Saturday, November 16, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजनअनुराग कश्यप ने Sacred Games में किया सिखों का अपमान: गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष...

अनुराग कश्यप ने Sacred Games में किया सिखों का अपमान: गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष का आरोप

अनुराग कश्यप द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का काम पहली बार नहीं किया गया है। इससे पहले भी वह अपने निर्देशन में हिंदू-फोबिक कंटेंट दिखाकर लोगों के निशाने पर आ चुके हैं।

शिरोमणि अकाली दल के नेता और दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने विवादित फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नेटफ्लिक्स की सेक्रेड गेम्स सीजन 2 में धार्मिक चिह्नों का अपमान करके सिखों की भावनाओं को ठेस पहुँचाया। सिरसा दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।

अपने एक ट्वीट में सिरसा ने अनुराग कश्यप पर निशाना साधते हुए कहा, “मैं हैरान हूँ कि बॉलीवुड लगातार हमारे धार्मिक चिह्नों को अपमानित कर रहा है! अनुराग कश्यप ने जान-बूझ कर सेक्रेड गेम्स के सीजन 2 में ऐसा दृश्य डाला है जहाँ सैफ अली खान अपना कड़ा समुद्र में फेंक देते हैं। कड़ा कोई आम जेवर नहीं है। ये सिखों का गुरूर है और गुरु साहिब का आशीर्वाद है।”

बता दें ‘कड़ा’ या ‘करा’ का महत्व सिखों के लिए इसलिए इतना है क्योंकि ये उन ‘पंज ककार’ का ही एक हिस्सा हैं जिन्हें एक सिख हमेशा धारण किए रहते हैं। बाकी चार केश, कंघा, कछेरा और कृपाण हैं। ‘पंज ककार’ की प्रथा को सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह द्वारा शुरू किया गया था। उन्होंने 1699 में सभी सिखों को इसे धारण करने का आदेश दिया था। इसलिए सिख समुदाय के लोगों का मानना है कि पाँच ककार सिर्फ़ उनके सिख होने का ही सूचक नहीं हैं, बल्कि ये ऐसा विश्वास है जो उन्हें सामूहिक रूप से एक अलग पहचान देता है और उनके सिख रहने के विश्वास को जीवित रखता है।

रही बात अब अनुराग कश्यप की तो उनके द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का काम पहली बार नहीं किया गया है। इससे पहले भी वह अपने निर्देशन में हिंदू-फोबिक कंटेंट दिखाकर लोगों के निशाने पर आ चुके हैं। अपने शो के जरिए वह भारतीय संस्कृति और खासकर हिंदुओं के ख़िलाफ़ घृणा और आपत्तिजनक सामग्री फैलाने का काम करते है। शायद इसलिए अपना कारनामों से मिलने वाली आलोचना को देखने से पहले वो ट्विटर से नौ दो ग्यारह हो गए हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -