उत्तराखंड के हल्द्वानी में मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने वो सबकुछ किया, जो दिल्ली में हिंदुओं के खिलाफ हुए दंगों में किया गया था। एक तरफ प्रशासन शांतिपूर्वक अतिक्रमण विरोधी अभियान चला रहा था, तो दूसरी तरफ इस्लामिक कट्टरपंथियों की नीयत के हिसाब से बड़े हमलों की चाल चली जा रही थी। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में इस्लामिक हमलावरों की भीड़ ने दो हिस्सों में हमला किया। पहली बार में उन्होंने पत्थरबाजी की, इसके बाद पत्थरबाजों की भीड़ पीछे हटी, तो दूसरा हमला शुरू हुआ पेट्रोल बमों का। उसके बाद हमलावर दूसरे इलाके में घुसे। ये सबकुछ उसी तर्ज पर हुआ, जैसे साल 2020 के दिल्ली दंगों में हुआ था। आइए, हम आपको पूरी क्रोनोलॉजी समझाते हैं।
अतिक्रमण कर बनाए हजारों घर, मस्जिद-मदरसा भी बनाया
हल्द्वानी में जिस बनभूलपुरा में ये सारा बवाल हुआ, वो पूरा इलाका सरकारी जमीन पर बसा है। प्रशासन लगातार अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई कर रहा था। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के आदेश के बाद ये कार्रवाई की जा रही थी। पिछले साल भी यहाँ बड़ा तनाव फैल गया था। इस बार अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत अवैध रूप से बने मस्जिद और मदरसा को हटाया जा रहा था। ये कार्रवाई लगभग पूरी भी हो गई थी। तभी वहाँ पहुँचती है एक मुस्लिम कट्टरपंथियों की बड़ी भारी भीड़। इस भीड़ में महिलाएँ और किशोर उम्र के बालक भी शामिल थे। उन्होंने प्रशासनिक कर्मचारियों से बहस की, और फिर देखते ही देखते आसपास की छतों से पत्थरबाजी शुरू हो गई। यहाँ करीब 800 की संख्या में मौजूद पुलिस वालों, मीडिया व अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों-अधिकारियों को घेर लिया गया, उन पर हमला बोल दिया गया। ये एक तरह से एकतरफा जंग की तरह हो गया।
खुद नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने बताया कि अतिक्रमण विरोधी अभियान पर कोर्ट की कोई रोक नहीं थी। कोर्ट से फैसला आने के बाद ही ये अभियान चलाया जा रहा था। जिन संपत्तियों को हटाने की कार्रवाई की जा रही थी, उसका कोई मालिक नहीं था। उन्होंने आगे कहा, “अतिक्रमण विरोधी अभियान कानूनी तौर पर सही तरीके से चलाया जा रहा था। हमारी टीमें वहाँ पहुँची। सारे संसाधन (बुलडोजर व अन्य गाड़ियाँ) मौके पर पहुँची। किसी को उकसाने या नुकसान पहुँचाने की कोशिश प्रशासन की तरफ से नहीं की गई। ये अभियान शांतिपूर्वक चल रहा था, तभी आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ ने नगर निगम टीम पर पहला हमला किया।”
डीएम वंदना सिंह ने बताया, “ये हमला छतों पर इकट्ठे किए गए पत्थरों के जरिए किया गया। 30 जनवरी तक उन छतों पर कोई भी पत्थर नहीं था। न्यायालय में जब सुनवाई चल रही थी, तब भी वहाँ पत्थर नहीं थे। जिस दौरान सुनवाई चल रही थी, उस दौरान छतों पर पत्थर इकट्ठे किए गए। इसका मतलब है कि ये पूरी तरह से प्लानिंग की गई थी कि जिस दिन अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा, उस समय हमला किया जाएगा। ताकि प्रशासन बैकफुट पर चला जाए। पत्थरों से हमला हुआ, तो हमारी टीम पीछे नहीं हटी। हमारी टीम काम करती रही, इसके बाद दूसरी टीम आई। उनके हाथों में पेट्रोल बम थे। उन्होंने हाथों में प्लास्टिक की बोतलें पकड़ी हुई थी, उन्होंने उसमें आग लगाकर फेंकना शुरू किया। हमारी टीम तब भी अवैध ढांचे को तोड़ने में लगी रही।”
#WATCH | Haldwani violence | DM Nainital, Vandana Singh says, "The demolition drive started peacefully, the force was deployed for prevention…Stones were pelted on our Municipal Corporation's team…It was planned that the day the demolition drive will be conducted the forces… pic.twitter.com/JL098EatbW
