बॉलीवुड अभिनेता नास्सर अब्दुल्ला ने शिवसेना का समर्थन करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में तोड़फोड़ की घटनाएँ बालसाहब ठाकरे के समय से ही होती आ रही हैं। उन्होंने दावा किया कि जितने भी शिवसैनिक हैं, वो सभी महिलाओं की इज्जत करते हैं। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत शिवसेना के साथ आततायी हो गईं और इसलिए उनका दफ्तर तोड़ा गया। बकौल नास्सर अब्दुल्ला, ये बात तो माननी पड़ेगी कि शिवसैनिकों ने कंगना रनौत के साथ हाथापाई नहीं की।
उन्होंने ये बातें ‘आजतक’ पर अंजना ओम कश्यप के साथ एक चर्चा में कही। अंजना ओम कश्यप ने उनसे पूछा कि क्या वो ये कहना चाहते हैं कि चूँकि कंगना रनौत महिला हैं, इसीलिए शिवसैनिकों ने उनकी पिटाई नहीं की और पूर्व-नौसेना अधिकारी मदन शर्मा पुरुष हैं, इसीलिए उन्हें पीट कर घायल कर दिया गया? नास्सर अब्दुल्ला ने कहा कि कंगना रनौत महिला हैं, इसीलिए उनके दफ्तर पर बुलडोजर चला दिया, उन्हें थप्पड़ नहीं मारा।
जहाँ तक नास्सर अब्दुल्ला की बात है, वो बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्हें ‘आई एम ऑलवेज हियर (2004)’, ‘ओम शांति ओम (2007) और ‘गाँधी (1982)’ में काम करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 1992 में फिल्म ‘दिल आशना है’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने 1995 में टीवी सीरियल ‘स्वाभिमान’ में काम किया। हालाँकि, पिछले 8 वर्षों से उन्हें फ़िल्में नहीं मिल रही हैं।
वो टीवी डिबेट्स में अजीब तरीके से हाथ हिला कर अंग्रेजी बोलने के लिए भी जाने जाते हैं। ज्ञात हो कि हाल ही में कंगना रनौत के दफ्तर में बीएमसी ने तोड़फोड़ मचाई थी। बीएमसी ने कंगना रनौत के पाली स्थित ऑफिस के एक हिस्से को अवैध निर्माण का हवाला देते हुए ध्वस्त कर दिया था। जब ये सब किया जा रहा था, तब उस वक्त बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत मनाली से मुंबई के लिए निकल चुकी थीं और रास्ते में थी।
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कार्टून शुक्रवार को सोशल मीडिया में फॉरवर्ड करने पर मुंबई में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सेवानिवृत्त नेवी ऑफिसर मदन शर्मा पर हमला बोल दिया था। इस हमले में पूर्व नेवी अधिकारी की आँख बुरी तरह जख्मी हो गई थी। बाद में पुलिस उल्टा उन्हें ही गिरफ्तार करने आई थी। लेकिन, वह अपने घर से बाहर ही नहीं निकले। इस मामले में आरोपितों को गिरफ्तार कर थाने से ही जमानत भी दे दी गई।