20 वर्षों से रामलीला में दशरथ का रोल पूरी सजीवता से निभाने वाले बिजनौर के गाँव हसनपुर निवासी राजेंद्र ने रामलीला के मंच पर ही प्राण त्याग दिए हैं। घटना 14 अक्टूबर 2021 (गुरुवार) रात की बताई जा रही है। घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। दिवंगत राजेंद्र के सम्मान में रामलीला का मंचन रोक दिया गया।
अमर उजाला के अनुसार बिजनौर के अफजलगढ़ क्षेत्र हसनपुर गाँव में हुई इस घटना में दशरथ बने राजेंद्र के साथी कलाकार पहले इसे दशरथ का अभिनय समझते रहे। चल रही रामलीला में जब राजा दशरथ ने अपने महामंत्री सुमंत को वनवास के लिए गए राम के बिना वापस आते देखा तब वो भावुक हो उठे। उन्होंने 2 बार राम-राम कहा और जमीन पर गिर पड़े।
रामलीला देख रहे तमाम श्रद्धालु और अन्य कलाकार भी इस जीवंत मंचन से भावुक हो गए थे। इसी के साथ अगले दृश्य के लिए पर्दा गिरा दिया गया। साथी कलाकार जब राजेंद्र सिंह को उठाने पहुँचे तब उन सबको लगा कि कि वो अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी हालत देख कर एक स्थानीय डॉक्टर को बुलाया गया पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दिवंगत राजेंद्र सिंह की आयु लगभग 62 वर्ष थी। वो बचपन से ही धार्मिक अभिनयों में हिस्सा लेते रहे थे। उनकी मृत्यु का कारण हृदयगति रुकना बताया जा रहा है। दिवंगत राजेंद्र के भतीजे और उसी गाँव हसनपुर के रहने वाले आदेश के मुताबिक हर साल उनके गांव में 4 दिन की रामलीला आयोजित होती है। रामलीला के विशेष दृश्यों का यह मंचन सप्तमी से दशहरा तक चलता है।
इसमें अभिनय करने वाले कलाकार स्थानीय होते हैं। आदेश ने आगे बताया कि उनके चाचा मृत राजेंद्र सिंह गाँव के पूर्व प्रधान भी रह चुके थे। इस साल की भी रामलीला मंगलवार (12 अक्टूबर 2021) को शुरु हुई थी। गुरुवार (14 अक्टूबर 2021) को राम वनवास का मंचन था। इसी मंचन के दौरान दशरथ बने राजेंद्र सिंह की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।
इसी मामले पर और जानकारी देते हुए रामलीला समिति से जुड़े सदस्य गजराज सिंह ने बताया कि राजेंद्र सिंह पूरे जीवन अभिनय को समर्पित रहे। राजेंद्र सिंह के परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटे और 2 बेटियाँ हैं। उनका एक बेटा सीमा सुरक्षा बल (BSF) में कार्यरत है।