दुनिया के सामने भारत को कमजोर दिखाने के लिए पाकिस्तान अब सोशल मीडिया पर नए झूठ फैला रहा है। हाल ही में एक पाकिस्तानी पत्रकार ने एक तस्वीर को शेयर करके ये बताने की कोशिश की है कि भारत का ‘M-17’ लद्दाख में क्रैश हो गया है और इस संबंध में वह भारतीयों को जानकारियाँ देते रहेंगे।
ट्विटर पर पाकिस्तानी पत्रकार मुबाशेर लुकमान ने एक क्रैश विमान की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “भारतीयों चेक करो, क्या यह तुम्हारा M 17 लद्दाख में क्रैश हो गया है। हम तुम्हें इससे जुड़ी जानकारियाँ देते रहेंगे।”
Indians please check is this your M 17 crashed in Laddakh? We will keep you posted of any developments pic.twitter.com/Oc8LJVlGYp
— Mubasher Lucman (@mubasherlucman) September 13, 2020
इसके बाद कई पाकिस्तानियों ने इस तस्वीर को धड़ल्ले से शेयर किया। इमरान खान की पीटीआई से जुड़ी डॉ फातिमा ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “बस एक दरख्वास्त है!!! हमारे लिए भी कुछ राफेल्स रखे रखना।”
Indians please check is this your M 17 crashed in Laddakh? We will keep you posted of any developments!!!
— Dr Fatima K – PTI (FOLLOW 4 ANY MEDICAL ADVICE ) (@p4pakipower) September 13, 2020
Just a request!!! Keep some Rafales for us also 🤣🤣pic.twitter.com/xTuW0JuAcg
अब दिलचस्प बात यह है कि जिस तस्वीर को पाकिस्तानी पत्रकार, वहाँ की अवाम और पीटीआई से जुड़े लोग तक सोशल मीडिया पर खुशी-खुशी शेयर कर रहे हैं, वो तस्वीर वास्तविकता में साल 2018 की है।
जी हाँ, पाकिस्तानियों द्वारा शेयर की जा रही तस्वीर 3 अप्रैल 2018 को उत्तराखंड के केदारनाथ में हुई एक दुर्घटना की है। 3 अप्रैल 2018 की सुबह प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की मरम्मत के लिए Mi-17 निर्माण कार्यों से जुड़ा सामान लेकर केदारनाथ मंदिर के पीछे बने वीआईपी हैलीपैड पर लैंडिंग करने जा रहा था। मगर, बीच में ही यह घटना हो गई और सुबह के 8 बजकर 10 मिनट पर वहाँ से वायुसेना का एमआई 17 क्रैश होने की खबर आई। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस दुर्घटना के समय विमान में पायलट समेत 6 वायुसैनिक सवार थे। लेकिन राहत की बात यह थी कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था।
अब यह तो साफ है कि शेयर की जा रही तस्वीर क्रैश हुए M-17 की ही है लेकिन पाकिस्तानी इसे जिस मकसद से लद्दाख में क्रैश हुआ बता रहे हैं, वह चीन की चाटुकारिता ही है। घटना न तो हाल फिलहाल की है और न ही लद्दाख की। इसलिए तस्वीर के साथ शेयर किए जा रहे कैप्शन से यही मालूम चलता है कि एक बार फिर झूठे दावों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान अपना और चायनीज प्रोपेगेंडा फैलाना चाहता है।
हालाँकि, सोशल मीडिया पर भारतीय यूजर्स ऐसे प्रोपेगेंडा का मुँहतोड़ जवाब दे रहे हैं। शिव अरूर पाकिस्तानी पत्रकार के ट्वीट के रिप्लाई में लिखते हैं, “मुबाशेर, यह 2018 की तस्वीर है उत्तराखंड से। 55 लाख फॉलोवर्स के होते हुए भी तुम अपना पायजामा चायनीज को दे आए!”
Mubasher, that’s a 2018 picture from Uttarakhand. Must really suck to have 5.5 million followers and still have to hand over your pyjamas to the Chinese. https://t.co/dGZpmVcOrZ
— Shiv Aroor (@ShivAroor) September 13, 2020
इसी तरह अमन कश्यप घटना से संबंधित खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखते हैं, “डियर पोर्की, कुछ सुधार। ladakh होता है न कि laddakh। mi 17 है न कि m17। तस्वीर उत्तराखंड की है न कि लद्दाख की। घटना साल 2018 की है न कि 2020 की।”
Dear porki, Some corrections
— Aman Kashyap (@AmanKashyap89) September 13, 2020
– Ladakh not Laddakh
– Mi 17 not M 17
– pic is of uttrakahnd not Ladakh
– pic is from 2018 not 2020
❤️De ka info war karega tu pic.twitter.com/T8ZEIXBRNk