12 ‘दागदार’ व ‘सुस्त’ वरिष्ठ अधिकारियों को समय-पूर्व रिटायरमेंट देने के बाद एक और बार अकुशलता पर चाबुक चलाते हुए मोदी सरकार ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व कस्टम बोर्ड के 15 बड़े अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। इन सभी अधिकारियों पर पद की नियमावली के खिलाफ काम करने का आरोप था। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए नियम 56 का सहारा लिया है।
आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त आदि पदों के अधिकारी शामिल
ANI की खबर के मुताबिक नियम 56(जे) के अंतर्गत वित्त मंत्रालय ने जिन अधिकारियों को पदमुक्त करने के आदेश जारी किए हैं, वह प्रमुख आयुक्त, आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त और उपायुक्त रैंक के हैं। ANI ने यह खबर मन्त्रालय के अपने सूत्रों के हवाले से जारी की है।
Government of India compulsorily retires 15 very senior officers of the ranks of Principal Commissioner, Commissioner, Additional Commissioner, & Deputy Commissioner of Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) today, under Rule 56 (j) pic.twitter.com/GumYFZkgRr
— ANI (@ANI) June 18, 2019
इसके पूर्व भी आयकर विभाग के जिन 12 अफसरों को वित्त मंत्रालय ने जबरन रिटायर किया था, उन पर भी कार्रवाई इसी नियम के अंतर्गत की गई थी। ये सभी अधिकारी इनकम टैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जैसे महत्वपूर्ण और बड़े पदों पर तैनात थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन अधिकारियों में से कई पर भ्रष्टाचार, बेहिसाब संपत्ति का अर्जन और यौन शोषण जैसे आरोप लगे हुए थे।