— ANI (@ANI) February 9, 2024
थाने को घेरकर पत्थरबाजी और पेट्रोल बम से आगजनी
अतिक्रमण विरोधी अभियान वाली जगह पर कट्टरपंथियों के हमले में पुलिस के कई जवान घायल हो गए। कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ लगातार बढ़ती ही जा रही थी। इसके बाद इस भीड़ ने बनफूलपुरा पुलिस थाने को घेर लिया। उन्होंने पहले थाने पर पत्थर बरसाए। फिर पत्थरबाज पीछे हो गए। यहाँ भी पूरी सोची समझी प्लानिंग के तहत पत्थरबाजों के बाद आई हमलावरों की नई टीम। इस टीम के हाथों में पेट्रोल बम थे। उन्होंने बनफूलपुरा पुलिस थाने, बाहर खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले करना शुरू कर दिया। आसपास से पुलिस पहुँचती, कि थाने में मौजूद पुलिस टीम को खुद को बचाने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़ गए।
डीएम वंदना सिंह ने बताया, “परिसंपत्तियों के नुकसान के तौर पर थाने को नुकसान पहुँचा। मुख्य बिल्डिंग को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन उसे हथौड़े से तोड़ने की कोशिश की गई। थाने में और थाने के बाहर खड़ी गाड़ियों खासकर पुलिस की गाड़ियों, प्रशासनिक गाड़ियों, नगर निगम की गाड़ियों और मीडिया कर्मियों की गाड़ियों को आग लगा दी गई। इस दौरान किसी भी दूसरे समुदाय ने इस भीड़ का विरोध किया, ऐसे में इसे धार्मिक तनाव नहीं कर सकते। ये पूरी तरह से बनभूलपुरा की भीड़ द्वारा राज्य सरकार को चैलेंज किया जा रहा था, प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा था।” उनका इशारा इसी तरफ रहा कि ये भीड़ कुछ भी करके सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाना चाहती थी, ताकि आगे अतिक्रमण विरोधी अभियान न चलाया जा सके।
#WATCH | Haldwani violence | DM Nainital, Vandana Singh says, "The police station has been completely damaged by the mob…This is an unfortunate incident. The accused will be identified and strict action will be taken. This (incident) was not communal. I request everybody to not… pic.twitter.com/RPPSeA6Mgx
— ANI (@ANI) February 9, 2024
फिर दूसरे मोहल्ले में इस्लामिक भीड़ ने दिखाई ‘ताकत’
बनभूलपुरा में सबसे ज्यादा नुकसान थाने के आसपास हुआ है। इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ ये कोशिश कर रही थी कि ये आग जल्द ही पूरे हल्द्वानी में फैल जाए। बनभूलपुरा थाने को नष्ट करने के बाद ये भीड़ गाँधी नगर इलाके की ओर बढ़ी। गाँधी नगर में मिश्रित आबादी है। किसी एक समुदाय का बहुमत नहीं है। ऐसे में प्रशासन और गाँधी नगर को आतंकित करने के लिए ये भीड़ उधर की तरफ बढ़ी। हालाँकि तब तक बाहर से सुरक्षा बल पहुँच गए। पीएसी के साथ ही अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान पहुँच गए। उन्होंने बड़ी मुश्किल से गाँधी नगर में हिंसा होने से रोका। हालाँकि गाँधी नगर को पूरी तरह से दहशत में डाल दिया गया था। इस दौरान बनभूलपुरा से लेकर गाँधी नगर तक भारी मात्रा में सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाल लिया और किसी तरह से इस हिंसा को हल्द्वानी के मुख्य शहर में पहुँचने से रोका।
नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने बताया, “प्रशासन की पूरी ताकत थाने को बचाने की थी। यहाँ से बलपूर्वक जब हमलावर भीड़ को हटाया गया, तब इस भीड़ ने पास के गाँधी नगर की ओर कूच किया। और पूरे गाँधी नगर को घेर लिया गया। इस क्षेत्र की आबादी मिली-जुली है। उस पूरे क्षेत्र को आतंकित करने की कोशिश की गई और प्रशासन को भी। चूँकि उस दौरान पीएसी, अर्धसैनिक बल और री-इन्फोर्समेंट फोर्स आ गई थी, तो वहाँ किसी तरह की जनहानि होने से रोक लिया गया। इस दौरान बनभूलपुरा के निकली हिंसक भीड़ को हल्द्वानी के मुख्य शहर में पहुँचने से रोका गया। इसके लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी कि हिंसा बनभूलपुरा के बाहर न फैलने पाए।”
