सोशल मीडिया पर सदगुरु जग्गी वासुदेव की एक वीडियो वायरल होने के बाद से बवाल है। भगवान कृष्ण के भक्त सदगुरु के उस वीडियो पर नाराज हैं, जिसमें वह कहते हैं कि यशोदा माँ एक समय के बाद कृष्ण की माँ नहीं रह गई थीं बल्कि वह गोपी बन गई थीं। अब, इसी वीडियो के लिए सदगुरु ने कृष्ण भक्तों से माफी माँगी है। उन्होंने समझाया है कि हकीकत में वह क्या कहना चाहते थे।
अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कृष्ण प्रेम हैं। वह प्रेम का अवतार हैं। उनके साथ प्रेम में होने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।” ट्वीट के साथ शेयर वीडियो में सदगुरु बताते हैं कि विवादित वीडियो में जो उन्होंने कहा, उसका असली अर्थ क्या था।
Krishna is Love. He is the very embodiment of Love. There is no other way to be with him than to be in Love. -Sg pic.twitter.com/qHjrvoLrjf
— Sadhguru (@SadhguruJV) April 7, 2021
वीडियो की शुरुआत एक महिला से होती है जो वायरल वीडियो के बारे में, साथ ही उस पर आने वाली टिप्पणियों पर सवाल पूछती है। इसके जवाब में सदगुरु कहते हैं कि उन्हें उस वीडियो के वायरल होने के बारे में पता है। वह लीला प्रोग्राम से है। इस कार्यक्रम का आयोजन, कृष्ण के लिए की जाने वाली प्रशंसा और भक्ति के कारण किया गया था, जो कि योग की सबसे चंचल और शानदार रंगीन अभिव्यक्ति हैं।
उन्होंने बताया कि लीला प्रोग्राम 8 दिनों का था और वीडियो वहीं से लेकर इस तरह एडिट की गई, जैसे वह पवित्र रिश्ते को बदनाम कर रहे हों। उन्होंने बताया कि जब शुरुआत में वह कहते हैं कि यशोदा पहले श्रीकृष्ण की माँ थी, लेकिन बाद में प्रेमिका बन गई थी, तो यहाँ पर प्रेमिका का अर्थ सिर्फ किसी के साथ हमबिस्तर होना नहीं है।
वह कहते हैं कि जो लोग उनसे सवाल कर रहे हैं, उन्हें यही नहीं मालूम कि कृष्ण ‘प्रेम’ थे और उनकी प्रेमिका होना कोई गलत नहीं है। वह कहते हैं कि हर कोई उनका प्रेमी हो सकता है और कुछ भी नहीं, लेकिन दुखद ये है कि ऐसे सवाल करने वालों के लिए प्रेमिका की अवधारणा बस कामुकता से है और वह इसलिए इतने दुखी हैं।
उन्होंने समझाया कि प्रेमी होने के अलावा कोई और रास्ता कृष्ण तक पहुँचने का नहीं है। इसलिए जब उन्हें (यशोदा) पता चलता है कि जिस बच्चे पर वह अधिकार मानती हैं, उस पर मोहित हैं, वह धीरे-धीरे बड़ा हो रहा है और उसके जो गुण हैं उनके साथ वह उससे तभी जुड़ी रह सकती है जब वह उसके साथ प्रेम में हो और वह थीं भी। किसी के साथ प्रेम में होना… वास्तविकता में भी यही है कि वो व्यक्ति बहुत प्यारा है, वहाँ कोई कामुकता नहीं होती। सिर्फ़ हाथ में हाथ डालकर बैठना ही सबकुछ होता है।
