Friday, December 13, 2024
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झूठ फैलाते पकड़ा गया ‘कॉन्ग्रेसी’ पत्रकार पुनीत, नूहं में हिन्दू की लुटी दुकान का दोष हिन्दुओं पर ही मढ़ा… पोल खुलने पर भी दिखा रहा बेशर्मी

फर्जी अफवाह वाला ट्वीट डिलीट करने के बाद भी पुनीत खुद को एक जिम्मेदार नागरिक बता रहे हैं। लोगों के बीच भ्रामक सूचना और समाज में नफरत फैलाने के बावजूद पुनीत ने माफ़ी नहीं माँगी और बेशर्मी पर अड़े रहे।

हरियाणा के नूहं में 31 जुलाई 2023 को हिन्दुओं के ब्रिजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया था। हिंसा से संबंधित ‘मिनी पाकिस्तान’ कहे जाने वाले मेवात के नूहं से कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इस बीच कट्टरपंथी मुस्लिमों के बचाव में कुख्यात गिरोह भी सक्रिय हो चुका है।

यह गैंग हिन्दुओं को ही हमलावर और मुस्लिमों को पीड़ित दिखाने के लिए साजिशें रचना शुरू कर चुका है। इन्हीं में से एक कथित पत्रकार पुनीत कुमार सिंह भी हैं। पुनीत ‘बोलता हिंदुस्तान’ नाम का प्रोपोगेंडा पोर्टल चलाते हैं। उन्होंने कई फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की।

पुनीत ने मंगलवार (1 अगस्त 2023) को एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने बीबीसी की ग्राउंड रिपोर्ट का हवाला दिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि विकास गर्ग नाम के व्यक्ति की दुकान में तोड़फोड़ हुई थी। पुनीत ने आरोप लगाया कि दुकान को मुस्लिमों की दुकान समझकर हिन्दू संगठनों के सदस्यों इसमें तोड़-फोड़ की।

पुनित ने लिखा, “नूहं में हिंदू ‘विकास गर्ग’ की दुकान को मुस्लिम की दुकान समझकर भगवा गुंडों ने तहस-नहस कर दिया।” इसी के साथ पुनीत ने मृत शायर राहत इंदौरी के एक ‘शेर’ की कुछ पंक्तियाँ – ‘लगेगी आग तो आएँगे घर कई जद में, यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।’ भी लिखा।

पुनीत कुमार सिंह का वो ट्वीट जो अब डिलीट कर लिया गया है

कुल मिलाकर पुनीत यह कहना चाहते थे कि नूहं के दंगे हिंदुओं की वजह से हुए और हिन्दू ही इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। अब डिलीट हो चुके ट्वीट में इस कथित पत्रकार ने नूहं से बीबीसी की एक वीडियो रिपोर्ट भी संलग्न की थी।

इस वीडियो में क्षतिग्रस्त दुकान के मालिक विकास गर्ग ने बीबीसी को बताया कि उनकी ’24×7 बेकरी एंड कैफे’ नाम की दुकान में सोमवार को तोड़फोड़ की गई थी। विकास ने घटना का समय सोमवार की दोपहर 3:30 बजे से 3:45 बजे बताया।

बीबीसी की रिपोर्ट में विकास ने बताया, “जब यात्रा गुजर रही थी तो यहाँ दंगा भड़क गया। मैं अपनी दुकान में ताला लगाकर चला गया था। इस दौरान मेरी दुकान लूट ली गई। दुकान का काउंटर, शीशे, LED और 7 फ्रिज क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दुकान में रखे लगभग 7.5 लाख रुपए नकद रखे हुए थे। सारा सामान चुरा लिया गया है।”

विकास ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने रेस्तरां को बनाने के लिए कई सालों की कड़ी मेहनत की थी। उनके इस नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है। इसी वीडियो के आधार पर पुनीत ने विकास गर्ग की दुकान को हिन्दू संगठन के सदस्यों द्वारा लूटे जाने का दावा किया।

पुनित ने अपने ट्वीट में हिंदुओं के लिए ‘भगवा गुंडों’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी किया। हालाँकि, पुनीत का ये दावा फर्जी निकला। विकास की दुकान के बाहर लगे बोर्ड पर दुकान के मालिकों के नाम स्पष्ट रूप से विकास गर्ग और सचिन गर्ग लिखे हुए थे। इसलिए मुस्लिम की दुकान समझकर हिंदुओं को तोड़-फोड़ वाला नैरेटिव फिट नहीं बैठता।

पुनीत ने अपने खास एजेंडे को फैलाने की कोशिश की। पोल खुलने और कई ट्विटर यूजर्स द्वारा आइना दिखाने के बाद फर्जी न्यूज़ विक्रेता ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। एक अन्य पत्रकार आदित्य राज कौल ने पुनीत कुमार सिंह के डिलीट ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए गुरुग्राम में लोगों से फर्जी खबर पर ध्यान न देने की अपील की है।

पत्रकार आदित्य राज कौल ने लिखा, “गुरुग्राम में लोगों को फर्जी खबरों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। फर्जी सूचनाओं पर आधारित कुछ ट्वीट्स से हरियाणा में दहशत फैल रही है। ट्वीट डिलीट कर दिया गया है, इसके बावजूद इसे फॉरवर्ड किया जा रहा है। आशा है कि पुलिस मेवात हिंसा को गुरुग्राम तक फैलाने की साजिश की जाँच करेगी। सतर्क रहें। घबराएँ नहीं।”

इधर फजीहत होने के बाद पुनीत ने आधी रात को अपनी सफाई में एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि जानकारी पता होने के बाद ट्वीट डिलीट कर लिया गया है। पुनीत का कहना है कि उन्हें हिन्दुओं द्वारा हिन्दू की दुकान लूटे जाने की जानकारी एक विश्वसनीय पत्रकार ने दी थी।

फर्जी अफवाह वाला ट्वीट डिलीट करने के बाद भी पुनीत खुद को एक जिम्मेदार नागरिक बता रहे हैं। लोगों के बीच भ्रामक सूचना और समाज में नफरत फैलाने के बावजूद पुनीत ने माफ़ी नहीं माँगी और बेशर्मी पर अड़े रहे।

इसके उलट, वह दूसरे पत्रकारों पर फर्जी न्यूज़ चलाने और पैसे की उगाही के आरोप लगाते रहे। अपने विवादास्पद ट्वीट में लिखी गई राहत इंदौरी की लाइनों को भी पुनीत ने अहिंसक बताया। फिलहाल सोशल मीडिया पर कथित पत्रकार पुनीत की गिरफ्तारी की माँग उठ रही है।

इस पत्रकार को लोग कॉन्ग्रेस के फंड पर पलने वाला पत्रकार कहते हैं।

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