देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के अफवाहों का कारोबार भी चरम पर है। सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक में कोरोना के नाम पर झूठी बातें फैला कर लोगों के बीच दहशत फैलाने की कोशिश हो रही। बीते कुछ दिनों में पुराने वीडियो शेयर करने से लेकर वैक्सीन और अस्पताल तक पर लोगों को गुमराह करने की कोशिशें हुई है।
हाल में पीआईबी के फैक्ट चेक ने एक ऐसी ही एक खबर को फर्जी बताते हुए भ्रामक वीडियो या फॉरवर्ड शेयर करने से बचने की अपील की। इस वीडियो में ब्रेकिंग न्यूज के नाम पर हवाला दिया जा रहा था कि WHO ने कहा कि भारत के लिए आने वाले 72 से 108 घंटे बहुत ज्यादा भारी हैं। इस बीच में 50 हजार लोगों की मौत हो सकती है। इस दावे के हर जगह वायरल होने के बाद WHO को इस पर संज्ञान लेना पड़ा। बताया गया कि WHO ने ऐसी कोई चेतावनी जारी नहीं की है जिसमें 15 अप्रैल से पहले 50 हजार से ज्यादा मौतें होने की आशंका जताई गई हो।
एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि #COVID19 के बढ़ते मामलों को मद्देनजर रखते हुए #WHO की तरफ से भारत को चेतावनी दी गई है।#PIBFactCheck: यह दावा #फ़र्ज़ी है। कृपया ऐसे भ्रामक वीडियो या मैसेज को फॉरवर्ड न करें।
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 6, 2021
पढ़ें: https://t.co/eNp4CcmUFF@MoHFW_INDIA @COVIDNewsByMIB pic.twitter.com/xbn4k8onO6
इसी प्रकार इंडिया टुडे ने हाल में केंद्र का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया कि कुम्भ मेला, सुपर स्प्रेडर इवेंट बनता जा रहा है, उम्मीद है एसओपी को फॉलो किया जाएगा। इस न्यूज पर खुद स्वास्थ्य मंत्रालय ने संज्ञान लिया और बताया कि इंडिया टुडे के द्वारा पब्लिश की गई ये जानकारी गलत और झूठी है।
#FakeNews
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 6, 2021
This news published by @IndiaToday is INCORRECT and FAKE.#Unite2FightCorona pic.twitter.com/29J7GgN7mk
इसके बाद एक ट्वीट है जिसमें ICMR के नाम से कुछ गाइडलाइन्स जारी हैं, जिसमें नागरिकों से कहा जा रहा है कि वो अपनी दो साल की यात्रा रद्द करें, एक साल बाहर खाना न खाएँ, बेवजह शादी के फंक्शन न अंटेंड करें, भीड़भाड़ वाले इलाके से दूर रहें, आदि-आदि। इन गाइडलाइन्स को लेकर पीआईबी के फैक्ट चेक में पता चला कि इसे ICMR ने जारी नहीं किया है।
Fake message is going around on social media claiming that legal action would be taken against admin and group members who post jokes on #Coronavirus , hence group admin should close the group for 2 days.
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 6, 2020
This is #Fake! No such order has been issued by the Government pic.twitter.com/TFB5GCH2Vg
ये दावा भी बिलकुल गलत है कि कोरोना वायरस कोई बैक्टीरिया है और इसे एस्पिरिन से ठीक किया जा सकता है। सच्चाई ये है कि कोविड 19 एक वायरस है जिससे बचाव के लिए वैक्सीन आ गई है। लेकिन उसे जड़ से खत्म करने के लिए कोई दवाई नहीं है।
एक अफवाह पिछले दिनों व्हॉट्सएप के जरिए वायरल हुई। इसमें ग्रुप एडमिन्स को ग्रुप 2 दिन के लिए बंद करने के लिए कहा जा रहा था। मैसेज में दावा था कि अगर गलती से किसी ने भी कोरोना पर जोक पोस्ट किया तो सब मुश्किल में पड़ सकते हैं। इसलिए ग्रुप के एडमिन ध्यान दें।
Have you also received a #COVID19 related rumour lately?
