इस देश में धर्म निरपेक्षता और पंथ निरपेक्षता की चर्चा अक्सर होती आई है। लेकिन जब भी बाबरी की याद आती है तो मुझे उसके सामने बाकी सभी लोगों की धर्म निरपेक्षता बनावटी और आडंबर ही महसूस होती है। इसके पीछे कारण वो चंद जज्बाती लोग थे, जिन्होंने भविष्य में होने वाली बातों की परवाह ना करते हुए ‘ह्यूमन चेन’ यानी मानव श्रृंखला बनाकर बाबरी की सुरक्षा की पूरी तैयारी की थी। हालाँकि, इस चेन में कहाँ चूक हुई, वह राज भी बाबरी के साथ ही चला गया।
याद कीजिए दिसम्बर, 1992 का वो दिन, जब जो कुछ भी बिना किसी षड्यंत्र के हुआ, और उसके चारों ओर प्रहरी की तरह खड़े कारसेवकों की तस्वीरों को। ये वो लोग थे, जो बेंगलुरु में हुए दंगों में बनी ह्यूमन चेन से कई साल पहले ही ह्युमन चेन बना डाली थी।
चश्मदीदों का कहना है कि उनकी जुबान पर जो ‘एक धक्का और दो’ के नारे थे, उनका मतलब धक्का देकर इस ह्यूमन चेन की मजबूती का फैक्ट चेक करने से था। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों में आडवाणी जी को ‘ह्यूमन चेन का जनक’ कहा जाएगा।
इतिहास के पन्नों से मिली हुई एक दुर्लभ तस्वीर आप इस ट्वीट में देख सकते हैं –
जब बाबरी को बचाने के कुछ कारसेवकों ने विश्व की सबसे बड़ी ह्युमन चेन (मानव श्रृंखला) बना डाली थी (इतिहास के पन्नों से) pic.twitter.com/cOIjtUIN8o
— Ashish Nautiyal (@ashu_nauty) September 30, 2020
कारसेवकों द्वारा यह ‘बेस्ट मानव श्रृंखला’ तब बना दी गई थी, जब मानव श्रृंखला बनाना ‘कूल’ नहीं हुआ करता था। और फिर याद कीजिए कि किस तरह कट्टरपंथी मजहबी भीड़ ने पूरे बेंगलुरु को जलाने के बाद एक मंदिर के बाहर अपने ही आतंक से मंदिर को बचाने के लिए ऐसी ही ह्यूमन चेन बनाकर सेक्युलर भारत की नींव रखी थी। लेकिन बाबरी वालों को संघी और बेंगलुरु वालों को सेक्युलर कहा जाता रहा।
Watch | People form human chain to protect temple in #Bengaluru pic.twitter.com/0yUZDziuMM
— NDTV (@ndtv) August 12, 2020
पुरातत्वविदों का कहना है कि अयोध्या में एक ‘ह्यूमन चेन’ के अवशेष प्राप्त हुए हैं। खोजी पत्रकारों का दावा है कि किसी भी विरासत को बचाने के लिए बनाई गई यह अब तक की सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा सेक्युलर मानव श्रृंखला है। यूनेस्को भी इस मानव श्रृंखला को बेस्ट मानव श्रृंखला घोषित करने पर विचार कर रहा है।
वहीं, कुछ गुप्त सूत्रों का कहना है कि इसी की तर्ज पर अभी एक और ह्युमन चेन काशी और मथुरा के लिए भी रवाना की जानी हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि यह ‘बेस्ट सेक्युलर मानव श्रृंखला’ भजन-कीर्तन के साथ ही सूफी संगीत और कव्वालियों का आयोजन कर पौराणिक दीवारों की सुरक्षा करेगी।
यह रिपोर्ट लिखे जाने तक मानव श्रृंखला के अवशेषों को निकालने का काम प्रगति पर था। और बाकि किसी भी सूचना के मिलते ही इस पर आगे लिखा जाएगा।