सोशल मीडिया कंपनियों को लेकर भारत सरकार के नए नियमों पर बहस चल रही है। इस बीच इन नियम की आड़ में कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। इसी क्रम में इस बार वॉट्सएप के माध्यम से ये दावा किया गया है कि सरकार नए संचार नियम के चलते लोगों के सोशल मीडिया पर और फोन कॉल्स पर निगरानी बनाए हुए है।
Do not fall for such #Whatsapp messages being circulated.
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 24, 2020
No such thing is being done by the Government.
However, everyone is advised to not share any false news/misinformation concerning #CoronavirusInIndia
For authentic information follow @MoHFW_INDIA and @pib_India pic.twitter.com/XBErXb1CSP
इस दावे में कितनी सच्चाई है इसकी पोल पीआईबी ने खोली है। पीआईबी फैक्टचेक ने ट्विटर पर ऐसे संदेशों की तस्वीर के साथ कहा, “एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा अब ‘नए संचार नियम’ के तहत सोशल मीडिया और फोन कॉल की निगरानी रखी जाएगी। यह दावा बिलकुल फ़र्ज़ी है। भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया गया है। ऐसे किसी भी फ़र्ज़ी/अस्पष्ट सूचना को फॉरवर्ड ना करें।”
एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा अब ‘नए संचार नियम’ के तहत सोशल मीडिया और फोन कॉल की निगरानी रखी जाएगी।#PIBFactCheck: यह दावा फ़र्ज़ी है।
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 27, 2021
भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया गया है।
ऐसे किसी भी फ़र्ज़ी/अस्पष्ट सूचना को फॉरवर्ड ना करें। pic.twitter.com/mW9LT2W1k4
बता दें कि वॉट्सएप पर वायरल होते पोस्ट में कहा गया है कि भारत सरकार अब लोगों के कॉल रिकॉर्ड करेगी। हर रिकॉर्डिंग सेव करेगी। वॉट्सएप, ट्विटर, फेसबुर पर निगरानी रखी जाएगी। ऐसे में पीआईबी के फैक्टचेक में बताया गया कि भारत सरकार ऐसा कोई संचार नियम नहीं लेकर आई है। इसलिए ऐसे संदेशों के झांँसे में न आएँ।
गौरतलब है कि इससे पहले भारत सरकार की छवि धूमिल करने के लिए कई ऐसे प्रयास हो चुके हैं। पिछले दिनों एलपीजी सिलेंडर के दामों पर भी इसी तरह का एक झूठ फैलाया गया कि भारत सरकार एलपीजी सिलेंडरों के दामों पर बदलाव करने के विचार कर रही है। मगर फैक्ट ये था कि ये दावा पूरा गलत है। भारत सरकार ने एलपीजी सिलेंडर के दामों में परिवर्तन संबंधी कोई घोषणा नहीं की थी।
इससे पहले, मीडिया खबरों के जरिए UPI ट्रांजैक्शन के महँगे होने की खबर भी सामने आई थी। इनमें दावा किया गया था कि यदि थर्ड पार्टी एप्स से पेमेंट की गई तो अतिरिक्त चार्ज लगेगा। हालाँकि, सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए किसी प्रकार की यूपीआई ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी से इंकार किया था। फैक्टचेक से यह स्पष्ट किया गया था कि NPCI की ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स बता रही थीं कि थर्ड पार्टी ऐप से ट्रांजैक्शन करने पर अतिरिक्त चार्ज लगेगा।