कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने हाल ही में खुलासा किया था कि पीएम मोदी ने बिना हवाई जहाज उड़ाए या बन्दूक चलाए एयर स्ट्राइक का श्रेय ले लिया।
PM took credit for air strikes, can he even hold a rifle: Rahul Gandhi https://t.co/vEHMOsKhWB pic.twitter.com/73AaygaZU9
— NDTV (@ndtv) April 6, 2019
बात भी सही थी- क्योंकि राहुल गाँधी का खुद का परिवार जिन-जिन चीज़ों पर अपना नाम लिखवाता है, वह इस बात का ध्यान रखता है कि उनमें उसका सीधा योगदान हो। इसलिए राहुल गाँधी का मोदी से भी समान आचरण की उम्मीद करना लाज़मी है।
और जिन्हें यह बात झूठ लग रही है, उन बेशर्मों के लिए प्रस्तुत है पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार गाँधी परिवार के कुछ ऐसे कामों के खुलासे, जो उन्होंने देश पर अहसान न लादने के लिए नहीं बताए।
महान जिमनास्ट राजीव गाँधी के नाम पर खेल रत्न दिया जाता है। महान कैंसर स्पेशलिस्ट राजीव गाँधी के नाम पर अस्पताल हैं। महान बँदूकची राहुल गाँधी ने विशेष शूटिंग कोटा में कॉलेज में प्रवेश पाया था।
महान नाविक नोहा ने प्रलय काल मे सृष्टि की रक्षा की। बर्मन दा की धुन पर वे ‘ओ नोहा रे’ की धुन पर नाव खे रहे थे। ‘नोहा रे’ कालांतर में अपभ्रंश होकर ‘नेहरू’ कहलाया। मनुष्य जाति उनकी सदैव ऋणी रहेगी।
श्रीमती इंदिरा गाँधी ने बक-बक करने वाली अफ़सरशाही की शब्द-सीमा ‘जी’ और ‘यस’ तक निर्धारित की। इंदिरा जी द्वारा स्थापित परंपरा मे आगे ‘जी’ ‘यस’ की परंपरा मे धर्मात्मा जीजस हुए, और उनके उत्तराधिकारियों ने जनेऊ धारण कर के हिंदुत्व का उद्धार किया।
राहुल जी के चाचाजी और इंदिरा जी के प्रतापी पुत्र सँजय गाँधी हुए जिन्हें वन्य जीवों से अगाध प्रेम था। अपने जीवन काल मे देश को चिड़ियाघर बनाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किए, जिसके कारण कृतज्ञ राष्ट्र ने अनेकानेक प्राणी अभयारण्यों का नाम सँजय गाँधी प्राणी उद्यान रखा।
विवाह के पंद्रह वर्ष बाद सोनिया जी के भारतीय नागरिकता लेने के निर्णय से चक्रवर्ती राजीव जी चौंक गए थे, इसीलिए उनके नाम पर दिल्ली मे राजीव चौक बनाया गया। सँघी लोग अफ़वाह फैलाते हैं कि राजीव जी कनॉट प्लेस पर ट्रैफ़िक हवलदार थे जो पूर्णतया असत्य है। नो इंडिया आफ्टर नेहरू पढ़ें।
पर्यावरण प्रेमी राजीव जी विशाल वृक्षों से बहुत प्रेम करते थे, और जब भी कोई बड़ा पेड गिरता था तो उनका हृदय आहत हो जाता था इसी कारण कर्नाटक मे उनके नाम पर वन संपदा का नाम रखा गया।
सोनिया जी ने जेंडर इक्वालिटी के लिए अभूतपूर्व कार्य किया और प्रथम बार एक महान नदी का लिंग निरपेक्ष नामकरण ‘नर-मादा’ के नाम पर किया जिसके लिए मध्य प्रदेश अनंत काल तक महिषि का आभारी रहेगा। नमन है।
सोनिया जी की महानता थी कि एक कबाड़ी को भद्रलोक मे प्रतिष्ठित कर के राष्ट्रीय कृषक का स्थान दिया। उन्हीं भूमिपुत्र नरश्रेष्ठ राबर्ट भद्र का नाम आगे चल के राबर्ट वाड्रा पड़ा।