Friday, September 13, 2024
Homeहास्य-व्यंग्य-कटाक्षआख़िरकार केजरीवाल को मिला हाथ का साथ, आपियों में खुशी की लहर

आख़िरकार केजरीवाल को मिला हाथ का साथ, आपियों में खुशी की लहर

क्रांतियों के द्वारा खुद को देश की राजनीति में स्थापित करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने हार ना मानने की जिद पकड़ ली है। उन्हें जब प्रतीक रूप से 'हाथ' का साथ नहीं मिला तो उन्होंने अपने को ही रैपट मरवाकर खुद को 'हाथ' का साथ दिलवा दिया।

आत्ममुग्ध बौने के नाम से प्रसिद्द अरविन्द केजरीवाल आजादी के बाद देश में सबसे ज्यादा बार सड़क पर कूटे जाने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। नई वाली राजनीति करने के नाम पर आए दिन मार खा-खा कर जीवन यापन करना अरविन्द केजरीवाल का पार्ट टाइम जॉब कब बन गई पता ही नहीं चला।

कभी अपने विधायकों द्वारा तो कभी सड़क चलते राहगीरों द्वारा यहाँ-वहाँ मार मार कर उनका मोर बना दिया जा रहा है। देखा जाए तो इस प्रकार की घटनाएँ निंदनीय हैं लेकिन जब आम आदमी पार्टी नेता आतिशी मार्लेना कहती हैं कि नेताओं को कोई पीटता क्यों नहीं है तो यह बात प्रासंगिक नजर आने लगती है।

सूत्रों का तो ये भी कहना है कि जब भी केजरीवाल को कहीं पर थप्पड़ या घूँसा पड़ता है, तब-तब आम आदमी पार्टी के चंदों में व्यापक उछाल आता है। भारत को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए महात्मा गाँधी ने अनशन का मार्ग चुना था और संत केजरीवाल ने मोदी के चंगुल से देश को छुड़ाने के लिए अगर अपनी कुटाई करवाने का मार्ग चुना है तो इसमें बुराई है क्या? लेकिन, जनता को केजरीवाल की कुटाई में त्याग नजर नहीं आता है।

गठबंधन के लिए महीनों तक गिड़गिड़ाने और भीख माँगने के बावजूद भी कॉन्ग्रेस ने केजरीवाल को घास नहीं डाली। लेकिन क्रांतियों के द्वारा खुद को देश की राजनीति में स्थापित करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने हार ना मानने की जिद पकड़ ली है। उन्हें जब प्रतीक रूप से ‘हाथ’ का साथ नहीं मिला तो उन्होंने अपने को ही रैपट मरवाकर खुद को ‘हाथ’ का साथ दिलवा दिया। लप्पड़ पड़ने के बाद उनके प्रदर्शन में व्यापक उछाल आ सकता है। जिस आदमी का खाद पानी चाँटा और घूँसा बन चुका हो उसे तंदुरूस्ती के लिए समय-समय पर खुद को खुद ही कुटवाने भी पड़े तो क्या बड़ी बात है?

जरूर देखें

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

आशीष नौटियाल
आशीष नौटियाल
पहाड़ी By Birth, PUN-डित By choice

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

झारखंड के 6 जिलों में 13%, 2 जिलों में 35% बढ़े मुस्लिम: घुसपैठ-धर्मांतरण से बदल रही डेमोग्राफी, पूर्व CM बोले- राज्य में 7% घटे...

संथाल परगना के जिलों में मुस्लिमों की आबादी में 13% की वृद्धि हुई है और दो जिले साहिबगंज और पाकुड़ में तो इनकी संख्या 35% बढ़ी है।

पंजाब के गाँवों में UP-बिहार के श्रमिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं, खुद जा रहे कनाडा या बन रहे ईसाई: एक ऐसी त्रासदी जिस...

चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम के 'पैगंबर' बजिंदर सिंह की प्रशंसा वाले बोर्ड भी लगे हैं, जिनमें दावा किया गया है कि उनके आशीर्वाद से तुरंत वीज़ा मिल सकता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -