राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को 8 जगहों पर सिलसिलेवार धमाके हुए थे। जिसके संबंध में यहॉं की एक विशेष अदालत ने बुधवार (18 दिसंबर 2019) को इस मामले में चार लोगों को दोषी करार दिया। इनके नाम हैं मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजम, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान। धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 लोग घायल हुए थे।
इस ब्लास्ट के 2 अन्य आरोपित दिल्ली के बटला हाउस में 2008 में हुए एनकाउंटर में मार गिराए गए थे। एक आरोपित शाहबाज हुसैन को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। धमाकों के सिलसिले में जयपुर पुलिस ने पॉंच आरोपितो को गिरफ्तार किया था। तीन आरोपित दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। ये तीनों देश के दूसरे हिस्सों में भी धमाकों के आरोपित हैं। लिहाजा इनके खिलाफ एटीएस जॉंच नहीं कर पाई है।
Jaipur bomb blasts case: Four accused Sarvar Aazmi, Mohammad Saif, Saifur Rahman, and Salman convicted. Another accused Shahbaaz acquitted after being given benefit of doubt. 71 people were killed & 183 were injured in the serial blasts in the city on 13th May 2008. #Rajasthan https://t.co/th9N5rFaem
— ANI (@ANI) December 18, 2019
मामले में कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपित बनाया था। इनमें से 3 अब भी फरार हैं। इस मामले की सुनवाई में बीते एक साल से तेजी आई थी। सुनवाई के दौरान 1,296 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। दोषी करार दिए गए चारों आरोपितों को शुक्रवार को सजा सुनाए जाने की संभावना है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार दोषियों ने शहर में बम धमाके करने के लिए जिन जगहों व दुकानदारों से साइकिलें खरीदी थीं, उन दुकानदारों ने उनकी पहचान की थी। 13 मई 2008 की शाम परकोटा इलाके में 12 से 15 मिनट के अंतराल में चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर बम धमाके हुए थे। पहला ब्लास्ट खंदा माणकचौक, हवा महल के सामने शाम 7:20 बजे हुआ था। फिर एक के बाद एक 8 धमाके हुए थे।
इन धमाकों के बाद काफी देर तक जयपुर शहर की मोबाइल और टेलीफोन लाइनें जाम हो गईं थीं। जिससे दूसरे शहरों में मौजूद लोग अपने परिजनों और रिश्तेदारों की खैरियत जानने के लिए परेशान होते रहे थे।
बताया जाता है कि हनुमान मंदिर के निकट बम निरोधक दस्ते ने एक बम को निष्क्रिय कर दिया था। लेकिन, जो धमाके हुए थे, वो इतने शक्तिशाली थे कि कुछ लोगों के जिस्म तो कुछ फुट ऊपर तक उड़ गए थे। हमले की साजिश काफी सावधानी से रची गई थी। राजस्थान के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ए.एस. गिल ने कहा था कि यह आतंकवादी हमला था।
इसके बाद मामले की जाँच करते हुए एसओजी ने सितम्बर 2008 को सबसे पहले इंडियन मुजाहिद्दीन को घटना जानकारी मेल करने वाले आरोपित मोहम्मद शहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया था। और उसकी निशानदेही पर ही पुलिस ने मार्च 2009 में मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन और मोहम्मद सरवर आज़मी को भी गिरफ्तार कर लिया। बाद में मोहम्मद सलमान और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा, पिछले साल आरिज खान उर्फ जुनैद को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन अभी तक राजस्थान पुलिस ने उसे प्रोडेक्शन वारंट पर गिरफ्तार नहीं किया है। पूरे मामले में मिर्जा शादाब बैग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा और मोहम्मद खालिद अभी भी फरार चल रहे हैं।