कोरोना वायरस से लड़ने के नाम पर दिल्ली सरकार के एलजी/सीएम रिलीफ फंड में 3469.99 लाख (34 करोड़ 69 लाख 99 हजार) रुपए आए। इसमें से दिल्ली सरकार ने मात्र 1702.44 लाख (17 करोड़ 2 लाख 44 हजार) रुपए ही खर्च किए। आश्चर्यजनक तौर पर कोरोना संक्रमण को रोकने पर इसमें से एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। यह खुलासा एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब से हुआ है।
आरटीआई के तहत दिल्ली सरकार से इस साल मार्च से लेकर 16 नवंबर तक रिलीफ फंड में आए पैसे और खर्च का ब्यौरा माँगा गया था।
RTI कार्यकर्ता विवेक पांडेय द्वारा नवम्बर, 2020 में सीएमओ दिल्ली से एक आरटीआई दायर कर इस सम्बन्ध में जवाब माँगा गया था। लेकिन इसके आँकड़े हैरान कर देने वाले हैं। विवेक पांडेय को इस RTI का जवाब दिसंबर 15, 2020 को मिला। RTI में मिले जवाब का यदि मोटा-मोटा हिसाब लगाया जाए तो दिल्ली सरकार को कोरोना के नाम पर लगभग 34 करोड़ फंड अब तक मिल चुका है। इसमें से अरविन्द केजरीवाल सरकार मात्र 17 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाई है।
ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए RTI में प्राप्त जानकारी का विवरण देते हुए विवेक ने बताया कि उन्होंने इस RTI में पूछे गए सवालों में से मात्र एक का ही जवाब दिया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने एक आरटीआई दिल्ली राजस्व विभाग को भी भेजी, जिसका अभी तक भी जवाब नहीं आया है।
विवेक के अनुसार, इसके अलावा जिस RTI का जवाब दिल्ली सरकार की ओर से दिया गया है, उनमें भी उन्हें कोरोना वायरस के लिए खर्च किए गए आँकड़ों का पूरा विवरण नहीं भेजा गया है। विवेक का कहना है कि उन्होंने यह सवाल भी पूछा था कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए किस विभाग और किस कार्य में दिल्ली सरकार द्वारा यह फंड खर्च किया गया था, लेकिन उन्हें इस सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।
कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक दिल्ली सरकार द्वारा LG-CM राहत फंड में ओवरऑल कितना खर्च किया गया, इस सम्बन्ध में भी विवेक को कोई जवाब नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि अगर आप के (दिल्ली सरकार) पास इतनी बड़ी राशि आई थी, तो अब तक इतना कम अमाउंट ही क्यों खर्च किया गया?
RTI कार्यकर्ता के अनुसार, दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार हमेशा यही शिकायत करती है कि हमें काम नहीं करने दिया जाता है और हमारे पास पैसा नहीं है, लेकिन जब मार्च से अब तक इतनी बड़ी राशि उनके पास कोरोना वायरस से निपटने के लिए मौजूद थी, तो फिर इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया?
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस को लेकर शुरू से ही बहुत बुरी स्थिति रही है, केंद्र ने भी राज्य की मदद की, बावजूद इसके अरविन्द केजरीवाल सरकार अपने फंड का इस्तेमाल क्यों नहीं कर पाई?
केजरीवाल सरकार ने अकेले मार्च में विज्ञापन पर कर डाले 103.76 करोड़ रुपए खर्च
इससे पहले, RTI एक्टिविस्ट विवेक द्वारा ही दायर की गई एक और RTI से खुलासा हुआ था कि दिल्ली सरकार ने 2012-13 से अब तक विज्ञापनों पर 659.02 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। इसका 77% वर्ष 2015 से केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान खर्च किया गया।
इस साल अप्रैल और अक्टूबर के बीच, दिल्ली सरकार ने 99.69 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जबकि सबसे अधिक खर्च वित्तीय वर्ष 2019-20 में हुआ। इस दौरान आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा 199.99 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए गए।
दिल्ली सरकार द्वारा 2019-20 में विज्ञापन पर खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा अकेले मार्च के माह में किया गया, जब केजरीवाल सरकार द्वारा एक महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों के बाद अपने प्रशासन के प्रचार पर 103.76 करोड़ रुपए खर्च कर डाले।