Sunday, September 1, 2024
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कौन हैं योगीराज, जिनको मिला है इंडिया गेट पर ‘नेताजी’ को तराशने का टास्क: केदारनाथ में आदि शंकराचार्य को भी कर चुके हैं तैयार

MBA की पढ़ाई कर चुके योगीराज पाँचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। वे मैसूरु महल के शिल्पकारों के परिवार से आते हैं। उनके पिता गायत्री और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए कार्य कर चुके हैं।

मैसूरु के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 30 फुट ऊँची प्रतिमा को तैयार करेंगे। नेताजी की इस प्रतिमा (Subhash Chandra 30 Ft Statue) को इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पीछे भव्य छत्र के नीचे स्थापित किया जाएगा। केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊँची प्रतिमा को भी योगीराज ने ही तैयार किया था, जिसका अनावरण पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

प्रतिमा के लिए एक बड़े काले जेड ग्रेनाइट पत्थर का चयन किया गया है, जिसे नक्काशी का काम पूरा होने से पहले दिल्ली ले जाया जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रतिमा का डिजाइन संस्कृति मंत्रालय के तहत नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) की एक टीम द्वारा तैयार किया गया है, जिसकी अध्यक्षता इसके महानिदेशक अद्वैत गडनायक (Adwaita Gadanayak) ने की है। अप्रैल में योगीराज ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें बोस की दो फीट की मूर्ति भेंट की थी। पीएम ने इस मुलाकात की फोटो ट्वीट करते हुए योगीराज को नेताजी बोस की असाधारण मूर्ति को शेयर करने के लिए धन्यवाद दिया था।

मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि योगीराज एनजीएमए टीम के साथ मिलकर काम करेंगे और विशेष रूप से प्रतिमा के चेहरे की विशेषताओं पर काम करेंगे, क्योंकि वह चित्र मूर्तियाँ बनाने में माहिर हैं। वह 1 जून को दिल्ली आएँगे और बोस की प्रतिमा पर काम 15 अगस्त की समय सीमा से पहले पूरा होने की उम्मीद है। योगीराज ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी कई तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें वह बहुत ही बारीकी से मूर्तियों को आकार देते हुए नजर आ रहे हैं।

सोशल मीडिया पर योगीराज की काफी फैन फॉलोइंग है। प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे, 37 वर्षीय अरुण योगीराज मैसूरु महल के शिल्पकारों के परिवार से आते हैं। अरुण के पिता गायत्री और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए भी कार्य कर चुके हैं। MBA तक पढ़ाई कर चुके योगीराज पाँचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। एमबीए की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में भी काम किया, लेकिन 2008 में मूर्तिकार बनने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी।

केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के निर्माण के अलावा, योगीराज ने मैसूरु में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा, महाराजा श्री कृष्णराज वाडियार-IV और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की प्रतिमा भी बनाई है।

गौरतलब है कि इस साल 21 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट की प्रतिमा स्थापित किए जाने की जानकारी दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “ऐसे समय जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा।” इसके बाद नेताजी की बेटी अनीता बोस ने प्रधानमंत्री आभार जताते हुए कहा था कि आजादी के सात दशक बाद नेताजी के आदर्शों और मूल्यों को पहचान मिल रही है। इससे देश में एक अच्छा संदेश जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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