#WATCH | Haldwani violence | DM Nainital, Vandana Singh says, "Maximum force was used for the protest of the police station…As soon as they (the mob) were dispersed from the police station, they headed to the Gandhi Nagar area…People from all communities and religions stay… pic.twitter.com/fzHM2vwyMn
— ANI (@ANI) February 9, 2024
ये पूरा घटनाक्रम उसी पैटर्न को दोहरा रहा है, जिसके तहत देश की राजधानी दिल्ली को काफी समय तक आतंकित करके रखा गया था। नैनीताल की डीएम वंदना सिंह के बयानों से स्पष्ट है कि इस बनफूलपुरा में पूरी प्लानिंग करके ही हमला किया गया। उनके बयानों को गंभीरता से सुनें, तो आखिर में वो बोलती हैं कि थाने पर हमले के बाद ये भीड़ गाँधी नगर को घेर चुकी थी। इसके बाद कट्टरपंथी हमलों की इस भीड़ ने हल्द्वानी में हाहाकार मचाने के लिए आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन प्रशासनिक सक्रियता के चलते ऐसा न हो सका। जबकि दिल्ली में ये हिंसा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फैल गई थी।
दिल्ली का प्रयोग हल्द्वानी में दोबारा!
बता दें कि दिल्ली में खौफ और खून से सने हिंदू-विरोधी दंगों को अंजाम देने के लिए ये ईंट-पत्थर एक सप्ताह पहले से ही इकट्ठा करना शुरू कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि इस हिंसा के लिए ट्रैक्टरों की मदद से एक हफ्ते पहले ही भट्ठों से ईंटे मँगवा ली गई थीं। सात ट्रक पत्थर तो करावल नगर के AAP पार्षद ताहिर हुसैन के घर के पास ही उठाए गए। बता दें कि इस दंगे के पीछे ताहिर हुसैन का बड़ा हाथ बताया जा रहा है। ताहिर पर आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की मौत का भी आरोप है।
ताहिर के घर के आगे लगे पत्थरों के ढेर को देखकर साफ लग रहा था कि इस दंगे के लिए जबरदस्त तैयारी की गई थी। उसके घर के आगे पत्थरों के इतने ढेर को देखकर निगमकर्मी भी सन्न रह गए, क्योंकि वहाँ पर इतना ज्यादा पत्थर था कि उससे एक मंजिला मकान बन सकता था। बता दें कि हिंसाग्रस्त इलाके मुस्तफाबाद, करावल नगर, चमन पार्क, शिव विहार सहित अन्य इलाकों में हिंसा के एक सप्ताह पहले से ही ट्रैक्टरों में भरकर ईंट मँगवाए गए और फिर इसके टुकड़े-टुकड़े किए गए ताकि इसे बोरियों में भरकर छतों पर रखा जा सके।
दिल्ली से लेकर हल्द्वानी तक की कड़ियों को जोड़ेंगे, तो साफ हो जाएगा कि हल्द्वानी में हुई हिंसा कोई अचानक हुई हिंसा नहीं, बल्कि पूरे देश को दहलाने की एक बड़ी साजिश थी। उनकी कोशिश थी कि पुलिस प्रशासन पर हुआ इस्लामिक हमला धीरे-धीरे पहले हल्द्वानी, फिर पूरे उत्तराखंड और फिर पूरे देश को अपनी चपेट में ले ले। हालाँकि अब प्रशासन ऐसे लोगों की पहचान करने में जुटा है, जो अतिक्रमण विरोधी अभियान के विरोध की आड़ में पूरे देश को जलाने की कोशिश में जुटे थे।
दंगों के बाद पूरे राज्य में अलर्ट
गौरतलब है कि हल्द्वानी में अतिक्रमण पर कार्रवाई हटाना अभी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। एक कार्रवाई के बाद दंगाई भीड़ का सड़कों पर उतरना, उत्पात मचाने ने तनाव बढ़ा दिया है। हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाई लेवल मीटिंग की। इस दौरान पुलिस के आला अधिकारी बैठकक में रहे। बाद में नैनीताल जिला प्रशासन ने दंगा प्रभावित क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया गया है। वहीं, प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। इस बीचराज्य सरकार ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। इस हिंसा में अभी तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, तो 300 से अधिक लोग घायल हैं। घायलों में 200 से अधिक लोग अकेले पुलिस के जवान ही हैं।