए। वहाँ पहुँच कर सच्चाई पता चली। YouTube वीडियो बनाने वाले अजीत अंजुम को तो ब्लू टिक भी नहीं दिया है वामपंथी लॉबी करने वाली कंपनी ट्विटर ने। जबकि वायरल ट्वीट में इनके नाम के आगे ब्लू टिक लगा हुआ है। इसका मतलब हुआ कि किसी ने बहुत मेहनत करके फोटोशॉप किया और एडिटेड फोटो को ट्वीट कर दिया।
वायरल हो गए ट्वीट के बाद बेचारे अजीत अंजुम को ट्विटर पर आकर सफाई देनी पड़ रही है। वो लिखते हैं:
मेरे बारे में दुष्प्रचार का नया फोटोशॉप .
— Ajit Anjum (@ajitanjum) February 5, 2022
मेरे नाम से कुछ भी लिखकर वायरल किया जा रहा है .
इसी से पता चलता है कि भक्तों की जमात मुझ पर कितनी बौखलाई हुई है .
मेरा ट्वीटर हैंडल वेरिफाइड नहीं है लेकिन ब्लू टिक वाला फोटोशॉप करके खेल चालू है .
ये फर्जी लोग हैं . pic.twitter.com/jolZFCznCD
“मेरे बारे में दुष्प्रचार का नया फोटोशॉप। मेरे नाम से कुछ भी लिखकर वायरल किया जा रहा है। इसी से पता चलता है कि भक्तों की जमात मुझ पर कितनी बौखलाई हुई है। मेरा ट्वीटर हैंडल वेरिफाइड नहीं है लेकिन ब्लू टिक वाला फोटोशॉप करके खेल चालू है। ये फर्जी लोग हैं।”
बहुत ही सुनियोजित तरीके से मेरे बारे में कई तरह की अफवाहें उड़ाई जा रही है ..
— Ajit Anjum (@ajitanjum) February 5, 2022
कई तरह के फोटोशॉप घूम रहे हैं .
इसी से पता है कि IT सेल वाले दो टकियों को कितनी मिर्ची लगती है मेरे बोलने और घूमने से .
लगे रहो .
Link https://t.co/GMsxF5ffXV pic.twitter.com/2TPNELWrRy
अजीत अंजुम को लिखने से मन न भरा तो वीडियो भी बना डाले। खैर, वीडियो बनाना तो उनका काम ही है। इसी को ये पत्रकारिता कहते हैं। फोटोशॉप करने वाले को, हाथ में मोबाइल लेकर कंटेंट बनाने वाले को, वॉट्सऐप पर जानकारी (गलत या सही) फॉर्वर्ड करने वालों को हालाँकि ये पत्रकार नहीं मानते हैं। मतलब परिभाषा ये खुद तय करते हैं।
सलामठोकअजीतअंजुम / झुकअंजुमऔरसलामी_दे
बहुत अटपटा है पढ़ना लेकिन अजीत अंजुम के लिए कभी यह भी ट्विटर पर ट्रेंड हुआ था। ऑपइंडिया की संपादकीय टीम ने इसकी कड़ी आलोचना भी की थी। हुआ ये था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘पत्रकार’ अजीत अंजुम ने खुला चैलेंज दिया था – वैक्सीनेशन को लेकर।
अजीत अंजुम का चैलेंज था 3 महीने में 9 करोड़ लोगों को टीके लगाने का, जबकि यूपी सरकार ने 10 करोड़ से अधिक डोज लगाकर रिकॉर्ड बना दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग अजीत अंजुम को खोज रहे थे और उनसे उन्हीं के चैलेंज के अनुसार सलामी देने के लिए बोल रहे थे।
YouTube पर वीडियो बना कर पत्रकार कहलाने वाले अजीत अंजुम पिछली बार यूपी सरकार या सीएम योगी के नाम पर चैलेंज देकर मुँह की खाए थे। बहुत छीछालेदर हुआ था बेचारे का। इस कारण से इस बार ऐसा कोई उटपटांग चैलेंज वो देंगे या लेंगे, इसकी संभावना कम थी। फिर भी असली पत्रकारिता और सही फैक्ट चेक क्या और कैसे होती है, इसी के तहत हमने चिकन-पकौड़े वाले वायरल फोटो की पड़ताल की… और यह पाया कि अजीत अंजुम ने ऐसा कुछ भी नहीं लिखा या कहा है।