वडगाम के ‘निर्दलीय’ विधायक और कॉन्ग्रेस-कम्युनिस्ट समर्थक जिग्नेश मेवानी आज (20 मई को) दोपहर सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ फैलाते पकड़े गए। किसी बच्चे की निर्मम पिटाई के वीडियो को पहले तो उन्होंने गुजरात के वलसाड स्थित RMVM स्कूल का बताते हुए शेयर किया। प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल को टैग कर मोदी को लपेटने की कोशिश की और कुछ देर बाद खुद ही लोगों से पूछते नजर आए कि वीडियो हिंदुस्तान का है भी या मिस्र (ईजिप्ट) का है।
वीडियो की जाँच किए बिना शेयर करना जनप्रतिनिधि की गरिमा से नीचे
जिग्नेश मेवानी ने वीडियो शेयर करते हुए पहले लिखा, “मुझे यह संदेश मिला, ‘आप के whatsapp पे जितने भी नंबर एवं ग्रुप हैं एक भी छूटने नहीं चाहिए, ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड के RMVM SCHOOL का टीचर है, इसको इतना शेयर करो कि ये टीचर और स्कूल दोनों बंद हो जाए।’ @PMOIndia, कृपया हमें बताइए यह क्या हो रहा है।” यानी उन्होंने वीडियो की सत्यता का अप्रत्यक्ष दावा करते हुए सवाल पूछा।
Barbarism of worst form :
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) May 20, 2019
“आप के whatsapp पे जितने भी नंबर एवं ग्रुप हैं एक भी छूटने नही चाहिए, ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड के RM VM SCHOOL का टीचर है इसको इतना शेयर करो की ये टीचर और स्कूल दोनों बंद हो जाए । “- this is the message I received. @PMOIndia tell us what is this? pic.twitter.com/GMBioMLAmc
उसके बाद लोगों ने उनके ट्वीट के जवाब में कृत्य की भर्त्सना तो की, पर वीडियो के भारत के होने पर सवाल उठा दिए।
This is barbaric but I think this must be an unrelated video. Please confirm before spreading.
— sangram dange (@sangramdange) May 20, 2019
So brutual. But I don’t think this viral video is from India.
— Kapil Nigam (@Kapil_Nigam_) May 20, 2019
@AltNews @free_thinker plz vetify this
— DayanandSaraswati 2.0 GO BACK TO SCIENCE (@CupidBheem) May 20, 2019
तब अपनी बढ़ती आलोचना पर खिसिया कर जिग्नेश मेवानी ने अपने आरोप और दावे आधे-अधूरे तौर पर वापिस लेते हुए ट्वीट कर पूछा कि यह वीडियो गुजरात की है या इजिप्ट की? विधायक साहब! अगर आपको पता ही नहीं है तो फिर देश के पीएम को संबोधित करते हुए सवाल क्यों दाग दिए थे पिछली ट्वीट में?
Is this a video of Valsad gujarat or Egypt ? Ppl have different versions. Can anyone tell us ? This is most most shocking and painful. People are sharing this video like crazy. https://t.co/NgoDpAuXHV
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) May 20, 2019
हमारी जाँच में पता चला कि इसी स्कूल के नाम से एक बार पहले भी पिछले साल फेक न्यूज़ फ़ैलाने की कोशिश हो चुकी है। उस समय लल्लनटॉप और ऑल्ट न्यूज़ ने इसका फैक्ट चेक कर इसे फर्जी करार दिया था। ऐसे में सवाल यह है कि अपने ही राज्य में फेक न्यूज़ और दुष्प्रचार के पहले भी शिकार हो चुके एक स्कूल के खिलाफ कुछ शेयर करने से पहले एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मेवानी ने खुद जाँच क्यों नहीं की? या एक्ज़िट पोल के नतीजों से वह इतने सदमे में चले गए हैं कि विधायक की गरिमा और जिम्मेदारी से अब उन्हें कोई वास्ता नहीं बचा है?
आपको याद दिला दें कि जिग्नेश मेवानी ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन से चंदा लेकर राजनीति की पारी शुरू की थी।