दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फर्जी रेप केस मामले में आरोपित बनाए गए व्यक्ति के खिलाफ हुई FIR रद्द करने के लिए एक अजीबोगरीब शर्त रखी। कोर्ट ने कहा कि वो आरोपित के खिलाफ हुई एफआईआर खारिज कर देंगे लेकिन उसे 100 से ज्यादा बच्चों वाले 2 अनाथालयों में बढ़िया क्वालिटी के 200 बर्गर देने होंगे।
कोर्ट ने अपना फैसला देते हुए पुलिस को निर्देश दिए कि वो देखें कि सभी बर्गर बढ़िया से और सुरक्षित माहौल में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान देते हुए बनाए गए हों। कोर्ट ने ‘आरोपित’ को 4.5 लाख रुपए का जुर्माना ‘पीड़ित’ को एक दिन के अंदर भरने को भी कहा।
Women lodged fake case, accused were married earlier, the dispute appeared to be matrimonial in nature and the two had finally reached a settlement.
— Argumentative Sonic (@vixxkigoli) October 4, 2022
Court has quashed a FIR for rape on the condition that the man provide hygienic and good quality burgers to two orphanages. pic.twitter.com/vTflts9Qed
जस्टिस जसमीत सिंह की एकल पीठ ने इसे वैवाहिक विवाद कहा। जस्टिस सिंह बोलीं कि आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध को सरलता से निपटाने की अनुमति नहीं है लेकिन इस मामले में अजीबोगरीब तथ्य और परिस्थितियाँ हैं। दोनों पार्टियों नें एक दूसरे से शादी की थी और दोनों के बीच मनमुटाव था। इसके चलते दोनों ने अलग होने का फैसला लिया। सिंह ने कहा- ये वैवाहिक विवाद का मामला है।
जस्टिस सिंह ने आगे कहा कि एफआईआर पीड़ित को दी गई गलत सलाह और गलतफहमी की वजह से दर्ज की गई। जिसके बाद से ये पूरा मामला 2020 से चल रहा है। पुलिस और न्यायपालिका इतना समय किन्हीं महत्वपूर्ण मामलों को दे सकती थीं, जो कि अब बर्बाद हो गया।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को कुछ पुण्य का काम करना चाहिए। याचिकाकर्ता के मुताबिक वो नोएडा और मयूर विहार में रेस्ट्रां चलाता है जिनके नाम बर्गर सिंह और वॉट-अ-बर्गर है। उसे साफ-सुथरे ढंग से अच्ची क्वालिटी के 200 बर्गर बनाकर दो अनाथालयों में देने होंगे जहाँ कम से कम 100 बच्चे हों।
Delhi High Court quashed a fake rape FIR and ordered the accused to donate 200 burgers fr wasting judicial time. No punishment fr Woman.Instead she gt 4.5 lac as settlement. So, after Law on #MaritalRape U may be asked to donate blankets,Biryanis and may be Condoms also at times pic.twitter.com/BJfpChtt7t
— NCMIndia Council For Men Affairs (@NCMIndiaa) October 5, 2022
कोर्ट के ऐसे आदेश के बाद सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर झूठा केस करने वाली महिला पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। NCM इंडिया काउंसिल फॉर मेन अफेयर्स ने इस जानकारी को साझ करते हुए कहा,
“दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फर्जी एफआईआर को खारिज करतदे हुए आरोपित को 200 बर्गर बाँटने का आदेश दिया। औरत को कोई सजा नहीं। बल्कि उसे 4.5 लाख का मुआवजा मिला है। मैरिटल रेप कानून आने के बाद तो आप कंबल, बिरयानी, कंडोम बाँटने को भी कह सकते हो।”