Sunday, September 1, 2024
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भारत का विमान अगवा कर कंधार ले जाने वाला दूसरा आतंकी भी मारा गया? जफरुल्लाह जमाली को लेकर किए जा रहे दावों का FactCheck

हरकत-उल-मुजाहिदीन के 5 आतंकियों ने 24 दिसंबर 1999 को विमान को नेपाल से अपहरण कर अमृतसर में कुछ देर रोकने के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे।

सोशल मीडिया पर बुधवार (16 मार्च) को एक खबर वायरल हुई कि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 का दूसरा अपहरणकर्ता ज़फरुल्लाह जमाली भी पाकिस्तान में मारा गया। कराची में अज्ञात हमलावरों ने गोलियाँ मारकर उसकी हत्या कर दी।

रिपोर्ट के मुताबिक, मोटरसाइकिल सवार अज्ञात हमलावरों ने पिछले सप्ताह कराची में हरकत उल मुजाहिदीन के आतंकी ज़फरुल्लाह जमाली की हत्या कर दी थी। जफरुल्लाह जमाली ने दिसम्बर 1999 में IC-814 विमान का अपहरण किया और दुबई में विमान उतरवा कर एक यात्री रूपिन कात्याल की हत्या कर दी थी। सोशल मीडिया यूजर्स सहित सुरक्षा विशेषज्ञों का दावा है कि जहूर मिस्त्री के बाद जमील दूसरा अपहरणकर्ता है, जो मारा गया।

प्राथमिक तौर पर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों के उलट ज़फरुल्लाह जमाली IC-814 का दूसरा अपहरणकर्ता प्रतीत नहीं हो रहा है। कहा जा रहा है कि IC-814 हाईजैक की पुरानी रिपोर्ट में भी ज़फरुल्लाह जमाली नाम का कोई अपहरणकर्ता नहीं है। इस हिसाब से यह प्रतीत होता है कि कोई दूसरा आतंकी नहीं, बल्कि यह ज़हूर मिस्त्री ही है जो पाकिस्तान में मारा गया था। द न्यू इंडियन के जर्नलिस्ट प्रमोद कुमार सिंह के मुताबिक, ज़हूर मिस्त्री का ही उपनाम जमाली था और उसकी मौत की पुष्टि 7 मार्च को हुई थी।

ज़हूर मिस्त्री की मौत की खबर मार्च के पहले सप्ताह में तब आई थी, जब कराची की अख्तर कॉलोनी में उसे 2 अज्ञात बाईक सवारों ने गोलियों से भून दिया था। लगभग 2 दशक बीत जाने के बाद अभी तक ये खुलासा नहीं हो पाया है कि क्या ज़फरुल्लाह जमाली नाम का भी कोई आतंकी IC-814 के अपहरण में शामिल था। हरकत-उल-मुजाहिदीन के 5 आतंकियों ने 24 दिसंबर 1999 को विमान को नेपाल से अपहरण कर अमृतसर में कुछ देर रोकने के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे। अपहरणकर्ताओं में जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अज़हर का भाई इब्राहिम अज़हर, रऊफ असगर, ज़हूर मिस्त्री, शाहिद अख्तर और एक अन्य आतंकी जो 2001 के संसद भवन हमले में मारा गया, शामिल थे।

आतंकवाद विरोधी एक्सपर्ट के मुताबिक, इब्राहिम अज़हर और शाहिद अख़बार सईद ही पाकिस्तान में जीवित बचे हैं। ये सभी कराची से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में शरण ले लिए हैं। माना जाता है कि रऊफ असगर की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई। हरकत उल मुजाहिदीन के एक अन्य आतंकी को भारतीय सुरक्षा बलों ने भारतीय संसद पर हमले के दौरान 13 दिसम्बर 2001 को मार गिराया था।

इनमें से पाँचवे आतंकी ज़हूर मिस्त्री को कराची में अज्ञात हमलावरों ने मार्च 2022 के पहले सप्ताह में मार दिया था। ऐसे में यह लग रहा है कि दूसरे आतंकी ज़फरुल्लाह जमाली के मारे जाने की खबर संदिग्ध है। ज़फरुल्लाह का कोई रिकॉर्ड या कहीं भी उपस्थिति पहले से दर्ज नहीं है। इसी के साथ अज्ञात हमलावरों द्वारा मारे गए ज़हूर मिस्त्री की तस्वीरें सोशल मीडिया पर दूसरे अपहरणकर्ता ज़फरुल्लाह के मारे जाने की बताकर वायरल हो रहीं हैं।

ज़हूर मिस्त्री पर हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट

हिंदुस्तान टाइम्स के 8 मार्च 2022 की रिपोर्ट में ज़हूर मिस्त्री की पहचान जमाली के रूप में की गई है। उस रिपोर्ट में मारे गए आतंकी ज़हूर की फोटो वायरल ज़फरुल्लाह जमाली की फोटो से काफी मिलती है। इस मामले में और अधिक भ्रम इसलिए भी फ़ैल रहा है, क्योंकि मारे गए हरकत उल मुजाहिद्दीन आतंकी ज़फरुल्लाह जमाली की शक्ल पाकिस्तान के 15वें प्रधानमंत्री ज़फरुल्लाह जमाली से भी मेल खा रही है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जमाली की मौत 2 दिसम्बर 2020 में हुई थी। अफवाह ये भी उड़ रही है कि आतंकी के शक में कराची में पकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या कर दी गई है। आधिकारिक रूप से इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री किसी भी आतंकी हरकत में शामिल रहे हैं।

IC 814 विमान अपहरण कांड

24 दिसम्बर 1999 को भारत के विमान IC-814 को हरकत उल मुजाहिदीन के आतंकियों ने नेपाल से अपहरण कर लिया था। इस विमान को दिल्ली आना था, लेकिन इसे अपहरण कर के लाहौर, अमृतसर और दुबई ले जाया गया। अंत में इसे अफगानिस्तान के कंधार में रोका गया। तब भी अफगानिस्तान तालिबान के कब्ज़े में था। विमान में कुल 178 यात्री और 11 स्टाफ सवार थे, जिन्हें कब्ज़े में ले लिया गया था। इन सभी के बदले जेल में बंद जैश ए मोहम्मद के आतंकी मसूद अज़हर, उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर की रिहाई हुई थी। आतंकियों ने 15 आतंकियों को छोड़ने और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1,517 करोड़ रुपए) की फिरौती माँगी थी। यह मामला 31 दिसम्बर 1999 को खत्म हुआ था। आतंकियों से बातचीत करने वाले दल में अजीत डोभाल भी शामिल थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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