20 हजार करोड़ रुपए के निवेश को लेकर छिड़े विवाद के बीच अडानी समूह ने बीते 4 सालों का पूरा हिसाब सार्वजनिक किया है। अडानी समूह द्वारा जारी इन आँकड़ों को राहुल गाँधी को जवाब के रूप में देखा जा रहा है। यही नहीं, अडानी समूह ने ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की उस रिपोर्ट को भी झूठा करार दिया है, जिसमें विदेशी निवेश (FDI) को लेकर उस पर आरोप लगाए गए थे।
दरअसल, कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी अडानी समूह की आय को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। इसको लेकर वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी हमलावर रहे हैं। लेकिन अब अडानी समूह ने रविवार (10 अप्रैल, 2023) को साल 2019 से लेकर अब तक का पूरा हिसाब-किताब जारी किया है। अडानी समूह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि साल 2019 से अब तक समूह की कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी बेचकर 2.87 बिलियन डॉलर, यानी 23525 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इसमें से 2.55 बिलियन डॉलर, यानी 20902 करोड़ रुपयों को फिर से बिजनेस में लगाया गया।
अडानी समूह के बयान को विस्तार से देखें तो इसमें कहा गया है कि अबु धाबी स्थित ग्लोबल स्ट्रैटेजिक इनवेस्टमेंट कंपनी और इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी जैसे निवेशकों ने अडानी समूह की कंपनियों में 2.593 बिलियन डॉलर यानी 21255 करोड़ रुपए का निवेश किया। यह निवेश अडाणी इंटरप्राइजेस लिमिटेड और अडाणी एनर्जी लिमिटेड में किया गया। कंपनी के प्रमोटर्स ने अडानी टोटल गैस लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की हिस्सेदारी बेचकर 2.783 अरब डॉलर यानी करीब 22812 करोड़ रुपए जुटाए।
अडानी समूह ने आगे कहा है कि इन पैसों को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी पावर लिमिटेड जैसी पोर्टफोलियो कंपनियों में लगाया गया है।
फाइनेंशियल टाइम्स ने फैलाया झूठ: अडानी
ब्रिटेन के मीडिया संस्थान ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने अडानी समूह को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी समूह को जो विदेश निवेश (FDI) मिला है, इसमें से अधिकांश गौतम अडानी के परिवार से जुड़ी विदेशी कंपनियों से आए हैं। विदेशी कंपनियों ने अडानी समूह की कंपनियों में साल 2017 से 2022 के दौरान कम से कम 2.6 बिलियन डॉलर यानी करीब 21334 करोड़ रुपए का इन्वेस्ट किया। यह रकम अडानी समूह को मिले कुल 5.7 बिलियन डॉलर के FDI का 45.4% है।
हालाँकि अडानी समूह ने कहा है कि फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में जिस निवेशों के बारे में बताया है उनको लेकर 28 जनवरी 2021 और 23 जनवरी 2021 को जानकारी सार्वजनिक की जा चुकी है। यही नहीं अडानी समूह ने फाइनेंशियल टाइम्स को एक पत्र लिखते हुए रिपोर्ट डिलीट करने के लिए कहा है।
इस पत्र में कहा गया है, “अडानी समूह के खिलाफ नकारात्मक नैरिटव गढ़ा जा रहा है। जिस तरह की रिपोर्ट प्रकाशित की गई है उससे अडानी समूह की इमेज को काफी ठेस पहुँची है और यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया। इस रिपोर्ट को तुरंत हटाया जाए। हमें लगता है कि अडानी को बर्बाद करने का कॉम्पिटिशन अच्छा हो सकता है। लेकिन हम नियमों का पूरी तरह से पालन करते हैं। हम कंपनी के मालिकों व इसमें आ रहे निवेश को लेकर कोई भी बात अंधेरे में नहीं रखना चाहते।”