हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर तरनतारन के रहने वाले लखवीर सिंह की बेरहमी से हत्या किए जाने को निहंग सिखों ने जायज ठहराया है। उन्हें इस हत्या का अफसोस नही, बल्कि गर्व है। उनका कहना है कि वो गुरु ग्रंथ की मिलिट्री हैं और वो किसानों और पुलिस के बीच की दीवार हैं। इनका कहना है कि जब तक किसानों का विरोध प्रदर्शन चलेगा, उनकी फौज इनकी रक्षा करेगी।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल के जत्थेदार अमान सिंह शुक्रवार को धमकी दी कि अगर कोई बेअदबी करता है तो गुरू की फौजें ऐसा ही करती हैं। अमान सिंह का कहना है कि गुरू की फौजों का यही कर्तव्य है। निहंग सिख खुद को गुरू की की फौज का सैनिक मानते हैं, जिन्हें सिख लाडली सेना कहते हैं। सिंघू बॉर्डर पर मौजूदा वक्त में निहंगों के 6 दल मौजूद हैं। इन लोगों के पास घोड़े, तलवार और कटार भी होती हैं और ये लड़ने में एक्सपर्ट होते हैं।
इससे पहले अमान सिंह ने कहा था कि अगर किसानों का प्रदर्शन चलेगा निहंग उनकी सुरक्षा करेंगे। अगर पुलिस किसानों पर कार्रवाई करेगी तो हम उनकी सुरक्षा करेंगे। उन्होंने पिछले साल वाली बात दोहराते हुए कहा कि हम किसानों और पुलिस के बीच की दीवार हैं। गुरु का हर सैनिक अपनी जान दे सकता है।
पंथ अकाली निरबैर खालसा दल के जत्थेदार बलविंदर सिंह ने किसानों को अपनी प्रजा बताया। उन्होंने खुद को इनका रखवाला बताया है। उनका मानना है कि गुरु गोविंद सिंह ने उन्हें आदेश दिया है कि जहाँ भी जरूरत पड़ेगी उन्हें वहाँ जाना पड़ेगा। बलविंदर सिंह ने इस बात की ओर इशारा किया कि सिंघू बॉर्डर पर किसान केवल धरने ही नहीं दे रहे हैं, बल्कि वो हथियारों से भी सुसज्जित हैं।
गुरू की बेअदबी करने वालों के साथ ऐसा ही होगा
हालाँकि, विरोध स्थल पर निहंगों की सेना की संख्या को लेकर उन्होंने कहा, “ये खुफिया जानकारी है। हम महाराज की सेना हैं और सेना अपनी जानकारियाँ शेयर नहीं करती है।” उनका कहना है कि निहंग केवल गुरुग्रंथ को ही अपना कानून मानते हैं और उसकी रक्षा करना उनका कर्तव्य है। गुरु की बेअदबी करने वालो को यही सजा दी जाएगी। अगर ऐसी हत्याएँ पहले होती तो किसी की हिम्मत बेअदबी करने की हिम्मत नहीं पड़ती।
18 साल के निहंग सिख सतनाम सिंह ने खुद को गुरु की लाडली फौज बताया और कहा गुरु ने हमें दिल्ली के तख्त पर राज करने के लिए बनाया है।