Sunday, November 17, 2024
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7 साल में 4000 ईसाई लड़कियाँ ‘लव जिहाद’ की शिकार: अल्पसंख्यक आयोग ने अमित शाह से लगाई गुहार

"कई अभिभावकों में 'लव जिहाद' को लेकर डर का माहौल है और उनका ये डर जायज भी है। पूर्व में कई मामले ऐसे आ चुके हैं, जहाँ ईसाई लड़कियों को 'लव जिहाद' का शिकार बनाया गया। ईसाई लड़कियाँ इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए एक 'सॉफ्ट टारगेट' बनती जा रही हैं।"

हिंदू ही नहीं ईसाई लड़कियाँ भी ‘लव जिहाद’ का शिकार हो रही हैं। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NMC) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा है। केरल के कोझीकोड में एक ईसाई व्यक्ति ने अपने बेटी के साथ ब्लैकमेलिंग का मामल दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में उसने कहा था कि उसकी बेटी को ब्लैकमेल कर उसे इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अल्पसंख्यक आयोग ने इस ख़बर को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराया है।

अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने पत्र में स्वीकार किया है कि धर्मान्तरण के मामले काफ़ी ज्यादा बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्य को एक सुनियोजित तरीके से और संगठनात्मक रूप से अंजाम दिया जा रहा है। कुरियन के अनुसार, पीड़ितों को ‘लव जिहाद’ के तहत फँसा कर आतंकी गतिविधियों में उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। केरल से आने वाले जॉर्ज कुरियन ख़ुद ईसाई हैं और उन्हें मई 2017 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र: ईसाई लड़कियाँ बन रही हैं लव जिहाद’ की शिकार

जॉर्ज कुरियन ने कहा कि ईसाई लड़कियाँ ‘लव जिहाद’ का सबसे आसान शिकार बन रही हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय से इस ख़तरनाक चलन को रोकने और इस मामले में एनआईए से जाँच कराने की माँग की। बकौल अल्पसंख्यक आयोग, ईसाई लड़कियाँ इस्लामिक कट्टरवादियों के लिए एक ‘सॉफ्ट टारगेट’ बन गई हैं। आयोग ने कहा कि अब इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा चलाए जा रहे धर्मान्तरण अभियान को रोकने के लिए क़ानून बनाने का समय आ गया है। कुरियन ने कहा:

“कई अभिभावकों में ‘लव जिहाद’ को लेकर डर का माहौल है और उनका ये डर जायज भी है। पूर्व में कई मामले ऐसे आ चुके हैं, जहाँ ईसाई लड़कियों को ‘लव जिहाद’ का शिकार बनाया गया। केरल के 21 लोग खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गए। इनमें से 5 ऐसे थे, जो पहले ईसाई थे और बाद में उन्हें धर्मान्तरण के जरिये इस्लाम कबूलवाया गया था।”

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की यह चिंता 2 हालिया घटनाओं के कारण बढ़ गई है। पहली घटना केरल के कोझीकोड की है, जहाँ एक कॉलेज छात्रा के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसका वीडियो बना लिया गया। पीड़िता ईसाई समुदाय से आती है। आरोपितों ने रेप का वीडियो बनाया और फिर उस वीडियो के जरिए पीड़िता को इस्लाम कबूलने के लिए ब्लैकमेल करते रहे। जब पीड़िता ने ऐसा करने से मना कर दिया, तब उसके हॉस्टल से ही उसका अपहरण कर लिया गया। एक अन्य घटना में ईसाई लड़की का रेप किया गया और उससे इस्लाम कबूल करवाया गया।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने लिखा कि अधिकतर मामलों में पीड़ितों का ब्रेनवाश किया गया। आयोग ने चिंता जताई है कि अगर यह सब चालू रहा तो केरल में सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति बिगड़ सकती है। कई मामलों में पीड़ितों के परिवार वालों ने डर के कारण चुप रहना ही उचित समझा, क्योंकि धर्मान्तरण लॉबी काफ़ी शक्तिशाली और संगठित है। कैथोलिक कॉन्फ्रेंस ने भी स्वीकारा है कि ‘लव जिहाद’ एक समाजिक बुराई बन गई है, जिसके तहत ईसाई लड़कियों का यौन शोषण किया जाता है और फिर उनकी पूरी जिंदगी नरक बन जाती है। अधिकतर जवान ईसाई लड़कियों को ही निशाना बनाया जा रहा है।

‘TOI’ के कोच्चि संस्करण में में छपी ख़बर

केरल बिशप कैथोलिक कॉन्फ्रेंस ने इस सम्बन्ध में एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2005 से लेकर 2012 तक, 7 वर्षों में 4000 ईसाई लड़कियों को ‘लव जिहाद’ का शिकार बनाया गया था। इन सबको प्यार के जाल में फँसाया गया और जबरन धर्मान्तरण कर के इस्लाम कबूल करवाया गया। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी ‘Kerala Catholic Bishops Conference’s Commission for Social Harmony and Vigilance’ की इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए चिंता जताई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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