मुगलों के आखिरी वंशज याकूब आफिरुद्दीन तुसी ने ताजमहल को तेजोमहालय बताने पर ऐतराज जताते हुए धमकी दी है कि वो ऐसा करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कराएँगे। प्रिंस तुसी का कहना है कि हिन्दू साधु संत और कई हिन्दूवादी नेता ताजमहल को भगवान का घर बताने से धार्मिक माहौल बिगड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। तुसी का दावा है कि इससे दंगे भड़ सकते हैं।
इस मामले में याकूब आफिरुद्दीन तुसी ने अयोध्या के संत परमहंस आचार्य, उनके शिष्य और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की पौत्री राज्यश्री के खिलाफ थाना ताजगंज में केस दर्ज कराया है। ये शिकायत ईमेल के जरिए की गई है। प्रिंस तुसी का कहना है कि अगर ताजमहल को मंदिर बताने वालों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया तो वो पीएम मोदी और सीएम योगी से इसकी शिकायत करेंगे।
तुसी का कहना है कि हिन्दूवादी संगठनों ने ताजमहल में स्वास्तिक का निशान बने हुए होने का दावा कर सांप्रदायिक दंगे को भड़काने की कोशिशें की जा रही हैं। खुद को मुगल आक्रान्ता बहादुरशाह जफर की छठी पीढ़ी बताने वाले प्रिंस तुसी का कहना है कि ताजमल राष्ट्रीय धरोहर है। यहाँ पर पर हंगामा करने से आसानी से कोई भी प्रसिद्ध हो जाएगा। आखिरी मुगल का कहना है कि ताजमहल पर विवाद करने वालों को पब्लिसिटी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि भाईचारे को खत्म करने की कोशिशें करने वाले जगद्गुरू नहीं हो सकते।
गौरतलब है कि 26 अप्रैल 2022 को अयोध्या से आए जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल के पश्चिमी गेट से सीआईएसएफ के जवानों ने भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के चलते प्रवेश नहीं करने दिया था। उन्होंने दावा किया था कि ताजमहल में भगवान शिव की पिंडी है।
राम मंदिर के लिए सोने की ईंट देने वाले बयान पर प्रिंस तुसी का कहना है कि उन्हें अपना वादा याद है, लेकिन वो ये सोने की ईंट राम मंदिर के ट्रस्ट को नहीं पीएम मोदी को देंगे। उल्लेखनीय है कि प्रिंस तुसी फिलहाल हैदराबाद में रहते हैं और वहीं से उन्होंने अपनी शिकायत मेल की थी।