Sunday, September 1, 2024
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मुंबई इंडियंस की जीत का वो सिपाही, जो 3 साल से लगातार बना रहा 400+ रन, फिर भी टीम इंडिया में नहीं मिली जगह

रणजी ट्रॉफी में भी मुंबई की तरफ से उनका प्रदर्शन शानदार रहा है और वो टीम का नियमित हिस्सा रहे हैं। टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने तो उन्हें धैर्य रखने को कहा है लेकिन देखना ये है कि उम्र के किस दहलीज पर उन्हें भारत के लिए खेलना का मौका मिलता है।

मंगलवार (नवंबर 10, 2020) को दुबई में IPL के 13वें संस्करण का फाइनल मैच हुआ और मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) ने बड़ी जीत दर्ज की। मुकेश अम्बानी के स्वामित्व वाली टीम ने रोहित शर्मा की कप्तानी में 5वीं IPL ट्रॉफी जीती। इस तरह से 2013 से हुए IPL के 8 संस्करणों में से 5 में खिताब मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के नाम गया। इस टीम के पास दो चैंपियंस लीग की ट्रॉफियाँ भी हैं। कुल मिलाकर इसके पास 7 बड़े खिताब हैं।

अगर बल्लेबाजी की बात करें तो मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) की बैटिंग क्रम की सफलता के दो सबसे बड़े सूत्र भारत के दो युवा बल्लेबाज रहे। वो हैं ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव। जहाँ ईशान किशन छक्के मारने में महारत रखते हैं, सूर्यकुमार यादव अपनी निरंतरता के लिए जाने जाते हैं, दर्शनीय शॉट्स खेलने के लिए जाने जाते हैं। दोनों युवा बल्लेबाजों ने अभी तक टीम इंडिया का मुँह नहीं देखा है, उन्हें शॉर्टर फॉर्मैट्स में भी नहीं चुना गया है।

IPL-13 में सूर्यकुमार यादव के सम्बंधित दो ऐसे मोमेंट्स आए, जब क्रिकेट के फैंस को उनकी जबरदस्त उपस्थिति का एहसास हुआ। अबुधाबी में अक्टूबर 28, 2020 को मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का मैच चल रहा था। RCB ने पहले बैटिंग करते हुए 164 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। उस मैच में चेज करते समय एक छोड़ से मुंबई इंडियंस के विकेट्स गिर रहे थे, लेकिन ‘सूर्य’ की चमक बढ़ती जा रही थी।

मात्र 43 बॉल पर नाबाद 79 रन बना कर चौकों-छक्कों की बरसात करने सूर्यकुमार यादव के लिए एक मौका ऐसा भी आया, जब भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली (जो RCB के भी कप्तान हैं) से उनका आमना-सामना हुआ। दोनों ने एक-दूसरे को कुछ देर तक देखा और फिर खेल में लग गए। लेकिन, वो तस्वीर काफी चर्चित हुई और इसीलिए भी, क्योंकि उससे 2 दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम का ऐलान हुआ था और सूर्य उसमें नहीं थे।

इस मैच को जिताने के बाद सूर्यकुमार यादव ने ‘मैं हूँ ना’ (फिल्म नहीं) वाला एक्सप्रेशन दिया और टीम के प्रबंधन और फैंस को एक तरह से आश्वस्त किया कि जब तक वो मैदान के बीच में मौजूद हैं, उन्हें टेंशन लेने की कोई ज़रूरत नहीं है। ये तस्वीर और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खुल कर घूमा। इसके बाद ‘दिल जीतने वाला’ अगले मोमेंट फाइनल मैच में आया, जब उन्होंने रोहित शर्मा के लिए अपना विकेट ‘सैक्रिफाइस’ कर दिया।

रोहित शर्मा अपना अर्धशतक पूरा करने वाले थे और ऐसे में सूर्यकुमार यादव को लगा कि वो सेट बल्लेबाज हैं और और उन्हें आउट नहीं होना चाहिए। सूर्यकुमार यादव भी वहाँ से जिताने की क्षमता रखते थे और अच्छा खेल रहे थे, लेकिन जब रन आउट का मौका था और रोहित शर्मा आगे निकल आए थे, तब सूर्य ने अपने एन्ड से विकेट दे दिया। इसके बाद उनके इस ‘सैक्रिफाइस’ की चारों तरफ चर्चा हुई।

इस खिलाड़ी की खासियत ये है कि इसने सिर्फ इस साल ही परफॉर्म नहीं किया है बल्कि पिछले 3 सालों से लगातार ऐसा ही तूफानी खेल का मुशायरा कर रहा है। 2018, 19 और 20 – लगातार 3 साल इन्होंने IPL में 400 रनों का आँकड़ा पार किया है। इससे पहले वो ऊपरी क्रम में नहीं उतरते थे लेकिन तब भी उनका प्रदर्शन जानदार हुआ करता था। वो अक्सर नाबाद रहते थे। लेकिन, 30 वर्षीय ‘SKY’ को टीम में जगह नहीं मिली।

यहाँ तक कि कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान रहे गौतम गंभीर भी कह चुके हैं कि KKR के लिए अगर पिछले 13 सालों में कुछ सबसे बड़ा लॉस हुआ है तो वो है सूर्यकुमार यादव का जाना। रणजी ट्रॉफी में भी मुंबई की तरफ से उनका प्रदर्शन शानदार रहा है और वो टीम का नियमित हिस्सा रहे हैं। टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने तो उन्हें धैर्य रखने को कहा है लेकिन देखना ये है कि उम्र के किस दहलीज पर उन्हें भारत के लिए खेलना का मौका मिलता है।

एक और युवा नाम है जो बिहार से आता है और इस साल IPL में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाला बैट्समैन भी है। वो विकेटकीपर भी है, लेकिन उसके ऊपर ऋषभ पंत को तरजीह दी जाती है, जो अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ खास नहीं कर सके हैं और निरंतरता की कमी से जूझ रहे हैं। ईशान किशन धोनी के जाने के बाद के दौर में विकेटकीपर के रूप में टीम इंडिया में सेवा देने की क्षमता रखते हैं।

ईशान किशन अंडर-19 टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं, ऐसे में उनके पास अनुभव की भी कमी नहीं है। ईशान किशन ने इस IPL की एक इनिंग में भी 90 रनों से अधिक की जुझारू पारी खेली और कई अन्य मैचेज में भी अपनी इनिंग से समझदारी से स्कोरबोर्ड को चलाया। इस साल उन्होंने यूएई में हुए IPL में 30 छक्के लगाए। जहाँ बॉलर्स का बोलबाला रहा, वहाँ इस तरह से बल्लेबाजी ज़रूर उन्हें खास बनाती है।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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