अयोध्या के भव्य एवं दिव्य राम मंदिर के निर्माण का बजट 1800 करोड़ रुपए पहुँच गया है। 2024 की मकर संक्रांति के दिन रामलला इस मंदिर में विराजमान हो जाएँगे। ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ ने ये तारीख़ तय की है। हालाँकि, राम मंदिर के निर्माण का बजट बढ़ भी सकता है। पिछले 2 वर्षों से इसके निर्माण का कार्य चल रहा है। खाते के प्रबंधन का कार्य TATA कंपनी को दिया गया है। ट्रस्ट की नियमावली को भी अंतिम रूप दे दिया गया है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी, “यह तय किया गया है कि राम मंदिर के साथ महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, जटायु तथा माता शबरी के लिए भी स्थान सुनिश्चित होगा। इन सभी के स्थान को पूजा का स्थान दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को सर्व सम्मति के स्वीकार कर लिया गया।” 2024 की मकर संक्रांति में गर्भगृह में रामलला की प्रतिष्ठा करने की योजना बनाई गई है। ट्रस्ट की बैठक हुई, जिसमें 15 में से 14 सदस्य शामिल हुए।
इनमें से 4 सदस्य ऑनलाइन शामिल हुए। महंत नृत्य गोपाल दास भी काफी दिनों बाद सर्किट हाउस में हुई बैठक में मौजूद रहे। बैठक में जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और राम मंदिर के सबूत वैज्ञानिक तरीके से निकालने वाला ASI के पूर्व निदेशक बृज बिहारी लाल को श्रद्धांजलि भी दी गई। समिति के अध्यक्ष मिश्र भी बैठक में मौजूद थे। राम मंदिर का प्लिंथ निर्माण पूरा होने के बाद गर्भगृह की दीवार और खंभे लगाने का काम तेजी के साथ चल रहा है।
#Ayodhya के राम मंदिर में 2024 की मकर संक्रांति के दिन विराजमान होंगे रामलला, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी जानकारी, साथ ही ये भी बताया कि मंदिर का बजट ₹400 करोड़ रूपए से बढ़ाकर ₹1800 करोड़ कर दिया गया है। #RamMandir के परिसर में 7 और मंदिर बनाए जाएंगे।
— UP Tak (@UPTakOfficial) September 12, 2022
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पूरे परिसर में विशेष तरह की लाइटिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। बैठक में मंदिर के बाईलॉज और रामलला की मूर्ति के निर्माण पर भी गहन मंथन हुआ। 70 एकड़ परिसर में 7 और मंदिर भी बनाए जाएँगे, जो रामायण में वर्णित उपर्युक्त किरदारों के होंगे। ये फैसला भी कर लिया गया है कि कौन सा मंदिर कहाँ बनेगा। मंदिर का डिजाइन कुछ ऐसे बनाया जा रहा है कि रामनवमी पर सूर्य की किरणें मुख्य प्रतिमा पर पड़े। प्लिंथ में 17 हजार घनफुट ग्रेनाइट के पत्थर लगे हैं।