भारतीय नागरिक बनने के लिए साल 2015 में अपनी पाकिस्तानी नागरिकता छोड़ने वाले गायक अदनान सामी ने दावा किया है कि जब वह पाकिस्तान में रह रहे थे तो वहाँ की सरकार ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। अदनान ने पाकिस्तान प्रशासन पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि वह जल्द ही वहाँ की सच्चाई का खुलासा करेंगे। सोमवार (14 नवंबर, 2022) को अदनान सामी ने ट्विटर पर एक नोट शेयर करते हुए कहा है, “लोग पूछते हैं कि पाकिस्तान के लिए मेरे दिल में इतनी नफरत क्यों है? सच तो यह है कि मेरे मन में पाकिस्तान के लोगों के प्रति कोई नफरत नहीं है, वहाँ के लोग भी मुझे प्यार करते हैं।”
— Adnan Sami (@AdnanSamiLive) November 14, 2022
उन्होंने यह भी कहा, “मेरी समस्या वहाँ की सरकार से है, जो लोग मुझे जानते हैं उन्हें पता है कि प्रशासन ने मेरे साथ क्या किया। यही वजह थी कि मैंने पाकिस्तान छोड़ दिया। जल्द ही इस पूरी सच्चाई का पर्दाफाश करूँगा, कि उन्होंने मेरे साथ क्या किया। इस बारे में कई लोगों को नहीं पता है, मेरे खुलासे से कम से कम आम जनता तो हैरान हो ही जाएगी। कई सालों तक मैं चुप रहा, सही समय आने पर खुलासा करूँगा।”
गौरतलब है कि अदनान सामी ने साल 2015 में पाकिस्तानी नागरिकता छोड़ दी थी। इसके बाद, भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन किया और साल 2016 में भारतीय नागरिक बन गए। अदनान संगीत की दुनिया के मशहूर गायक हैं। यही कारण है कि संगीत में उनके योगदान के लिए साल 2020 में उन्हें भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री भी दिया गया था। हालाँकि, पद्म श्री के लिए अदनान के नाम का ऐलान होने के बाद देश के एक बड़े वर्ग ने सरकार की पसंद की आलोचना की थी।
इस आलोचना का कारण अदनान के पिता अरशद सामी खान थे। जो कि पाकिस्तानी वायु सेना के रिटायर्ड अधिकारी थे, उन्होंने 1965 के युद्ध में भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इस आलोचना के बाद उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह एक भारतीय हैं और एक संगीतकार के रूप में उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने कहा था, “आप एक बेटे को उसके पिता के कृत्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते और पिता को उसके बेटे के कृत्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।”
अदनान सामी ने यह भी कहा था, “जहाँ तक मेरे पिता का सवाल है, वह एक सम्मानित सैनिक थे। उन्होंने, अपने मुल्क के लिए देशभक्ति का प्रदर्शन किया और मुझे इस पर गर्व है। मैंने उनसे एक वफादार नागरिक बनने को लेकर कई सबक सीखे हैं। आज मैं एक गौरवान्वित भारतीय हूँ। मेरी देशभक्ति और निष्ठा मेरे प्यारे देश के प्रति है और मुझे पुरस्कार मिलना विशुद्ध रूप से एक संगीतकार के रूप में मेरी योग्यता के आधार पर है और मेरे पिता के साथ मेरे जुड़ाव से इसका कोई लेना-देना नहीं है।”