Saturday, July 27, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिवो व्यक्ति जिन्होंने 15 पुस्तकों में समेटी केरल के मंदिरों की सारी जानकारियाँ: बनाया...

वो व्यक्ति जिन्होंने 15 पुस्तकों में समेटी केरल के मंदिरों की सारी जानकारियाँ: बनाया ‘मंदिरों का इनसाइक्लोपीडिया’, 30 साल लगे रहे

एस जयशंकर ने ये काम अपने हाथ में लिया और इसके लिए दूर-दूर तक यात्राएँ की। इस दौरान वो ऐतिहासिक साक्ष्यों को समेटते हुए सूचनाएँ इकट्ठी करते चले। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद इस मैराथन कार्य का जिम्मा उठाया।

मंदिरों का इनसाइक्लोपीडिया तैयार करने वाले केरल के एस जयशंकर का शुक्रवार (11 फरवरी, 2022) को निधन हो गया। उन्होंने इस काम में अपने दो दशक खपा दिए। इसके बाद राज्य के मंदिरों पर एक इकसाइक्लोपेडिया तैयार किया। निधन के समय उनकी उम्र 86 साल थी। वो अपने पीछे 15 वॉल्यूम की पुस्तकों के रूप में एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसकी बराबरी शायद ही कोई अन्य काम कर सके। उन्होंने 1300 मंदिरों के बारे में बृहद जानकारियाँ इकट्ठी की।

उन्होंने अपने निधन से कुछ दिन पहले ही इस श्रृंखला का 15वाँ वॉल्यूम पूरा किया था। इसमें केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के मंदिरों के बारे में जानकारियाँ हैं। वो 1993 में केरल के सेन्सस ऑपरेशन्स में बतौर डिप्टी डायरेक्टर रिटायर हुए थे। उस समय उनकी उम्र 58 वर्ष थी। उससे एक साल पहले सेन्सस डायरेक्ट्रेट ने मंदिरों की संख्या गिनने का प्रस्ताव सामने रखा था और एक पुस्तक भी प्रकाशित किया था। ये जानकारी उनके दामाद एस गोपाकुमार ने दी।

एस जयशंकर ने मंदिरों का इनसाइक्लोपीडिया क्रिएट किया था

उन्होंने बताया कि 1991 में जन जनगणना पूरी हो गई थी, तब केरल के सांस्कृतिक पहलुओं को समेटने के काम पर भी चर्चा हुई थी। तभी से इस पर काम शुरू हुआ। एस जयशंकर ने ये काम अपने हाथ में लिया और इसके लिए दूर-दूर तक यात्राएँ की। इस दौरान वो ऐतिहासिक साक्ष्यों को समेटते हुए सूचनाएँ इकट्ठी करते चले। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद इस मैराथन कार्य का जिम्मा उठाया। वो एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे, ऐसे में इस कार्य के प्रति उनकी गहरी आस्था थी।

‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ के जनरल मैनेजर के रूप में रिटायर हुए उनके दामाद बताते हैं कि एस जयशंकर प्रतिदिन 8 घंटे इस कार्य में देते थे और इस तरह 13 जिलों के मंदिरों का एक इनसाइक्लोपीडिया तैयार हुआ। वो ओट्टपलम के रहने वाले थे। 1997 में इसका पहला वॉल्यूम रिलीज हुआ था, जिसमें मंदिरों की कलाकृतियाँ, उनके बारे में सामान्य सूचनाएँ, वहाँ के रीति-रिवाजों, संरचना, पेंटिंग्स, पूजा पद्धति के इतिहास और मंदिरों के प्रकार को लेकर जानकारियाँ थीं।

एस जयशंकर की पत्नी एस आनंदन भी एक सरकारी महिला कॉलेज से जूलॉजी प्रोफेसर का कार्यकाल पूरा कर के रिटायर हुई थीं। दस्तावेजों की प्रूफरीडिंग में वो अपने पति की मदद करती थीं। उनके दामाद का कहना है कि उन्होंने अपनी पुस्तकों में अपनी आत्मा और दिल को लगा दिया। अंतिम वॉल्यूम का काम भी पूरा हो गया था और उसकी प्रूफरीडिंग चल रही थी। अगले तीन महीनों में इसे भी प्रकाशित कर दिया जाएगा। परिवार ने उनके निधन के बाद उनके इस भगीरथ प्रयास को पूरा करने का बीड़ा उठाया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -