अर्णब गोस्वामी के साथ इंडिगो की फ्लाइट में बदसलूकी करने वाले कथित कॉमेडियन कुणाल कामरा लगभग सभी विमान सेवाओं द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद अब अपनी व्यक्तिगत विमान सेवा शुरू करने जा रहे हैं। फॉल्ट न्यूज़ द्वारा सत्यापित सूत्रों का कहना है कि चूँकि कुणाल कमरा के निष्कासन की प्रक्रिया इंडिगो से शुरू हुई थी, इसलिए वो अब अपनी सेवा का नाम मोदी-Go या अर्नब-Go कर सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि कुणाल कामरा की इस निजी विमान सेवा में गिरती हुई अर्थव्यवस्था में रोजगार तलाश रहे ध्रुव राठी भी इन्वेस्ट करने पर विचार कर रहे हैं। कुणाल कामरा की इस निजी विमान सेवा में विशेष लाभ युवाओं के उस अल्पसंख्यक वर्ग के लिए रखे जाने की बात सामने आ रही हैं, जो कि कुणाल कामरा के चुटकुलों पर हँसने का जज्बा रखते हों।
टिकट बुकिंग के दौरान उपभोक्ता को कुणाल कमरा के दो सस्ते एवं निहायत ही घटिया (मतलब उनके वीडियो से कोई भी रैंडम) चुटकुले सुनाए जाएँगे, इसके बाद यदि उपभोक्ता टिकट खिड़की पर हँसते हुए पाया जाता है, तो उसके लिए कुणाल कमरा की इस विमान सेवा में 6 महीने की समयावधि के लिए मुफ्त सफर घोषित किया जाएगा। यह खबर सुनते ही ऑटो-रिक्शा से सफर कर के फेसबुक पर IGI एयरपोर्ट पर ‘चेक-इन’ करने वाले ‘HeArT हैकर’ रोनू ने भी कुणाल कमरा जैसे ही अन्य स्वघोषित कॉमेडियंस को पत्रकारों का पीछा करने के बदले स्वरोजगार मॉडल अपनाने की सलाह दी है।
कुणाल कामरा अपनी इस निजी विमान सेवा के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) द्वारा लोन लेंगे। उनका कहना है कि ट्विटर पर सस्ते चुटकुले बनाते हुए उन्हें कभी पता ही नहीं चल पाया कि मुद्रा योजना के फायदे स्वरोजगार के लिए भी उठाए जा सकते हैं।
वहीं, ‘व्यंग्य इंडिया कमिटी’ ने फैसला लिया है कि कुणाल कामरा के नाम के आगे कॉमेडियन लिखने वालों को भी आज के बाद से इंडिगो और अन्य राष्ट्रीय विमान सेवाओं से निष्काषित किया जा सकता है। कमेटी ने इस मामले में सख्त एहतियात बरतने के भी निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट लिखे जाने तक यह रिपोर्ट पूरी लिखी जा चुकी थी।
दुनिया की लगभग प्रत्येक एसोसिएशन और एकता मंचों से निष्काषित कुणाल कामरा ने निजी विमान सेवा शुरू करने के अपने फैसले को ऐतिहासिक बताया है। कामरा ने कहा –
“गुलामी की जंजीरों से आज़ादी की शान अच्छी,
खान्ग्रेसी बिस्कुट से निजी विमान सेवा की दुकान अच्छी”
उन्हें साइकिल, रिक्शा, ठेला, कार, बस, रेलगाड़ी और हवाई जहाज के साथ-साथ इलोन मस्क के SpaceX तक से अनिश्चितकाल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसी बीच एक चौंकाने वाली खबर यह भी सामने आई है कि दुनिया की लगभग सभी सेवाओं से बहिष्कृत कुणाल कामरा रात के अँधेरे में, तैर कर गंदे नाले से कहीं आने-जाने का प्रयास कर सकते हैं। NASA द्वारा जारी, न्यूज़लौंडी द्वारा हमें भेजी गई, तस्वीर में यह पाया गया कि कामरा वाक़ई ऐसा कर रहे थे। इसका संज्ञान लेते हुए ‘राष्ट्रीय गंदी नाली यूनियन’ ने फ़ौरन यह चेतावनी जारी कर दी कि कुणाल कामरा को देश की किसी भी गन्दी नाली में पड़े रहने की इजाजत नहीं होगी।
After getting banned from every mode of transport, Kunal Kamra was seen using sewage to travel within city ???? pic.twitter.com/dDfs0aI1dq
— Shash (@pokershash) January 29, 2020
दरअसल, कुणाल कामरा अपने मित्र मनुराग कश्यप के साथ फ्राइडे नाइट को जब सस्ता नशा कर के घर लौट रहे थे, उसी वक़्त कुणाल कामरा ने मनुराग कश्यप की किसी फिल्म में प्रयोग हुई एक गाली का प्रयोग मनुराग पर ही कर दिया। यह सुनते ही मनुराग कश्यप ने कुणाल कामरा को अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल संभल कर करने की राय देते हुए उसकी जमकर फिटनेस बनाई और वहाँ दोनों के बीच जमकर लात-घूँसे चले। इसके बाद अगली सुबह कुछ स्थानीय लोगों को कुणाल कामरा गंदी नाली में पड़े हुए मिले।
इसके साथ ही सूत्रों ने बताया है कि ऑटो रिक्शा एसोसिएशन, अखिल भारतीय कचरा गाड़ी यूनियन और ऑल इंडिया सुलभ शौचालय यूनियन ने भी कुणाल कामरा को अब अपनी संस्थाओं के प्रयोग से बहिष्कृत कर दिया है। फिलहाल कामरा ने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
पृथ्वी पर मौजूद तमाम संस्थाओं द्वारा बहिष्कृत होने के बाद अब शायद अंतरिक्ष की किसी अज्ञात आकाशगंगा में ही कोई ऐसी संस्था होगी, जिसके इस्तेमाल से अभी तक कुणाल कामरा को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। उस आकाशगंगा की तलाश के लिए मशहूर भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में एक सचल दस्ते का गठन किया गया है।
मशहूर भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अभी वो मोटर के जरिए आकशगंगा से सम्पर्क साध रहे हैं और वापस किसी आवाज के आने तक उन्हें करीब आधा घंटा इन्तजार करना होगा। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि मोटर द्वारा गलत समय पर सम्पर्क स्थापित करने से आकाशगंगा से ‘नमस्कार, मैं अरविन्द केजरीवाल बोल रहा हूँ, फोन मत काटना’ की आवाज सुनाई देने का खतरा हो सकता है, इसलिए वो जोखिम उठाने के मूड में भी नहीं हैं।
एक नजर ऐसी तस्वीरों पर, जिनमें बढ़ती हुई असहिष्णुता का अनुमान लगाया जा सकता है –