Wednesday, September 18, 2024
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‘हिमाचल प्रदेश में हथियार लेकर मुस्लिमों के नरसंहार को निकले हिन्दू’: जानिए उस वीडियो का सच जिसके जरिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बताया जा रहा हिंसक

गुलाम अब्दुल कादिर इलाहाबादी ने लिखा, "हिमाचल प्रदेश में शिमला में मस्जिद शहीद करने के लिए हथियार लेकर निकलना एक गंभीर और खतरनाक कदम है। क्या ये आतंकवाद की श्रेणी में नहीं आता? क्या कॉन्ग्रेस सरकार मुस्लिमों के नरसंहार का इंतजार कर रही है?"

हिमाचल प्रदेश में अवैध इस्लामी संरचनाओं को ध्वस्त करने के लिए एक बड़ा आंदोलन चल रहा है। सबसे पहले शिमला स्थित संजौली क्षेत्र में एक मस्जिद द्वारा अतिक्रमण के मुद्दे पर आंदोलन हुआ। अंत में मस्जिद समिति ने खुद ही इस्लामी संरचना के उस हिस्से को ध्वस्त करने पर सहमति दे दी। इसके बाद मंडी में एक तीन मंजिला मस्जिद को लेकर आंदोलन हुआ, जिसके 2 मंजिलों को अदालत ने अवैध बताया है। पूरे हिमाचल प्रदेश में व्यापार मंडलों ने शनिवार (14 सितंबर, 2024) को बंद बुलाया।

इस दौरान मंडी से लेकर मनाली तक दुकानें बंद रहीं। हिन्दू संगठनों द्वारा आहूत इस बंद को जनता का पूर्ण समर्थन मिला। हिमाचल प्रदेश में कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार है और वहाँ की पुलिस ने हिन्दू प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल-प्रयोग किया। आँसू गैस के लोगों से लेकर लाठीचार्ज तक किया गया। जबकि प्रदेश के मंत्री और पुराने कॉन्ग्रेसी अनिरुद्ध सिंह तक विधानसभा में कह चुके हैं कि बाहर से जमात के लोग आकर यहाँ गलत काम कर रहे हैं, डेमोग्राफी बदलने से असंतुलन पैदा हो रहा है।

हिमाचल प्रदेश में हथियार लहराते हिन्दू हिंसक?

इसी बीच सोशल मीडिया पर हिन्दुओं का एक वीडियो शेयर कर के उन्हें दंगाई बताया जाने लगा। इन तस्वीरों और वीडियो में हिन्दू समाज के लोग हाथों में तलवार लिए झूमते दिख रहे हैं और पीछे संगीत बज रहा है। इस दौरान ढोल-ताशे भी बज रहे हैं। जैसे, ‘टीम साथ’ ने लिखा, “हिमाचल प्रदेश में हथियार लेकर विचरण करते हिंदुत्व आतंकवादी”। यहाँ तक कि कई दक्षिणपंथी सोशल मीडिया हैंडलों ने भी फैलाया कि ये हिन्दू मस्जिदों के खिलाफ हथियार उठा रहे हैं।

रफीकुल इस्लाम ने इन हिन्दुओं को असामाजिक तत्व बता कर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार करने की अपील करते हुए लिखा, “हिमाचल में कथित हिंदू सनातनी कहलाने वाले जिनका शास्त्र ‘अहिंसा ही परम धर्म’ कहता है, वो हाथ में हथियार लेकर क्या कर रहे हैं?”

नेहा हबीब ने कॉन्ग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, “हिमाचल में हथियार लेकर जुलूस – मोहब्बत की दुकान वाला किधर है?”

गुलाम अब्दुल कादिर इलाहाबादी ने लिखा, “हिमाचल प्रदेश में शिमला में मस्जिद शहीद करने के लिए हथियार लेकर निकलना एक गंभीर और खतरनाक कदम है। क्या ये आतंकवाद की श्रेणी में नहीं आता? क्या कॉन्ग्रेस सरकार मुस्लिमों के नरसंहार का इंतजार कर रही है?”

हथियार लिए हिन्दुओं के वीडियो की सच्चाई

अब आपको बताते हैं कि इस वीडियो की सच्चाई क्या है। न ही ये हिन्दू किसी को मारने के लिए हथियार लेकर निकले हैं और न ही कोई ढाँचा तोड़ने के लिए। असल में ये राज्य के पारंपरिक त्योहार ‘जाग’ का है। आज भी पूरे श्रद्धाभाव ने इन परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। ये उत्सव है। मान्यता है कि मंदिर में भाद्रपद में देव-दानव युद्ध होता है। इस दौरान आग पर चल कर अग्निपरीक्षा भी दी जाती है। क्षेत्र के सुख-शांति को लेकर प्रार्थना की जाती है।

मंडी के मंदिर में पिछले 58 वर्षों ये इस त्योहार का भव्य आयोजन होता है। महाकाली मंदिर में जाग होम का विशेष उत्सव होता है। इसी तरह जुब्बल/रोहडू क्षेत्र (शिमला, हिमाचल प्रदेश) में सांस्कृतिक कार्यक्रम (मंदिरों में वार्षिक आयोजन – जाग) परंपरागत ढंग से हथियारों के संग नाटी डालने की परंपरा है। हिन्दुओं के शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक दिखा कर उन्हें बदनाम करने का प्रयास हो रहा है। जबकि वो हिन्दू ही हैं जो पुलिस का बल-प्रयोग भी सह रहे हैं, अवैध अतिक्रमण भी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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