Friday, April 19, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजनबालों में फूल लगाते नेहरू... गंगा से बनी कोठेवाली गंगूबाई: जानिए पूर्व PM से...

बालों में फूल लगाते नेहरू… गंगा से बनी कोठेवाली गंगूबाई: जानिए पूर्व PM से रिश्ता, आलिया भट्ट बनी हैं ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’

हुसैन जैदी की किताब में बताया गया है कि गंगूबाई का प्रभाव सिर्फ अंडवर्ल्ड और गैंगस्टर्स तक ही नहीं था, बल्कि बड़े-बड़े राजनेता भी उनसे प्रभावित थे।

इन दिनों फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी (Gangubai Kathiawadi) चर्चा में है। संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म 25 फरवरी 2022 को रिलीज होनी है। आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की फिल्म में मुख्य भूमिका है। शांतनु माहेश्वरी गंगूबाई के पति और अजय देवगन करीम लाला की भूमिका में हैं। यह फिल्म असल जिंदगी की कहानी पर आधारित बताई जाती है। फिल्म अपने कुछ दृश्यों को लेकर भी चर्चा में है, जिनमें से कुछ पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से जुड़े बताए जाते हैं।

गंगा के गंगूबाई काठियावाड़ी बनने की कहानी

यह फिल्म हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वींस ऑफ मुंबई’ पर आधारित है। गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास था। गुजरात की गंगा हरजीवनदास कब गंगूबाई बन गई, न उसे पता चला और न ही दुनिया को इसकी खबर हुई। एक संपन्‍न परिवार में पैदा हुई गंगा का सपना था कि वह बड़ी होकर ऐक्‍ट्रेस बने। माँ-बाप ने बेटी को बड़े प्‍यार से पाला। लेकिन कॉलेज के दिनों में गंगा को प्‍यार हो गया। 16 साल की उम्र में उसे जिससे प्‍यार हुआ, वो गलत था। यह गंगा की जिंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित हुई।

गंगा को उसके पिता के अकाउंटेंट रमनिक लाल से इश्‍क हो गया। परिवार वाले इसके ख‍िलाफ थे। गंगा को ऐक्‍ट्रेस भी बनना था। इसलिए वह रमनिक के साथ भागकर मुंबई आ गई। गंगा और रमनिक ने शादी कर ली। लेकिन अभी गंगा मुंबई की चकाचौंध को निहार ही रही थी कि पति रमनिक लाल ने उसे महज 500 रुपए में कमाठीपुरा के एक वेश्‍यालय को बेच दिया

एस हुसैन जैदी ने अपनी किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ में लिखा है कि माफिया डॉन करीम लाला के गैंग के एक सदस्य ने गंगूबाई के साथ रेप किया था। जिसके बाद अपने लिए गंगूबाई लड़ीं और करीम लाला से मुलाकात की। गंगूबाई ने करीम लाला को राखी बाँधी और उन्हें अपना भाई बना लिया। इसके बाद गंगा की जिंदगी बदल गई और यहीं से गंगा के ‘गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी’ बनने की कहानी शुरू हुई।

गंगा हरजीवनदास गुजरात के काठीवाड़ की रहने वाली थी। इसलिए लोग इन्हें गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी पुकारने लगे। वह मुंबई के सबसे नामचीन वेश्‍यालय की मालकिन बन गई। कहा जाता है कि गंगूबाई कोठे में उसी लड़की को रखती थीं जिस लड़की की मर्जी हो।

हुसैन जैदी की किताब में बताया गया है कि गंगूबाई का प्रभाव सिर्फ अंडवर्ल्ड और गैंगस्टर्स तक ही नहीं था, बल्कि बड़े-बड़े राजनेता भी उनसे प्रभावित थे। गंगूबाई ने वुमन इम्पावरमेंट समिट में वेश्यावृत्ति के पक्ष में ऐसी स्पीच दी जो काफी सुर्खियों में आ गई। धीरे-धीरे गंगूबाई के चर्चे उस वक्त प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहर लाल नेहरू तक पहुँचे।

गंगूबाई की बाल में फूल लगाते नेहरू

जवाहर लाल नेहरू गंगूबाई से काफी प्रभावित थे। उन्होंने मुलाकात के दौरान गंगूबाई से कहा कि उन्होंने यह काम क्यों चुना, जबकि वह एक अच्छा पति चुनकर बेहतर जिंदगी गुजार सकती हैं। इस पर गंगूबाई ने नेहरू से पूछा कि क्या आप मुझे मिसेज नेहरू बनाएँगे? उनके सवाल का जवाहर लाल नेहरू के पास कोई जवाब नहीं था। तब गंगूबाई ने कहा कि उपदेश देना बहुत आसान होता है, लेकिन इसे कर पाना मुश्किल। इसके अलावा फिल्म में एक ऐसा भी सीन है जिसमें पूर्व पीएम नेहरू को गंगूबाई के बालों में फूल लगाते हुए दिखाया गया है।

आलिया भट्ट की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के सीन पर कैंची?

यह फिल्म सेंसर बोर्ड से U/A सर्टिफिकेट के साथ पास हो गई है, लेकिन अब खबर आ रही है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के 4 सीन में कट लगाने को कहा है। रिपोर्ट के मुुताबिक सेंसर बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स से 2 सीन डिलीट करने के लिए कहा है। इसके साथ ही बोर्ड ने फिल्म के कुछ डायलॉग्स में से कुछ शब्दों को हटाने को भी कहा है। खबर है कि बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स से वह सीन बदलने के लिए भी कहा है, जिसमें पूर्व पीएम नेहरू को गंगूबाई के बालों में फूल लगाते हुए दिखाया गया है। 

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘वासुकि’ के इतिहास पर विज्ञान की मुहर! गुजरात में वैज्ञानिकों को मिला 4 करोड़ साल पुराना जीवाश्म, लेकिन सिर गायब: भारत से अफ्रीका पहुँचे...

इन साँपों की लंबाई 36 फ़ीट से लेकर 49.22 फ़ीट होती थी। ये भारत से यूरेशिया के माध्यम से ये उत्तरी अफ्रीका तक पहुँचे। खुदाई में सिर नहीं मिला।

‘दो राजकुमारों की शूटिंग फिर शुरू हो गई है’ : PM मोदी ने कॉन्ग्रेस-सपा को घेरा, बोले- अमरोहा की एक ही थाप, फिर मोदी...

अमरोहा की जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा अमरोहा की एक ही थाप है - कमल छाप... और अमरोहा का एक ही स्वर है - फिर एक बार मोदी सरकार।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe