Monday, September 30, 2024
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‘बंद करो दूसरो पर अपना मजहब थोपना’: इस्लाम को न मानने वाली उर्फी जावेद ने की तालिबान के पतन की कामना

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से वहाँ के नागरिक डर के साये में जीने को मजबूर हैं। उनकी आजादी छिन गई है। खासतौर पर महिलाएँ घुट-घुटकर जीने को मजबूर हैं।

इंटरनेट सेंसेशन उर्फी जावेद (Urfi Javed) अपने बोल्ड अंदाज और बेबाक बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं। इस्लाम को ना मानने वाली ‘बिग बॉस’ ओटीटी की एक्स कंटेस्टेंट ने इस बार तालिबान (Taliban) की आलोचना करते हुए उसके पतन की कामना की है। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने से वह खासा नाराज हैं।

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से वहाँ के नागरिक डर के साये में जीने को मजबूर हैं। उनकी आजादी छिन गई है। खासतौर पर महिलाएँ घुट-घुटकर जीने को मजबूर हैं। तालिबान ने अब नया नियम निकाला है। इसके तहत अकेली महिलाओं का लॉन्ग डिसटेंस रोड ट्रिप बैन कर दिया गया है। उर्फी ने तालिबान के इस फैसले की निंदा करते हुए मंगलवार (28 दिसंबर 2021) को अपनी इंस्टा स्टोरी में लिखा, “तालिबान का जल्दी पतन होने की कामना करती हूँ। दूसरों पर अपना मजहब थोपना बंद करें।”

साभार: उर्फी जावेद इंस्टाग्राम

इससे पहले भी उर्फी जावेद जबरन दूसरों पर अपना मजहब थोपने वाले मस्लिमों को करारा जवाब दे चुकी हैं। इन दिनों वह हिंदू धर्म को समझने के लिए भगवद गीता को पढ़ रही हैं। उनका कहना है कि वह मुस्लिम धर्म में भरोसा नहीं करती हैं। पिछले दिनों उर्फी जावेद ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं एक मुस्लिम लड़की हूँ और मुझे सोशल मीडिया पर सबसे अधिक मुस्लिम लोगों द्वारा ही ट्रोल किया जाता है। वो मुझे आपत्तिजनक कमेंट करते हैं। कहते हैं कि मैं इस्लाम की छवि खराब कर रही हूँ। वो मुझसे नफरत करते हैं, क्योंकि मुस्लिम पुरुष चाहते हैं कि महिलाएँ उनके बनाए एक दायरे के भीतर ही रहें।”

उन्होंने कहा था, “वे अपने समुदाय की सभी महिलाओं को कंट्रोल में करना चाहते हैं। इस वजह से मैं इस्लाम को नहीं मानती। वे मुझे इसलिए भी ट्रोल करते हैं, क्योंकि मैं उनके अनुसार कपड़े नहीं पहनती, उनके अनुसार अपने मजहब का पालन नहीं करती।”

बता दें कि जब उर्फी से पूछा गया कि क्या आप कभी अपने समुदाय के किसी व्यक्ति से निकाह करेंगी, अगर आपको उससे प्यार हो जाए तो। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, “मैं कभी मुस्लिम लड़के से निकाह नहीं करूँगी। मैं इस्लाम में विश्वास नहीं करती और मैं किसी भी मजहब का पालन नहीं करती, इसलिए मुझे परवाह नहीं है कि मैं किससे प्यार करती हूँ। हम जिससे चाहें उससे निकाह कर सकते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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