सदगुरु कहते हैं, “वह (भौतिक प्रेमी) जब शारीरिक तौर पर साथ आते हैं, वैसे ही हो जाते हैं। यहाँ कृष्ण प्रेम के अवतार हैं। कैसे कोई उनसे प्यार नहीं कर सकता। उनकी माँ, उनके दादी, दोस्त, पुरुष, महिला, बच्चे, पशु सब कोई उन्हें चाहते हैं। यही तरीका है उन्हें पाने का। अगर आप किसी को प्रेम करते हैं तो आप उसके प्रेमी हो जाते हैं।”
वह कृष्ण भक्तों से आगे माफी माँगते हुए कहते हैं, “कुछ लोग अगर सच में मेरी बात से दुखी हुए हैं तो मैं उनसे माफी माँगता हूँ। लेकिन दूसरे लोग शरारती हैं और उन्होंने वीडियो को वैसे ही एडिट किया है। उन लोगों के लिए जो वाकई प्रशंसक हैं और कृष्ण को प्रेम करते हैं, मैं उनके लिए दोबारा वही शब्द प्रयोग करता हूँ कि आप निश्चिंत रहिए मैंने उनके बारे में इस संबंध में कुछ नहीं कहा।”
सदगुरु दोबारा बताते हैं कि जो लोग वास्तव में यह मानते हुए आहत हुए हैं कि उन्होंने कुछ गलत कहा है, तो उन्हें इस बारे में खेद है और उन्होंने वास्तव में ऐसा कुछ नहीं कहा है। वह आगे कहते हैं कि जो लोग इसे गलत तरीके से ले रहे हैं, कम से कम भगवान कृष्ण के बारे में बात करते समय, उन्हें अपने दिल में कुछ प्रेम लाना चाहिए और उन्हें नफरत भरे अभियान नहीं चलाने चाहिए।
सदगुरु ने माँ यशोदा और श्रीकृष्ण के लिए क्या विवादित कहा?
सदगुरु की वायरल वीडियो में उन्हें कहते सुना जा सकता है,
“यशोदा, कृष्ण की पालक माँ। वो अपने पुत्र के साथ गहरे प्रेम में थीं। वो कृष्ण को सिर्फ़ बेटा नहीं, उससे बढ़कर मानती थीं। जब कृष्ण छोटे थे, तो ये सब (प्यार) उस छोटे से बच्चे के लिए था। लेकिन जब वो (कृष्ण) बड़े हुए तो काफ़ी तेज़ी से बढ़े। उनका विकास अभूतपूर्व था। कोई भी माँ अपनी ममता को इस तरह के विकास के साथ समायोजित नहीं कर सकती। इसलिए कृष्ण के 5-6 साल के होते-होते यशोदा का मातृत्व कहीं खो गया। उसके बाद वो उनकी माँ नहीं रह सकती थीं। वह एक तरह से उनकी प्रेमिका बन गईं। उन्होंने बस उनसे प्रेम किया। तो यशोदा का कृष्ण के साथ संबंध इस तरह से बढ़ा कि वो भी गोपियों में से एक बन गईं। वो भी रास का हिस्सा थीं। वो राधा को पसंद नहीं करती थीं क्योंकि उन्हें लगता था कि ये लड़की बहुत तेज है।”
वायरल वीडियो में सदगुरू ने आगे कहा,
“एक गाँव की लड़की से सामान्य व्यवहार अपेक्षित होता है। वह छोटे से ही बहुत बाहर जाने वाली थी। इसलिए यशोदा को लगा कि ये लड़की उनके बेटे पर हक जमा लेगी…कृष्ण कभी नहीं आए। अपनी माँ से मिलने भी नहीं। कई बार उन्होंने मथुरा की नदी को क्रॉस किया लेकिन कभी वृंदावन नहीं आए क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि वहाँ के वासियों को पता चले कि एक गाय चराने वाले लड़के पर विश्व में धर्म की पुन: स्थापना का जिम्मा उठा लिया है… तो ऐसे यशोदा राधा के साथ गोपी बन गईं क्योंकि कृष्ण अब उनके बेटे नहीं थे। कृष्ण की आभा ने उन पर भी अपनी छाप छोड़ दी थी।”ो