1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई बर्बरता की कहानी और उनके विस्थापन पर आधारित विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (KashmirFiles) लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। इसके लिए उन्हें कट्टरपंथियों की ओर से धमकियाँ तो मिल ही रही थीं। अब उनकी फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की माँग की गई है।
‘लॉ बीट’ रिपोर्ट के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश के रहने वाले इंतजार हुसैन सईद नाम के एक शख्स ने कोर्ट में पीआईएल दायर की है। जिसमें उसने विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित द कश्मीर फाइल्स (KashmirFiles) की रिलीज़ को रोकने की माँग की है। हुसैन ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा कि इस फिल्म के ट्रेलर से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती है। इसके भड़काऊ दृश्य साम्प्रदायिक हिंसा का कारण बन सकते हैं।”
BREAKING: PIL by one Intezar Hussain Sayed, an Uttar Pradesh Inhabitant to stall release of #KashmirFiles, directed by @vivekagnihotri before Bombay High Court, says “Trailer hurts religious feelings of Muslim Community”, “inflammatory scenes bound to cause communal violence” pic.twitter.com/oz0YM4MP8P
— LawBeat (@LawBeatInd) March 3, 2022
सईद का तर्क है कि द कश्मीर फाइल्स की रिलीज़ को रोक दिया जाना चाहिए, क्योंकि #TheKashmirFilesTrailer में ‘नस्लीय और भेदभावपूर्ण टिप्पणी’ की गई है और इसमें कश्मीरी पंडितों की हत्याओं का लेखा-जोखा है, जो ‘घटना’ का केवल एकतरफा चित्रण करता है। इससे मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएँ आहत होती हैं।
In “#TheKashmirFilesTrailer, a graffiti of the phrase “Musalmano Jago Kafiron Bhago” can be seen written on the wall which sets the tone of the film with potency of causing communal imbalance between Hindus & Muslims”: PIL seeks stalling release of #KashmirFiles set for March 11
— LawBeat (@LawBeatInd) March 3, 2022
जनहित याचिका में कहा गया है, “#TheKashmirFilesTrailer में ‘मुसलमानों जागो काफिरों भागों’ शब्द दीवार पर लिखा हुआ देखा जा सकता है, जो हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच साम्प्रदायिक असंतुलन पैदा करने की क्षमता के साथ फिल्म के नैरेटिव को आगे बढ़ाता है। याचिका में #KashmirFiles की 11 मार्च की रिलीज को रोकने की माँग की गई है।”
याचिकाकर्ता इंतजार हुसैन सईद ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स फिल्म केवल दुष्प्रचार का पीस है। ये भड़काऊ और आग लगाने वाला काम है। ये रचनात्मक अभिव्यक्ति नहीं है। #KashmirFiles संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के प्रतिबंधों के तहत आता है क्योंकि ‘व्यक्ति दूसरे के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए बुनियादी मौलिक अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता।
Sayed tells Bombay HC that movie by @vivekagnihotri a “propaganda piece”, “1 sided inflammatory incendiary work”, not “artistic expression” & #KashmirFiles comes under restrictions to Article 19(2) as “person cannot exercise basic fundamental right while violating another’s”
— LawBeat (@LawBeatInd) March 3, 2022
इस मसले पर विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर के जरिए कहा, “एक छोटी सी फिल्म से इतना डर! अब मुझे बताओ मैं क्या करूँ।”
एक छोटी सी फ़िल्म से इतना डर…
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 3, 2022
So much fear of a small film?
Pl advise what do I do? https://t.co/AqH1p7Xe2W
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं किसी भी अदालत या उनकी पसंद के किसी भी मंच में साबित कर सकता हूँ कि मेरी फिल्म का हर फ्रेम, हर शब्द सच है। सच्चाई के सिवा कुछ नहीं। वे जितनी चाहें, उतनी बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं लेकिन मुझे चुप नहीं कराया जा सकता।