अगर आपको लगता है कि माँ-बेटे का सबसे बुद्दिहीन जोड़ा अभी तक सिर्फ राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी ही हैं, तो देर से ही सही लेकिन ऑल्ट न्यूज़ के फाउन्डर परिवार भी गाँधी परिवार को तगड़ी चुनौती देते हुए देखा जा सकता है। हालाँकि, इसमें एकमात्र अच्छी खबर यह है कि राजनीति के बाद अब इस तरह के समीकरण ‘फैक्ट चेक’ जैसी जगहों पर भी तैयार होने लगे हैं।
दरअसल, फैक्ट चेक की आड़ में अपने हिन्दू-विरोधी और सरकार-विरोधी एजेंडे को हवा देने के चक्कर में लगातार 2 दिन क्रमशः प्रतीक सिन्हा (ऑल्ट न्यूज़ वेबसाईट फाउन्डर) और फिर निर्झरी सिन्हा (प्रतीक सिन्हा की मम्मी और ऑल्ट न्यूज़ की निदेशक) का ‘रिवर्स फैक्ट चेक’ करते हुए आम ट्विटर यूजर्स ने ही उन्हें आईना दिखा दिया है। अब अगर 26 मार्च को भी ये कोई दूसरा ‘कोरोना षड्यंत्र’ करते हुए देखे जाते हैं, तो यह फैक्ट चेक के इतिहास में लगाईं गई पहली हैट्रिक कहलाएगी।
क्या है मामला :
स्वघोषित ‘फैक्ट न्यूज़ चेकर’ गैंग यानी, ऑल्ट न्यूज़ के फाउन्डर प्रतीक सिन्हा की ‘कोरोना षड्यंत्र’ में भागीदारी पकड़े जाने के ही ठीक एक दिन बाद ऑल्ट न्यूज़ की निदेशक और प्रतीक सिन्हा की मम्मी ट्विटर पर कोरोना षड्यंत्र में अपनी मौजूदगी साबित करती हुई देखी गई हैं।
प्रतीक सिन्हा की मम्मी निर्झरी सिन्हा ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें कुछ गरीब बच्चों की तस्वीर ट्वीट करते हुए देखी गई। तस्वीर के साथ ‘फैक्ट चेकर’ प्रतीक सिन्हा की मम्मी यानी ऑल्ट न्यूज़ की निदेशक निर्झरी सिन्हा ने लिखा है – “PM मोदी का इनके लिए क्या सन्देश है, घर पर रहो और बाहर मत निकलो?”
दरअसल, इस चित्र में कुछ बच्चों को दिखाया गया है और निर्झरी सिन्हा ने इसी बहाने अपने उसी मर्म को बाहर निकालने की कोशिश की है, जिसके कारण वो अक्सर PM मोदी को गाली देने से लेकर हर प्रकार की दक्षिणपंथी सरकार विरोधी गतिविधि करती हुई देखी जाती हैं। निर्झरी सिन्हा यानी, प्रतीक सिन्हा की मम्मी ने इस तस्वीर के जरिए PM मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान का उपहास करने का प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ दिन से माँ-बेटों के षड्यंत्र को ज्यादा बल मिल नहीं पा रहा है। अपने दावे की वकालत में तथ्यों की कमी इस स्वघोषित फैक्ट चेकर गैंग के पास हमेशा ही रहती है इसलिए यह कहना भी गलत होगा कि यह षड्यंत्र पहली बार तथ्यों की कमी के कारण फ्लॉप हुए हैं।
क्या है तस्वीर की वास्तविकता –
ऑल्ट न्यूज़ के फाउन्डर प्रतीक सिन्हा और उनकी मम्मी यानी निर्झरी सिन्हा, जो कि ऑल्ट न्यूज़ की निदेशक भी हैं, ने जो तस्वीर ट्वीट की है, वह 2016 की है। अब एक प्रश्न उठता है जो कि निम्नलिखित है –
प्रश्न – आखिर 2016 की तस्वीर को 2020 में ट्वीट करते हुए उस पर सामाजिक ज्ञान देने का क्या कारण हो सकता है?
इसके 2 उत्तर हैं –
उत्तर 1 – बेटे प्रतीक सिन्हा की तरह ही कोरोना की वैश्विक महामारी के समय भी मोदी सरकार विरोधी कोई नया ‘कोरोना प्रपंच’ तैयार करना।
उत्तर 2 – लॉकडाउन के दौरान 24 घंटे घर में रहते हुए खाली समय का सदुपयोग कर मोदी सरकार विरोधी दलों (जो कि सर्वविदित ही हैं) की आँखों में अच्छे नम्बर हासिल करना।
She is director of Alt News. Sharing old pics pics to target PM’s advice of staying at home.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) March 25, 2020
Instead of supporting the need of the hour, they want people to roam outside so that India gets destroyed by Corona, and they cheer for Congress.
All they know is spread hate. https://t.co/2elyocZufO pic.twitter.com/D5dZpt5eVA
ऑपइंडिया के सवाल-
प्रश्न 1- यदि फैलानी फेक न्यूज़ और प्रोपेगेंडा ही हो तो फिर खुद को फैक्ट चेकर कहना आवश्यक क्यों है?
प्रश्न 2- आखिर वह कौनसा वायरस है जो इंसान को मजबूर करता है कि वह ‘नासा तकनीक’ से पूरी दुनिया को ज्ञान देते हुए कहे कि गलत स्टोरी या मिसइन्फॉर्मेशन नहीं फैलानी चाहिए, जबकि आपने स्वयं ऑल्ट न्यूज़ के नाम से फेक न्यूज़ का कारखाना चला रखा हो?
खैर… निर्झरी सिन्हा के सामने कोरोना वायरस से भी बड़ी चुनौती बड़ी से बड़ी आपदा और महामारी के समय भी मोदी सरकार विरोधी अभियान जारी रखने की होती है। यह वही निर्झरी सिन्हा है जो ट्विटर पर अक्सर PM मोदी को खुली गालियाँ देते हुए भी देखी जाती है।
चाहे वह नोटबंदी के दौरान मोदी की कब्र खोदकर 500 और 1000 रुपए के नोटों से जला दिए जाने वाला ट्वीट हो या फिर उन्हें हत्यारा, अछूत और दंगे भड़काने वाला कहने वाला ट्वीट हो, निर्झरी सिन्हा ने हर समय साबित किया है कि वह ऑल्ट न्यूज़ जैसे स्वघोषित फैक्ट चेकर वेबसाईट की निदेशक होने की सबसे प्रबल दावेदार है।