Friday, April 19, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजन'द कश्मीर फाइल्स के ट्रेलर से आहत हुईं मुस्लिमों की भावनाएँ': विवेक अग्निहोत्री की...

‘द कश्मीर फाइल्स के ट्रेलर से आहत हुईं मुस्लिमों की भावनाएँ’: विवेक अग्निहोत्री की फिल्म के खिलाफ बॉम्बे HC में PIL, इंतज़ार हुसैन ने की रिलीज रोकने की माँग

"उत्तर प्रदेश के रहने वाले इंतजार हुसैन सईद नाम के एक शख्स ने कोर्ट में पीआईएल दायर की है। जिसमें उसने विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित द कश्मीर फाइल्स (KashmirFiles) की रिलीज़ को रोकने की माँग की है।

1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई बर्बरता की कहानी और उनके विस्थापन पर आधारित विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (KashmirFiles) लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। इसके लिए उन्हें कट्टरपंथियों की ओर से धमकियाँ तो मिल ही रही थीं। अब उनकी फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की माँग की गई है।

‘लॉ बीट’ रिपोर्ट के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश के रहने वाले इंतजार हुसैन सईद नाम के एक शख्स ने कोर्ट में पीआईएल दायर की है। जिसमें उसने विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित द कश्मीर फाइल्स (KashmirFiles) की रिलीज़ को रोकने की माँग की है। हुसैन ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा कि इस फिल्म के ट्रेलर से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती है। इसके भड़काऊ दृश्य साम्प्रदायिक हिंसा का कारण बन सकते हैं।”

सईद का तर्क है कि द कश्मीर फाइल्स की रिलीज़ को रोक दिया जाना चाहिए, क्योंकि #TheKashmirFilesTrailer में ‘नस्लीय और भेदभावपूर्ण टिप्पणी’ की गई है और इसमें कश्मीरी पंडितों की हत्याओं का लेखा-जोखा है, जो ‘घटना’ का केवल एकतरफा चित्रण करता है। इससे मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएँ आहत होती हैं।

जनहित याचिका में कहा गया है, “#TheKashmirFilesTrailer में ‘मुसलमानों जागो काफिरों भागों’ शब्द दीवार पर लिखा हुआ देखा जा सकता है, जो हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच साम्प्रदायिक असंतुलन पैदा करने की क्षमता के साथ फिल्म के नैरेटिव को आगे बढ़ाता है। याचिका में #KashmirFiles की 11 मार्च की रिलीज को रोकने की माँग की गई है।”

याचिकाकर्ता इंतजार हुसैन सईद ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स फिल्म केवल दुष्प्रचार का पीस है। ये भड़काऊ और आग लगाने वाला काम है। ये रचनात्मक अभिव्यक्ति नहीं है। #KashmirFiles संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के प्रतिबंधों के तहत आता है क्योंकि ‘व्यक्ति दूसरे के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए बुनियादी मौलिक अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता।

इस मसले पर विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर के जरिए कहा, “एक छोटी सी फिल्म से इतना डर! अब मुझे बताओ मैं क्या करूँ।”

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं किसी भी अदालत या उनकी पसंद के किसी भी मंच में साबित कर सकता हूँ कि मेरी फिल्म का हर फ्रेम, हर शब्द सच है। सच्चाई के सिवा कुछ नहीं। वे जितनी चाहें, उतनी बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं लेकिन मुझे चुप नहीं कराया जा सकता।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कौन थी वो राष्ट्रभक्त तिकड़ी, जो अंग्रेज कलक्टर ‘पंडित जैक्सन’ का वध कर फाँसी पर झूल गई: नासिक का वो केस, जिसने सावरकर भाइयों...

अनंत लक्ष्मण कन्हेरे, कृष्णाजी गोपाल कर्वे और विनायक नारायण देशपांडे को आज ही की तारीख यानी 19 अप्रैल 1910 को फाँसी पर लटका दिया गया था। इन तीनों ही क्रांतिकारियों की उम्र उस समय 18 से 20 वर्ष के बीच थी।

भारत विरोधी और इस्लामी प्रोपगेंडा से भरी है पाकिस्तानी ‘पत्रकार’ की डॉक्यूमेंट्री… मोहम्मद जुबैर और कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम प्रचार में जुटा

फेसबुक पर शहजाद हमीद अहमद भारतीय क्रिकेट टीम को 'Pussy Cat) कहते हुए देखा जा चुका है, तो साल 2022 में ब्रिटेन के लीचेस्टर में हुए हिंदू विरोधी दंगों को ये इस्लामिक नजरिए से आगे बढ़ाते हुए भी दिख चुका है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe