लॉ की छात्रा के साथ रेप के आरोपित पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुँचाने के बाद एसआईटी ने इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि जनवरी 2019 से अगस्त महीने तक चिन्मयानंद और पीड़ित छात्रा के बीच 200 बार फोन पर बातचीत हुई थी। वहीं, पीड़ित छात्रा की उसके साथी संजय से इसी अवधि में 4200 बार कॉल पर बातचीत हुई। एसआइटी ने आउटगोइंग व इनकमिंग कॉल का ब्योरा निकालकर इसे जाँच में शामिल किया है। इसके साथ ही एसआईटी ने पीड़िता छात्रा पर भी फिरौती माँगने का आरोप लगाया है।
मामले को सुलझाने के लिए एसआईटी हर तरह से जाँच कर रही है। एआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने बताया कि एसआईटी ने हर जरूरी डिजिटल साक्ष्य, दोनों पक्षों के फोन कॉल डीटेल जुटाए। घटनास्थल, संस्थान, पीड़िता के घर और हॉस्टल से भी साक्ष्य एकत्र किए। गाड़ियों के मूवमेंट, टॉल टैक्स बैरियर, दिल्ली और राजस्थान के होटलों से सीसीटीवी फुटेज, बैंक और एटीएम से रकम निकालने से जुड़े डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए गए हैं।
एसआईटी द्वारा किए गए खुलासे से पीड़ित छात्रा की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। नवीन अरोरा ने कहा कि एसआईटी ने चिन्मयानंद के अश्लील वीडियो के एवज में 5 करोड़ रुपए माँगने के आरोप में पीड़ित छात्रा के साथी संजय सिंह, उसके चचेरे भाई विक्रम और मौसेरे भाई सचिन सेंगर को भी गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, पुलिस ने कहा कि चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा भी फिरौती माँगने की आरोपित है। नवीन अरोड़ा ने कहा कि अभी तक पीड़ित महिला और संजय का फोन बरामद नहीं किया गया है। फोन के बरामद होते ही उसे फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा जाएगा।
अरोरा ने कहा कि फिरौती की माँग करने की आरोपित छात्रा को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि उसके खिलाफ ‘जाँच लंबित’ है। उन्होंने कहा, “हमने निर्णायक साक्ष्य होने की वजह से छात्रा का नाम इसमें शामिल किया है। अन्य आरोपितों के बयान भी यह दर्शाते हैं कि छात्रा इसमें शामिल थी। हमारी जाँच जारी है। हम इलाहाबाद हाई कोर्ट में 23 सितंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे और उसके बाद अदालत के निर्देशों का इंतजार करेंगे।”
गौरतलब है कि स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) ने चिन्मयानंद को उनके शाहजहाँपुर स्थित मुमुक्षु आश्रम से गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहाँ कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 376-सी, 354-डी, 342, 506, 342 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने गिरफ्तारी के बाद एसआईटी की पूछताछ में अपना सारा जुर्म कबूल करते हुए कहा था कि वो अपने कृत्य के लिए शर्मिंदा हैं।