भारतीय मूल की प्रोफेसर प्रियंवदा गोपाल को उनके द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों के लिए काफी आलोचना मिल रही है। वह एक अमेरिकी लिबरल हैं, जो हिंदुओं के लिए अपने दिल में घृणा पालती हैं। वह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में उत्तर औपनिवेशिक स्टडीज की प्रोफेसर हैं।
31 अगस्त को प्रियंवदा गोपाल ने जलियांवाला बाग स्मारक की तुलना ‘व्हेल पेनिस’ (‘whale penis’) से की। दरअसल ट्विटर पर एक शख्स ने स्मारक के सौंदर्यशास्त्र को स्वीकार नहीं करने की बात कही। जिसके बाग प्रियंवदा ने यह तुलना किया। दोनों के बीच की बातचीत में यह स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है कि उन्हें यह पता नहीं है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने स्मारक का निर्माण नहीं किया है। यह दशकों से अस्तित्व में है।
वैसे यह पहली बार नहीं है कि प्रोफेसर प्रियंवदा गोपाल ने सोशल मीडिया पर इस तरह की विवादास्पद टिप्पणियाँ की हैं। 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के पारित होने के दौरान प्रियंवदा गोपाल ने H-1B वीजा का जिक्र करते हुए माँग की थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका हिंदुओं के नागरिक बनाने की प्रक्रिया को ब्लॉक करे और ‘उनके कीमती H-1Bs को छीन ले’।
हाल ही में, प्रियंवदा गोपाल ने दावा किया कि प्रसिद्ध विद्वान कोएनराड एल्स्ट ‘हिंदू वर्चस्ववाद के अनुयायी’ थे, जिसकी तुलना उन्होंने ‘आर्यन वर्चस्ववाद’ से की, जिसमें नाजी का प्रतीक है।
उनका दावा है कि हिंदूफोबिया को उजागर करने वाले हिंदू श्वेत वर्चस्ववादियों के समान हैं।
प्रोफेसर स्पष्ट रूप से किसी तरह यह साबित करने के लिए अडिग हैं कि हिंदुओं और श्वेत वर्चस्ववादियों के बीच एक साँठगाँठ है, जो कि एक हास्यास्पद दावा के अलावा और कुछ नहीं है।
उनके ट्वीट से साफ है कि प्रियंवदा गोपाल को पश्चिमी देशों में सफल होने वाले हर हिंदू से दिक्कत है। उन्होंने 2019 में इंग्लैंड की सरकार में गृह सचिव प्रीति पटेल के खिलाफ हिंदूफोबिक टिप्पणी की थी।
प्रियंवदा गोपाल ‘व्हाइट लाइव्स डॉन्ट मैटर, ऐज व्हाइट लाइव्स’ (White lives don’t matter. As White lives) कहने के बाद विवादों में आ गई थी। इसके लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने तुरंत एक ट्वीट करते हुए ‘ब्राह्मण-नस्ल को खत्म करने’ की माँग की थी।
To recap: Kamala Harris' mother & my parents are both Tamil Brahmin.
— Priyamvada Gopal (@PriyamvadaGopal) August 22, 2020
This is NOT a community fleeing identity politics. It is a community that went on a red carpet to the United States in the 1960s because of need for 'skilled' & highly educated immigrants.
हिंदुस्तानी माँ-बाप से पैदा हुई हैं प्रियंवदा गोपाल। ऊपर उन्हीं का ट्वीट है। कभी डिलीट करके भाग भी सकती हैं, इसलिए स्क्रीनशॉट भी साथ में।