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 24, 2021
Look at these #FactChecks and do not fall for #Fake or #Misleading content circulating on #SocialMedia. @COVIDNewsByMIB @MoHFW_INDIA @MIB_India #PIBFactCheck #PIBFacTree #Unite2FightCorona #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/E7t8aLT5Z5
बता दें कि कोरोना के बढ़ने के साथ लॉकडाउन को लेकर भी अफवाहें बढ़ रही हैं। एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा था जिसमें बताया जा रहा था कि दिल्ली में लॉकडाउन लगेगा। लेकिन वास्तविकता में ये वीडियो पिछले साल का है। इस वीडियो को बिन संदर्भ के शेयर किया जा रहा है।
A video is being shared on social media which claims that #Lockdown will be imposed in #Delhi from tomorrow morning.#PIBFactCheck: This video is from last year (2020). It’s an old news clip & is being shared without any context. pic.twitter.com/AqVyx1T0wR
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 28, 2021
इसी तरह एक तस्वीर एडिट करके ये भी कहा जा रहा है कि भारत सरकार 9 से 19 अप्रैल के लिए लॉकडाउन लगाने वाली हैं, लेकिन सच ये है कि प्रशासन ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। कल पीएम मोदी बैठक में भी कह चुके हैं कि अभी लॉकडाउन की जरूरत नहीं है।
एक #Morphed तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा 9 से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया जाएगा। #PIBFactCheck: यह दावा #फ़र्ज़ी है। भारत सरकार द्वारा #लॉकडाउन के संबंध में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। कृपया ऐसी भ्रामक तस्वीरों या संदेशों को गलत संदर्भ में साझा न करें। pic.twitter.com/9Luh5XWqst
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 9, 2021
इन सबके अलावा, कोविड दौर में अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं पर भी झूठी खबरें चलाई जा रही हैं। खबरों में दावा किया गया कि पेंशनरों द्वारा पैनल के निजी अस्पतालों में कोविड टीकाकरण कराने पर बिल की प्रतिपूर्ति सीजीएचएस द्वारा की जाएगी। इस दावे को पीआईबी ने फर्जी करार दिया और कहा निजी अस्पतालों में कोविड टीकाकरण कराने पर सीजीएचएस द्वारा बिल की प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी।
एक खबर का दावा है कि पेंशनरों द्वारा पैनल के निजी अस्पतालों में कोविड टीकाकरण कराने पर बिल की प्रतिपूर्ति सीजीएचएस द्वारा की जाएगी।#PIBFactCheck: यह दावा #फर्जी है। लाभार्थियों के निजी अस्पतालों में कोविड टीकाकरण कराने पर #CGHS द्वारा बिल की प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी। pic.twitter.com/BM5xS6F8Dj
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 2, 2021
एक ऑडियो शेयर हो रहा है जिसमें लोगों को डराने के लिए कहा जा रहा है कि सरकारी अस्पताल में बाँटें जा रहे मुफ्त मास्क से लोग बेहोश हो रहे हैं और उन्हें कोविड वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है, जबकि पीआईबी ने कहा है कि ये क्लेम निराधार है और ऐसे मैसेजों को आगे बढ़ाने से पहले उसके तथ्यों को जाँच लें।
#WhatsApp पर शेयर की जा रही इस ऑडियो क्लिप में #फर्जी दावा किया जा रहा है कि सरकारी अस्पताल में बाँटें जा रहे मुफ्त मास्क से लोग बेहोश हो रहे हैं और उन्हें कोविड वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 8, 2021
ऐसे किसी मैसेज को शेयर करने से पहले उसके तथ्यों की जाँच अवश्य करें#PIBFactCheck #Fake pic.twitter.com/FStAEpcVbn