‘मैं मुन्ना हूँ’ (Main Munna Hun) मनीष श्रीवास्तव द्वारा लिखे गए दूसरे उपन्यास का नाम है, जो कि नायक के मानसिक विदलन और सृजनात्मक विकास व उपलब्धियों भरी यात्राओं की कथा है। इस कथा में नायक मुन्ना द्वारा भोगे गए यथार्थ का मनोविज्ञान है। इस उपन्यास में सबसे ज्वलंत मुद्दा जो उठाया गया है वह है ‘बाल यौन शोषण’।
उपन्यास का नायक मुन्ना इस हादसे का दंश अपनी बचपन में अनेक बार, कभी अपनो के द्वारा तो कभी गैरों के मार्फ़त, झेलता है। उपन्यास के नायक मुन्ना की कहानी शुरू होती है बचपन में, जहाँ वो यौन शोषण की त्रासदी झेलता है।
शुरू में उसका अबोध मन समझ नहीं पाता और कई बार विरोध करना चाहते हुए भी कर नहीं पाता। अंतत: उसका विरोध फूट पड़ता है। वह अपना दुःख सिर्फ किन्नू से साझा करता है जो उसका काल्पनिक साथी है।
मुन्ना का कृष्ण प्रेम व उसकी आस्था उसे अपने भैया व केशव से मिलवाती है जिससे वो अपना दुःख तकलीफ साझा करता है वे उसके मार्गदर्शक बनते हैं। इस कहानी में यौन शोषण की त्रासदी है, बचपन के किस्से हैं, प्रेम है, जवानी की शरारते हैं, गिरना है उठना है और फिर गिर के उठ कर संभल कर खड़े होने की कहानी है।
सोशल मीडिया पर इन दिनों ‘मैं मुन्ना हूँ’ की चर्चा जोरों पर है।
बाल यौन शोषण जैसे मुद्दे पर, जिस पर लोग आम तौर पर बोलना पसंद नहीं करते, बहुत लोग खुल कर सामने आ रहे हैं। आम पाठक तो इस किताब को सराह भी रहे हैं और साथ में हिम्मत के साथ स्वीकार भी कर रहे हैं कि उनके साथ भी बचपन में ये हादसा हुआ था।
मसान और आँखों देखी फिल्मों के प्रोड्यूसर मनीष मुंद्रा, जो राष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त निर्माता निर्देशक हैं, ने ‘मैं मुन्ना हूँ’ उपन्यास को लेकर एक स्केच बना कर ट्विटर किया है। इस स्कैच को ट्वीट करते हुए उन्होंने स्वीकार करते हुए लिखा है, “श्रीमान जी! ये लीजिए मेरी तस्वीर जब मैं कभी मुन्ना बना था…या यूँ कह लें जब मेरा शोषण हुआ था… @Shrimaan मैं भी मुन्ना था।”
श्रीमान जी ये लीजिए मेरी तस्वीर जब मैं कभी मुन्ना बना था…या यूँ कह लें जब मेरा शोषण हुआ था…@Shrimaan मैं भी मुन्ना था…#art #pain #charcoal #किताब #life pic.twitter.com/IPNoYWRUdW
— Manish Mundra (@ManMundra) September 24, 2020